न्यूज़ डेस्क।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर ज़िले में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के बाद हुई हिंसा में 8 लोगों की मृत्यु हुई है। लखीमपुर से लगभग 75 किलोमीटर स्थित तिकुनिया गांव में हुई हिंसा में लगभग 15 लोग घायल भी हो गए हैं। आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया, जिससे 4 की मौत हो गई। इसके बाद भड़की हिंसा में 4 लोग और मारे गए जिसमें बीजेपी के कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इस घटना के प्रदेश भर में बवाल मचा हुआ है। विपक्षी दलों के बड़े नेता लखीमपुर कूच करने का ऐलान किया तो सरकार ने सबको बंदी बना लिया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे, जहां उनको विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होना था, जहां उनके साथ लखीमपुर के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी भी थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने उपमुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के विरोध का ऐलान किया था जिसमें लखीमपुर और आसपास के दूसरे ज़िलों से किसान भी शामिल थे।
रविवार को सुबह ही किसानों ने पहले तो महाराजा अग्रसेन स्पोर्ट्स ग्राउंड में केशव प्रसाद मौर्य के हेलीकॉप्टर उतरने के लिए बने हेलीपैड पर कब्ज़ा कर लिया। इसके कारण केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में बदलाव किया गया और वह लखनऊ से सड़क मार्ग से लखीमपुर पहुंचे।
केशव प्रसाद मौर्य और अजय मिश्र टेनी लखीमपुर ज़िला मुख्यालय से विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम के बाद सांसद और मंत्री अजय मिश्रा टेनी के गांव बनवीरपुर के लिए निकले। तिकुनिया से बनवारीपुर महज़ चार किलोमीटर की दूरी पर है। बनवारीपुर से पहले तिकुनिया में एक कार्यक्रम में केशव मौर्य और अजय मिश्रा को शामिल होना था। यह कार्यक्रम एक प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करने के लिए था जिसका आयोजन अजय मिश्रा द्वारा 2 अक्टूबर को करवाया गया था।
किसान टेनी और केशव को काले झंडे दिखाने के लिए तिकुनिया-बनवीरपुर मोड़ पर खड़े थे। जैसे ही काफिला वहां पहुंचा किसानों ने अजय मिश्रा और केशव मौर्य का विरोध किया और दोनों को काले झंडे दिखाए गए। इसके बाद अजय मिश्रा की तीन गाड़ियों का काफिला तिकुनिया पहुंचा जहां वे केशव मौर्य के काफिले को रिसीव करने के लिए पहुंचा। इसी दौरान सड़क किनारे विरोध करने को खड़े किसानों पर यह तीन गाड़ियों का काफिला तेज़ी से रौंदता हुआ निकल गया। इस घटना में चार किसानों की मृत्यु हो गई।
ड्राइवर और तीन भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत
चार किसानों की मृत्यु के बाद किसान आक्रोशित हो गए और हिंसा भड़क गई। किसानों ने वहां मौजूद मंत्री अजय मिश्रा की गाड़ियों में तोड़फोड़ और आग लगा दी। केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत के लिए लगे बेंनरो को उखाड़ डाला गया। इस दौरान हुई हिंसा में दो बीजेपी कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार की मृत्यु हो गई। मृतकों में बीजेपी कार्यकर्ता शुभम मिश्रा,श्यामसुंदर के अलावा ड्राइवर हरिओम मिश्र और स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप शामिल हैं। घटना की जानकारी सामने आने के बाद उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बनवीरपुर से ही वापस लौट गए।
किसान संगठनों का आरोप
किसान संगठनों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टोनी के बेटे अशीष मिश्रा उर्फ मोनू और उसके समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं जिसमें चार किसानों की मृत्यु हो गई। किसान नेताओं का आरोप है कि मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा भी उस वक़्त गाड़ी में मौजूद थे और उन्होंने एक किसान को गोली भी मारी थी। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहें इस घटना के वीडियो में किसानों के शव सड़क किनारे पड़े दिख रहें हैं। मृतक किसानों में बहराइच के 32 वर्षीय दलजीत सिंह, 20 वर्षीय गुरविंदर सिंह, 20 वर्षीय लवप्रीत सिंह निवासी मझगई और नछत्र सिंह शामिल हैं।
दरअसल किसानों का आक्रोश अचानक नहीं पैदा हुआ, किसान केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी से नाराज थे। इससे पहले भी क्षेत्र में ही मंत्री अजय मिश्रा को काले झंडे दिखाए गए थे। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टोनी ने एक सम्मेलन में किसानों को धमकी दी थी, जिसके बाद से किसान उनसे नाराज़ चल रहें थे। मंत्री अजय मिश्रा का किसानों को धमकी वाला वीडियो सोशल मीडिया में वायरल भी हो रहा है।
आरोपों पर क्या बोले मंत्री और उनका बेटा?
