विशेष संवाददाता।twocircles.net
उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई हिंदू धर्म की संसद में भड़काऊ भाषणों का एक वीडियो सामने आया है। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी की अध्यक्षता में आयोजित इस धर्म संसद में वक्ता भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की बातें कर रहे हैं। इस धर्म संसद में कई भाजपा नेता भी शामिल हुए थे जिसमें अश्विनी उपाध्याय भी शामिल हैं जो जंतर-मंतर में मुसलामानों के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत पर हैं। धर्म संसद में दिए गए मुस्लिम विरोधी भाषाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहें हैं।
17 दिसंबर से लेकर 20 दिसंबर तक हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित वेद निकेतन आश्रम में हिंदू धर्म संसद का आयोजन किया गया था। इस धर्म संसद में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और ग़ाज़ियाबाद के साधु यति नरसिंहानंद सरस्वती, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और दक्षिणवादी संगठन हिंदू रक्षा सेना के स्वामी प्रबोधानंद, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर मां अन्नपूर्णा समेत धर्म संसद के आयोजक पंडित अधीर कौशिक समेत कई महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत शामिल हुए थे। ख़ास बात यह है कि इस धर्म संसद में अभी हाल ही में हिंदू बनें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) भी शामिल हुए थे। इस धर्म संसद में भाजपा नेता और भड़काऊ भाषणों के लिए मशहूर अश्विनी उपाध्याय भी शामिल हुए थे इसके अलावा भाजपा महिला मोर्चा की नेता उदिता त्यागी ने भी हिस्सा लिया था, यह दर्शाता है कि सत्ताधारी भाजपा ऐसे लोगों को शह दे रही है।
धर्म संसद खत्म होने के लगभग चार दिन बाद सोशल मीडिया पर धर्म संसद में दिए गए भाषणों के वीडियो वायरल हो रहें हैं। वीडियो में वक्ता मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ खुलकर नफरत भरे भाषण दे रहे हैं ,यहां तक कि उनके नरसंहार का आह्वान भी कर रहे हैं।
वीडियो में दक्षिणपंथी संगठन हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रबोधानंद गिरि कहते हुए दिख रहे हैं कि , ‘हमें तैयारी करनी होगी। और मैं आपको बताऊंगा कि क्या काम करना होगा, यही समाधान है और आपके लिए यही रास्ता है। म्यांमार में हिंदुओं को भगाया गया। नेता, सरकार और पुलिस बस खड़े होकर देख रहे थे। उन्होंने गले काटकर उन्हें मारना शुरू कर दिया और इतना ही नहीं, वे उन्हें सड़कों पर काटकर खाने लगे। देखने वालों ने सोचा होगा कि हम मरने वाले हैं, हम बचेंगे नहीं।
स्वामी प्रबोधानंद गिरि कहते हैं कि अब यह हमारा देश है। आपने दिल्ली बॉर्डर पर यह देखा है, उन्होंने हिंदुओं को मार डाला और उन्हें लटका दिया। अब और समय नहीं है, हाल यह है कि या तो तुम अभी मरने की तैयारी करो, या मारने के लिए तैयार हो जाओ, और कोई रास्ता नहीं है। इसलिए, म्यांमार की तरह, यहां की पुलिस, यहां के नेता, सेना और हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और हमें यह सफाई अभियान चलाना होगा। इसके अलावा कोई उपाय नहीं है।
हिंदू महासभा की जनरल सेक्रेटरी और निरंजनी अखाड़ा महामंडलेश्वर साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ शकुन पांडे ने कहा कि अगर हमारे धर्म पर, हिंदुत्व पर खतरा मंडराएगा तो मैं कुछ भी नहीं सोचूंगी, भले ही मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों ना कर दो। मगर मैं शस्त्र उठाऊंगी और मैं हिंदुत्व को बचाऊंगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारे हाथ ही शेर के पंजे की तरह हैं। अगर शस्त्र नहीं भी रहेगा तो मेरे पंजे ही शेरनी की तरह हैं, फाड़ कर रख देंगे। उन्होंने कहा कि यह धर्म संसद नहीं है, जागरूकता है। उन्होंने आगे कहा कि 2029 में आप लोग मुसलमान प्रधानमंत्री नहीं होने देंगे, ऐसा आप लोग वचन ले. उन्होंने कहा कि धर्म बचाना चाहते हो तो कॉपी-किताबों को रख दो और हाथ में शस्त्र उठा लो।
एक अन्य वीडियो में एक वक्ता मंच से कह रहे हैं कि साध्वी जी ने बहुत अच्छी बात कही कि मुसलमानों को मारने के लिए तलवारों की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि तलवार से वे आपसे मरेंगे भी नहीं। आपको टेक्नीक में उनसे बहुत आगे जाना होगा, वे बहुत अच्छे हथियार लेकर बैठे हैं। हथियार उठाए बिना धरती की कोई कौम न तो बच सकती है और न ही कभी बचेगी। इस पर लोग तालियां बजाने लगते हैं।
