आकिल हुसैन।Twocircles.net
तबलीग़ जमात की तर्ज अब लव जिहाद के मामले भी झूठे निकल रहे हैं। जांच के बाद यह सामने आ रहा है कि ये एक समुदाय के प्रति नफ़रत फैलाने और झूठी कहानी रचने अलावा कुछ भी नही है।
अब बरेली में लव जिहाद के आरोपों की घटना झूठी निकली है । साल के पहले दिन बरेली की युवती ने मुस्लिम युवक पर जबरन शादी कराने और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया था। पुलिस जांच में यह पूरा मामला झूठा निकला है। पुलिस जांच में छेड़छाड़ और धर्मांतरण के मामले में तथ्य झूठे पाए गए हैं।पुलिस की जांच में आरोपी की लोकेशन वारदात स्थल पर नहीं मिली है। पुलिस के अनुसार केस को खत्म किया जाएगा।
बीते शुक्रवार को बरेली के फरीदपुर तहसील के रहने वाले अबरार के खिलाफ लव जिहाद का मामला दर्ज किया था। नर्सिंग की एक छात्रा ने आरोप लगाए थे कि अबरार ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर उसे तमंचे के बल पर रोका और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया।आरोपी कई महीनों से छात्रा का पीछा कर रहा था।इतना ही नहीं जब उसने अपने धर्म के लड़के से शादी कर ली तो आरोपी उसकी ससुराल जाकर शादी तुड़वाने की भी कोशिश की। आरोप यह भी था कि जब छात्रा ने इनकार किया तो आरोपियों ने उसके पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जिससे छात्रा काफी दहशत में आ गई। इस पूरे मामले की शिकायत छात्रा की ओर से फरीदपुर थाने ने पुलिस में की गई थी और पुलिस ने तहरीर के आधार पर लव जिहाद का मुकदमा दर्ज कर लिया था। छात्रा की तहरीर पर पुलिस हरकत में आई। साथ ही आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भी कार्रवाई तेज कर दी गई थी।
पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि जिन तीन मुस्लिम युवकों के खिलाफ छात्रा ने शिकायत की है वह घटना के समय बरेली में नहीं थे। छात्रा ने तीनों युवकों पर तमंचा दिखाकर घेरने की कोशिश करने के आरोप लगाए थे लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो पता चला कि आरोपी उस दिन फरीदपुर में नहीं थे। आरोपों की जांच पड़ताल और सर्विलांस रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि लगाए गए सभी आरोप निराधार है।
पुलिस जांच के अनुसार छात्रा ने जिस दिन की घटना बताई हैं उस दिन आरोपी अबरार मौके पर मौजूद नहीं है बल्कि घटना से कई किलोमीटर दूर है। पुलिस के अनुसार उसकी लोकेशन और प्राथमिक पड़ताल के साथ-साथ गवाहों के बयानों के आधार पर मुकदमे को खत्म किया जाएगा और झूठे आरोप लगाने के कारण शिकायतकर्ता के खिलाफ धारा 182 के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने तीनों आरोपी युवकों को क्लीन चिट देने के साथ ही आईपीसी की धारा 182 के तहत शिकायतकर्ता के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
पुलिस जांच में यह भी बात सामने आई है कि बरेली नर्सिंग कॉलेज की छात्रा और युवक अबरार पहले से एक दूसरे के संपर्क में थे। वह बिना किसी को बताए युवक के साथ कहीं चली गई थी। तब युवती के मामा ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी और पुलिस ने 9 दिन बाद युवती को खोज निकाला था। छात्रा के परिजनों ने पुलिस ने शिकायत की तो छात्रा वापस अपने घर आ गई। इसके बाद युवती के परिजनों ने कुछ महीने पहले युवती की शादी करा दी थी। लेकिन शादी के कुछ महीनों बाद युवक उससे मिलने उसके ससुराल पहुंच गया।
इधर पीड़ित छात्रा के भाई ने पुलिस की इस कार्रवाई को गलत बताया है और कहा है कि पुलिस आरोपियों से मिल गई है। पीड़ित छात्रा ने मुकदमे को सही बताते हुए आरोपियों की गिरफ़तारी न होने पर आत्महत्या की बात कही है। इसके बाद हिन्दू संगठनों ने भी पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है।