कासगंज में अल्ताफ़ की पुलिस हिरासत में मौत, परिजनों ने कहा ‘हत्या’

स्टाफ़ रिपोर्टर।Twocircles.net

उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में मौतों की घटनाएं आम बनती जा रही है। ताज़ा मामला यूपी के कासगंज का हैं। 22 वर्षीय अल्ताफ़ को पुलिस ने एक किशोरी को अगवा करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जहां मंगलवार शाम को अल्ताफ़ की कोतवाली में पुलिस हिरासत में मौत हो गई हैं। इसको लेकर पुलिस का कहना है कि युवक ने हवालात के टॉयलेट में फांसी लगा ली। पुलिस के इस तर्क पर कई सवाल उठते हैं कि टॉयलेट में लगे ढाई फीट ऊंचे प्लास्टिक के पाइप से फंदा बांधकर कोई कैसे खुदकुशी कर सकता है। पुलिस हिरासत में हुई अल्ताफ़ की मौत ने एक बार फिर यूपी पुलिस की कार्यशैली पर फिर से सवाल खडे़ कर दिए हैं। अभी कुछ दिन पहले ही आगरा के सफाईकर्मी अरुण वाल्मिकी मौत का मामला काफी सुर्खियों में रहा था।


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कासगंज के सदर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला नगला सय्यैद अहरोली निवासी चाहत मियां के 22 वर्षीय पुत्र अल्ताफ़ को पुलिस ने सोमवार 8 नवंबर की शाम लगभग 8 बजे एक लड़की को भगाने के आरोप में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। अल्ताफ़ पुलिस हिरासत में ही था, फिर 9 नवंबर मंगलवार को शाम के आसपास अल्ताफ़ की मौत की कोतवाली में ही मृत्यु हो गई।‌ दरअसल एक रिपोर्ट के अनुसार अल्ताफ़ फ़र्श पर टाइल लगाने का काम करता था और अल्ताफ़ ने किसी घर में टाइल लगाने का काम किया था। और उस घर की लड़की लापता हो गयी। परिजनों ने अल्ताफ़ पर आरोप लगाया कि अल्ताफ़ उनकी लड़की को भगा ले गया। लड़की के परिजनों ने ही अल्ताफ़ के विरुद्ध पुलिस में शिकायत की थी।‌

पुलिस का कहना है कि जब पुलिस पूछताछ कर रही थी, तभी उसने पुलिसकर्मी से बाथरूम जाने की बात कही, पुलिसकर्मी ने उसे हवालात के अंदर बने बाथरूम में भेज दिया, कुछ देर तक बाहर न आने पर पुलिसकर्मी द्वारा जाकर देखा गया तो उसने जैकेट के हुड में लगी डोरी को नल में बांधकर अपना गला कस लिया था। फांसी लगने के बाद आनन-फानन में पुलिसकर्मी अल्ताफ़ को समुदायिक केंद्र अशोक नगर ले गए जहां दस मिनट बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

मृतक अल्ताफ के पिता चाहत मियां ने कासगंज पुलिस पर उनके बेटे की हत्या करने का आरोप लगाया है। चाहत मियां ने मीडिया से बताया कि उन्होंने 8 नवंबर को आठ बजे अपने बेटे को घर से खुद पुलिसवालों के हवाले किया। उस पर लड़की को भगाने का आरोप था, जब मैं चौकी आया तो मुझे भगा दिया गया। आज मुझे 24 घंटे बाद मुझे पता चला कि मेरे बेटे को हवालात में फांसी लगा दी गयी है। उन्होंने कहा कि बड़े थाने में यह घटना हुई है, मैंने पुलिसवालों को अपने बेटे को सौंपा था, इसलिए उम्मीद है कि पुलिसवालों ने ही ये फांसी लगाई है।

अल्ताफ़ के पिता चाहत मियां का कहना है कि लड़की को अगवा करने के मामले में पड़ताल के लिए उन्होंने खुद बेटे को पुलिस को सौंपा था। लेकिन हवालात में पुलिस ने मेरे बेटे की हत्या कर दी। अल्ताफ के पिता चाहत मियां ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस उनके बेटे को सोमवार रात आठ बजे घर से ले गई थी। कुछ देर बाद वे थाने पहुंचे तो पुलिसकर्मियों ने उनके साथ खराब व्यवहार किया और थाने में ना आने की धमकी दी। चाहत मियां के अनुसार उनके बेटे अल्ताफ़ का कोई अपराधिक इतिहास नहीं था, वो बेगुनाह था।

अल्ताफ़ के पिता ने यह भी आरोप लगाया है कि पोस्टमार्टम के दौरान पोस्टमार्टम हाउस का मुख्य दरवाजा भी पुलिस द्वारा बंद कर दिया गया था। परिजनों के बार बार कहने के बावजूद परिजनों को अंदर नहीं जाने दिया गया।

इस मामले में एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने मीडिया को बताया कि कासगंज कोतवाली में आईपीसी 363 और 366 के एक प्रकरण के संदर्भ में अल्ताफ पुत्र चाहत मियां को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन लाया गया था। जहां उसने पूछताछ के दौरान पुलिसकर्मियों से टॉयलेट जाने का अनुरोध किया जिसके बाद उसे हवालात में बने टॉयलेट में भेजा गया। एसपी रोहन प्रमोद ने कहा कि अल्ताफ ने टॉयलेट के अंदर लगे नल में अपने जैकेट के हुड में लगी डोरी को फंसाकर गला घोंटने की कोशिश की, काफी देर तक वह बाहर नहीं निकला तो पुलिसकर्मी अंदर गए और बेहोशी की हालत में उसे सीएचसी अशोक नगर कासगंज में उसे पहुंचाया, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

टोटी जिसमें पुलिस फांसी लगाने की बात कह रहीं हैं..Pic -socialmedia

एसपी रोहन प्रमोद बोत्रे ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिले के एसपी ने 5 पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर मामले की जांच के आदेश दिये हैं। एसपी ने जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है, उनमें शहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र सिंह इंदौलिया, एसआई चंद्रेश गौतम, विकास कुमार, हेड मुहर्रिर घनेंद्र सिंह, आरक्षी सौरभ सोलंकी शामिल हैं।

अल्ताफ की संदिग्ध मौत में पुलिस की पाइप से लटककर जान देने की थ्योरी पर कई सवाल उठते हैं। इस थ्योरी ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं।‌ आजतक की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस जिस नल से फांसी लगाने की बात की जा रही है, उसकी ऊंचाई महज 2 फीट होगी। ऐसे में सवाल उठता है कि कोई दो फीट ऊंचे नल पर लटककर कैसे फांसी लगा सकता है। कांग्रेस समेत विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

इस मामले में कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने एक ट्वीट में यूपी पुलिस पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “थाने की बाथरूम में लगी नल की टोंटी से लटककर कोई आत्महत्या कैसे कर सकता है उत्तर प्रदेश पुलिस? क्या आरोपी की लंबाई 1-2 फ़ीट थी?

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