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वसीम जाफर के समर्थन में उतरे अब उत्तराखंड क्रिकेट टीम के कप्तान इकबाल अब्दुल्ला

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net 

वसीम जाफर पर साम्प्रदायिकता के गंभीर आरोप लगने के बाद उत्तराखंड टीम के कप्तान इकबाल अब्दुल्लाह अपने बयान के साथ जाफर के समर्थन में आगे आएं हैं। अब यह विवाद काफी गहरा गया है। दुर्भाग्यपूर्ण तरीके विवाद की वजह जुमे की नमाज के दौरान मौलाना को बुलाना बताई जा रही है। अब उत्तराखंड के क्रिकेट कप्तान इकबाल अब्दुल्ला ने कहा है कि नमाज़ पढ़ने के लिए मौलाना उन्होंने मैनेजर नवनीत मिश्रा की अनुमति से बुलाये थे क्योंकि खिलाड़ी नमाज पढ़ने मस्जिद नही जा सकते थे।

वसीम जाफर के इस्तीफे के तुरन्त बाद ही उनके पर आरोप लगने लगे थे कि उन्होंने टीम में सांप्रदायिकता को बढ़ावा देते हुए पक्षपात किया और मौलवी को टीम के ड्रेसिंग रूम मे बुलवाकर बायो बबल का भी उल्लघंन किया, हालांकि जाफर ने खुद पे लगे इन आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है।

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) के सचिव महिम वर्मा ने बताया कि टीम मैनेजर नवनीत मिश्रा से बायो बबल के उलंघन के पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी गई थी जिस रिपोर्ट के अनुसार वसीम जाफर के अनुमति से मौलवी को बुलवाया गया था लेकिन टीम कप्तान इकबाल अब्दुल्लाह ने जाफर पे लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा,

“हम (मुस्लिम) बिना मौलवी के जुमा की नमाज़ नहीं पढ़ सकते और हम नमाज़ भी हमारे अभ्यास के बाद शाम 3:40 बजे ही पढ़ते थे, मैंने पहले वसीम भाई से अनुमति मांगी मौलवी को बुलाने की लेकिन उन्होंने टीम मैनेजर से अनुमति मांगने को कहा, जिसपर मैनेजर नवनीत मिश्रा ने मुझसे कहा कि, ‘कोई नहीं इकबाल, नमाज़ और धर्म पहले,’ मैनेजर ने मुझे अनुमति दी तभी हमने मौलवी को नमाज़ पढ़वाने के लिए बुलवाया था” उन्होंने ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को  बताया की “अगर बायो बबल का ख्याल  रखा जाता तो मैनेजर हमे क्यों अनुमति देते ! “

सांप्रदायिकता फैलाने के आरोपों पर इकबाल ने कहा कि उन्हें बहुत दुख हुआ ये जानकर कि पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर जाफर को इस तरह से आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि उन्होंने कभी भी ऐसी कोई कोशिश नहीं की।

इकबाल ने कहा कि “वसीम भाई ने हमेशा टीम की भलाई सोंची और कभी भी पक्षपात नहीं किया, कोई भी क्रिकेटर कभी नहीं चाहेगा के उन पर इस तरह के आरोप लगे, मैंने वसीम भाई से बात की वो बहुत दुखी है, इस तरह के आरोप असली मुद्दों से भटकाने के लिए लग रहे हैं”।
“स्लोगन ‘रामभक्त हनुमान की जय’ को हटाने के आरोप में इकबाल ने कहा कि टीम में पहले कम से कम 50 स्लोगन थे, जैसे ‘बार बार हां, बोलो यार हां’ तो कभी ‘जो बोले सो निहाल’, कभी ‘ गो ग्रीन ‘ तो कभी ‘गो उत्तराखंड’ या कभी ‘जय श्री राम’, जाफर सिर्फ ये चाहते थे कि कोई एक स्लोगन हो जिसमे उत्तराखंड टीम का नाम भी आए इसलिए सारे खिलाड़ियों ने ‘गो उत्तराखंड’ को चुना। “