विशेष संवाददाता। twocircles.net
एक और रोहिंग्या बस्ती में आग लग गई है। इस बार आग हरियाणा की नूह इलाक़े में लगी है। आग के कारणों का पता नही लग पाया है मगर इसकी साजिश से इंकार नही किया जा सकता है। इस साल इस तरह की यह तीसरी घटना है।
हरियाणा के नूह ज़िले के रोहिंग्या कैंप में बीते बुधवार आग लगने से लगभग 30 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं। आग के कारण झुग्गियों में रह रहे लगभग 102 शरणार्थी बेघर हो गए हैं। राहत कि बात ये रही कि इस आग में किसी को हताहत होने की खबर नहीं है। प्रशासन ने आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया है। नूह जिला प्रशासन के साथ साथ अन्य समाजिक और समाजसेवी संस्थाओं द्वारा बेघर हुए लोगों के लिए राहत कार्यों को अंजाम दिया जा रहा है।
नूह के फिरोजपुर नमक गांव के पास रोहिंग्या शरणार्थी शिविर हैं। यहां लगभग 32 झुग्गियां हैं लगभग जिसमें 102 लोग रहते हैं। यह सभी लोग 2012 में म्यांमार से आए थे तबसे यह सभी लोग यहीं पर रह रहे हैं। बीते बुधवार रात 8 बजे अचानक से शिविर में आग लग गई। आग के कारण लगभग 30 झुग्गियां जलकर राख हो गई जिससे शिविर में रह रहे लोगों पर से उनकी छत छिन गई।
आग लगने की सूचना पर फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस के अलावा जिला प्रशासन मौके पर पहुंच गया। फायर ब्रिगेड ने काफ़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग के कारण 32 में से 30 झुग्गियां जलकर राख हो गई। हालांकि गनीमत रही की इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। आग के दौरान घरों में मौजूद कई छोटे सिलेंडर भी फट गए। आग के कारण झुग्गियों में रखा शरणार्थियों का सामान भी जलकर राख हो गया।
इस घटना के कारण लगभग 100 लोग बेघर हुए हैं। प्रशासन के अनुसार आग शार्ट सर्किट के कारण लगीं थीं। हालांकि पुलिस इस मामले में जांच करने की बात कर रही है। ज़िला प्रशासन ने बेघर हुए लोगों के लिए फिरोजपुर गांव के सरकारी स्कूल के भवन में रहने का इंतजाम करा दिया हैं। सर्दी को देखते हुए प्रशासन की ओर बेघर हुए लोगों के लिए कंबल, गद्दे का भी इंतजाम किया गया। प्रशासन की ओर से 15 दिनों के राशन का सामान हर शरणार्थी परिवार को बांटा गया। राहत कार्य में कई समाजिक संगठन भी आगे आए हैं।
रोहिंग्या ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव के जाफरुल्लाह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि बुधवार लगभग रात आठ बजे के आसपास आग लगी और एक झोंपड़ी से फैल गई और शिविर में अन्य झोंपड़ियों को अपनी चपेट में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लोगों ने शोर मचाया और अफरा-तफरी मच गई। कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ। दो दुकानों को छोड़कर अधिकांश झुग्गियां पूरी तरह जलकर खाक हो गईं। कैंप में रहने वाले बच्चों समेत कुल 102 लोग विस्थापित हुए हैं। अधिकारी और आसपास के ग्रामीण रात के लिए एक स्कूल और आसपास के घरों में अस्थायी आवास की व्यवस्था कर रहे हैं।
नूह जिले के उपायुक्त शक्ति सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा गया सामान के साथ-साथ अगर कुछ जरूरी दस्तावेज रोहिंग्या परिवारों के आग की भेंट चढ़े तो उसके लिए भी उनकी मदद भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों की हर तरह से मदद की जाएंगी, किसी भी रोहिंग्या परिवार को किसी परेशानी का सामना नहीं करने दिया जाएगा।
वर्ष 2021 की यह तीसरी घटना हैं जब रोहिंग्या शरणार्थी कैंप में आग लगीं हैं। इससे पहले जून के महीने में दिल्ली में 55 झुग्गियों वालें शरणार्थी कैंप में और जम्मू में 12 परिवारों वाले कैंप में आग लग चुकी थी।