जिब्रानऊदीन। Twocircles.net
बिहार में एक हफ्ते के अंदर में अलग अलग जगहों पर दो दिल दहला देने वाली मॉब लिंचिंग घटनाएं घटित हुई हैं। पहला मामला समस्तीपुर जिले का है तो वहीं दूसरा अररिया का। दोनो ही जगहों पर सामान्य प्रतिरूप में भीड़ द्वारा कानून को अपने हाथ में लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के दो मासूम लोगों की हत्या कर दी गई।
बीते सोमवार को समस्तीपुर के अधरपुर पंचायत में उस समय तनाव व्यक्त हो गया। जब बहुसंख्यक भीड़ ने किसी मोहम्मद हसनैन के घर में घुसकर 2 लोगों को पीटा और एक महिला की हत्या कर दी। सारे मामले की शुरुआत उसी सुबह एक 30 वर्षीय व्यक्ति,श्रवण कुमार की हत्या के बाद से हुई। जिसके बाद हत्या का बदला लेने के लिए भीड़ ने दंगा शुरू कर दिया। भीड़ ने संदिग्ध हत्यारे, मोहम्मद हसनैन की पत्नी को पीट पीटकर मार डाला, और लाखों रुपए के वाहनों और निजी संपत्तियों में आग में दी।
पुलिस के अनुसार, सुबह करीब 9 बजे अधरपुर पंचायत के डिप्टी मुखिया, मोहम्मद हसनैन ने अपने पड़ोसी, श्रवण कुमार पर 2 राउंड गोली मारकर उसकी हत्या कर दी थी। हत्या की वजह आपसी मतभेद को बताई गई। चश्मदीद के मुताबिक उस दिन श्रवण शाम में होने वाले एक कार्यक्रम की तैयारी में थे। और भारी वर्षा के बाद हुए जलजमाव की निकासी कर रहे थे लेकिन हसनैन ने इसका विरोध जताया। बात बढ़ते-बढ़ते इतनी ज्यादा बढ़ गई के हसनैन ने अपनी बंदूक निकालकर दो राउंड फायरिंग श्रवण पर दाग दिए। जिससे श्रवण कुमार ने सदर अस्पताल जाते समय रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
इसके बाद जो हुआ वो पूरी इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना थी। अभी पुलिस द्वारा जांच पूरी भी न हो सकी थी के आक्रोशित स्थानीय लोगों ने कानून को ताक में रख दिया। मॉब लिंचिंग की हर घटना की तरह ही इसमें भी जाने कहां से बिना समय गंवाए एक भीड़ इक्ट्ठा हो गई जिसने जमकर खूब उत्पात मचाया। सबसे पहले भीड़ ने हसनैन के घर पर हमला कर दिया। उन्होंने उसकी पत्नी मुनव्वर खातून (35), चाचा नूर आलम (60) और भतीजे मोहम्मद अनवर की बहुत पिटाई की। आपको बताते चलें कि पत्नी मुनव्वर खातून बार बार उस भीड़ से कहती रही के, वो खुद अपने हत्यारे पति के खिलाफ गवाही दे देगी लेकिन निर्दय भीड़ ने उसकी एक न सुनी और उस मासूम की जान ले ली।
पुलिस अधीक्षक एम एस ढिल्लों ने मीडिया को बताया कि अनवर और आलम को दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) में रेफर कर दिया गया था। जबकि मुनव्वर खातून की अस्पताल ले जाते समय ही मौत हो गई थी।
पिटाई करने और जान लेने के बाद भी भीड़ नहीं थमी, वो डिप्टी मुखिया के संपत्तियों को बरबाद करने निकल पड़ी। भीड़ ने हसनैन के दो वाहनों में आग लगाकर, खादी भंडार चौक पर उसके द्वारा चलाए जा रहे ग्राहक सेवा केंद्र में भी आग लगा दी। पुलिस प्रशासन पूरे घटना के समय भीड़ के सामने बिल्कुल बेबस सी दिखी। पुलिस की मानें तो उन्हे काफी मशक्कत करना पड़ा था भीड़ को काबू में करने के लिए। हालांकि फौरी तौर पर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
इधर मॉब लिंचिंग का दूसरा मामला अररिया जिले का है। जिसमें शनिवार की रात, एक 27 वर्षीय मुस्लिम युवक को हिंदू भीड़ ने चोरी का आरोप लगाते हुए पीट-पीटकर मार डाला। ये घटना जोकीहाट थाना क्षेत्र के चकई गांव के यादव टोला का है। मृतक इस्माइल महलगांव थाना क्षेत्र के कुर्सैल पंचायत के बलुवा टपरा टोला निवासी मोहम्मद शोएब के पुत्र थें। इस्माइल पर भीड़ ने आरोप लगाया कि वो चोरी कर रहा था इसलिए उसे खंबे से बांधकर पीटा गया। हालांकि इस बात की जांच चल रही है और अभी तक उन्हीं ग्रामीणों, जिन्होंने पिटाई की है, के बयान के इलावा इस बात का कोई दूसरा पुख्ता सबूत नहीं है।
हालांकि जमकर पिटाई कर लेने के बाद कुछ ग्रामीणों ने इस्माइल को अस्पताल भी पहुंचाया लेकिन डॉक्टरों ने पहले ही उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद वो सारे ग्रामीण वहां फरार हो गए। पुलिस को जब इस घटना की खबर मिली तो वह तुरंत ही अस्पताल पहुंचकर इस्माइल के शव को कब्ज़े में लेकर पंचनामा के लिए भेजवा दिया। अररिया जिले के एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने जानकारी दी के अबतक दो लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। सोशल मीडिया पर बिहार सरकार पर खूब उंगलियां उठ रही हैं।
अररिया जिले के मकसूद अनवर ने twocircles.net को बताया कि उन्होंने पीड़ित के पत्नी बीबी मसर्रत से बातचीत की तो मामले के कुछ और ही पहलू सामने आएं। मसर्रत के अनुसार, इस्माइल रोज़ाना दूध लाने के लिए यादव टोला जाया करते थें। शनिवार रात को भीड़ द्वारा उनकी हत्या कर दी गई और बाद उनके ऊपर झूठा आरोप लगाया गया की वो चोर है। मसर्रत ने प्रशासन पर भरोसा जताया है की वही मामले की तह तक जाकर इंसाफ करेंगे। इस्माइल अपने घर के इकलौते कमाने वाले व्यक्ति थें।