मुस्लिम विरोधी भाषण देने के लिए मशहूर यति नरसिंहानंद वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि आर्थिक बहिष्कार से काम नहीं चलेगा। हिंदू समूहों को खुद को अपडेट करने की जरूरत है। तलवारों की बात भूल जाओ। तलवारें मंच पर ही अच्छी लगती हैं। ये लड़ाई बेहतर हथियार वाले लोग ही जीतेंगे। झूठी बातों में मत रहना,ज्यादा से ज्यादा बच्चे और अच्छे हथियार ही तुम्हें बचाने वाले हैं, सबको अपने घर परिवार खुद बचाने होंगे।
वीडियो में हिंदू राष्ट्र की स्थापना की मांग करते हुए आनंद स्वरूप महाराज ने कहा कि अगर सरकारें हिंदू राष्ट्र की मांग नहीं सुनती है, तो हम 1857 के विद्रोह की तुलना में कहीं अधिक भयानक युद्ध छेड़ेंगे।
एक अन्य वायरल वीडियो में बिहार के धर्मदास महाराज ने कहा कि अगर मैं उस वक्त संसद में मौजूद होता, जब पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के राष्ट्रीय संसाधनों पर अल्पसंख्यकों का सबसे पहला हक है, तो मैं नाथूराम गोडसे का अनुसरण करता, मैं उनके सीने में छह बार रिवॉल्वर से गोली मार देता।
धर्म संसद में मुसलमानों के विरुद्ध भड़काऊ भाषण देने और हिंसा का आह्वान करने वाले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और दक्षिणवादी संगठन हिंदू रक्षा सेना के स्वामी प्रबोधानंद गिरी के सोशल मीडिया पर कई बीजेपी नेताओं के साथ फ़ोटो वायरल हो रहें हैं। प्रबोधानंद गिरी की तस्वीरें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड की भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ फ़ोटो सामने आईं हैं। इसके अलावा एक अन्य तस्वीर सामने आई है जिसमें उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रबोधानंद गिरी के पैर छूते हुए दिखाईं दे रहे हैं। यह दर्शाता है कि भाजपा ऐसे लोगों को शह दे रहीं हैं।
हैरानी की बात ये है कि देश के अल्पसंख्यक समुदाय के विरुद्ध इस तरह की खुली बयानबाजी होती रहीं और उत्तराखंड पुलिस सोती रहीं। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद देशभर में इन भाषणों की चौतरफा निंदा शुरू हुई तब जाकर हरिद्वार पुलिस जागी और लीपापोती करने के लिए मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणित और भड़काऊ बयानबाजी करने के आरोप में जितेंद्र नारायण त्यागी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। जितेंद्र नारायण त्यागी ने अभी हाल में ही हिंदू धर्म अपनाया है। जितेंद्र नारायण त्यागी का पहले वसीम रिज़वी नाम था और वो यूपी शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष रह चुका हैं।
उत्तराखंड पुलिस ने ट्वीट करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153ए आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
ख़ास बात यह है कि धर्म संसद की अध्यक्षता करने वाले हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद का नाम एफआईआर में नहीं हैं। यति नरसिंहानंद अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले स्वामी प्रबोधानंद गिरि, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ पूजा शकुन पांडेय और स्वामी आनंदस्वरूप के खिलाफ अभी तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस ने जीतेंद्र नारायण त्यागी के विरुद्ध मामले को दर्ज कर महज़ लीपापोती की हैं।
कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने हरिद्वार में हुई ‘धर्म संसद’ को ‘घृणा भाषण वाला सम्मेलन’ करार दिया और इसकी निंदा की हैं। विपक्षी दलों ने मांग की है कि कि इस सम्मेलन में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि हिंदुत्ववादी हमेशा नफ़रत व हिंसा फैलाते हैं और इसकी कीमत हिंदू-मुसलमान-सिख-ईसाई चुकाते हैं।
सीपीआई (एम) ने ट्वीट करते हुए कहा कि मुनव्वर फारूकी को कथित चुटकुलों के लिए लगातार दंडित किया गया है, जिसे उन्होंने कभी किया ही नहीं, लेकिन ‘धर्म संसद’ के सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिन्होंने हरिद्वार में खुले तौर पर मुसलमानों के खिलाफ नरसंहार का आह्वान किया था. क्या भारत अभी भी एक लोकतंत्र है!
टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने धर्म संसद के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। साकेत गोखले ने इस संबंध में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर थाने में शिकायत दर्ज कर 24 घंटे के भीतर थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिखकर भड़काऊ बयानबाज़ी को संज्ञान लेने का अनुरोध किया है। मौलाना महमूद मदनी ने कहा है कि धर्म संसद की बैठक में देश की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए खतरा पैदा किया हैं। मैं मांग करता हूं कि आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।