अपने ऊपर लगे इन आरोपों को केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे ने खारिज कर दिया है। केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने मीडिया से कहा कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल कुछ तत्वों ने भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं, एक चालक को पीट-पीट कर मार डाला। उन्होंने कहा कि घटना के दौरान उनका बेटा घटनास्थल पर मौजूद नहीं था, इसके वीडियो साक्ष्य हैं। गृह राज्यमंत्री ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की कार पर पथराव किया गया जिससे वाहन पलट गया, 2 लोगों की इसमें दबकर मौत हो गई, इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
किसान संगठनों की मांग
किसान संगठनों ने सरकार से मांग करी कि इस घटना में हर मृतक किसानो के परिवार को एक करोड़ मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा घटना के दोषी केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा टोनी को मंत्रीमंडल से बर्खास्त किया जाए , मंत्री अजय मिश्रा और उसके बेटे आशीष मिश्रा पर 8 लोगों की हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर उसको जेल भेजा जाए। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने मांग करी कि इस घटना की न्यायिक जांच सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से करवाईं जाएं। किसान संगठनों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती तब तक मृत किसानों का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शांति की अपील की
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हिंसा को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस घटना के बाद सीएम योगी ने लोगों से अपील करी कि क्षेत्र के लोग किसी के बहकावे में न आएं। मौके पर शांति व्यवस्था कायम रखने में योगदान दें। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले मौके पर हो रही जांच और कार्रवाई का इंतजार करें। सरकार इस घटना के कारणों की तह में जाएगी और घटना में शामिल दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
भारी फोर्स तैनात, जांच टीम भेजी गई
लखीमपुर में तनाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर जिले में इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई और साथ ही पूरे लखीमपुर में धारा 144 लगा दी गई। वहीं, घटना के कारणों की जांच के लिए सरकार ने अफसरों की एक टीम भेज दी है। टीम में अपर मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, लखनऊ के मंडलायुक्त रंजन कुमार और आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह शामिल हैं।
किसान संगठनों ने देशभर में किया प्रदर्शन का ऐलान
किसानों की मौत से गुस्साए संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया। मोर्चा के मुताबिक देशभर में जिलाधिकारियों और आयुक्तों के कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। सोमवार रात ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में किसान इस हिंसक घटना के विरोध में सड़कों पर उतर आए। मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन ने देर रात ही किसानों की एमरजेंसी किसान पंचायत बुलाई।
विपक्षी दलों का लखीमपुर कूच और विरोध प्रदर्शन
इस पूरी घटना को लेकर विपक्ष ज़ोरदार तरीके से सरकार पर हमलावर हो गया है। किसानों की हत्या के विरोध में देर रात हीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा लखनऊ पहुंचीं और यहां से लखीमपुर के लिए रवाना हो गई। प्रियंका गांधी को रास्ते में कई जगहें पुलिस द्वारा रोकने की कोशिश करी गईं लेकिन प्रियंका गांधी नहीं मानी। लखीमपुर पहुंचने से पहले ही हरगांव के पास प्रियंका को पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया और उन्हें सीतापुर गेस्ट हाउस में हिरासत में रखा गया है। गेस्ट हाउस के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन जारी है। इधर प्रदेश भर में कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने लखीमपुर घटना के विरोध और प्रियंका को हिरासत में लिए जाने पर जमकर प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सुबह लखीमपुर के लिए निकले लेकिन सरकार ने भारी मात्रा में पुलिस लगा उन्हें रोक दिया। इसके बाद अखिलेश यादव वहीं सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश यादव के साथ सपा के सैकड़ों कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा को मंत्रिमंडल से हटाने और दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार किसानों पर जैसा जुल्म कर रही है, वैसा जुल्म तो अंग्रेज भी नहीं करते थे। लखीमपुर जाने पर अडे अखिलेश यादव को पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया। अखिलेश यादव को हिरासत में लेने और किसानों की हत्या के विरोध में समाजवादी पार्टी के नेताओ ने जमकर प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन किया और योगी सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया।
इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को भी रास्ते में पुलिस द्वारा रोक दिया गया। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को भी लखनऊ में रोककर हिरासत में ले लिया गया। बहुजन समाज पार्टी के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को लखीमपुर निकलने से पहले ही हाऊस अरेस्ट कर लिया गया। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी सीतापुर से पहले रोक दिया गया। आज़ाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आज़ाद को भी लखीमपुर से पहले ही रोककर वापस भेज दिया गया। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, इमरान मसूद को भी लखीमपुर कूच करने के पहले ही रोक दिया गया। लखीमपुर कूच के दौरान पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखविंदर रंधवा समेत कई कांग्रेसी विधायकों को सहारनपुर में हिरासत में ले लिया गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लखनऊ में हेलीकॉप्टर लैंडिंग की इज़ाजत नहीं दी गई।
किसान नेता राकेश टिकैत ने भी लखीमपुर की घटना के बाद वहां के लिए रात ही रवाना हो गए थे, लेकिन उनका काफिला भई पहले ही रोक लिया गया। हालांकि बाद में राकेश टिकैत को लखीमपुर जाने दिया गया। राकेश टिकैत ने कहा कि इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार भूल रही है कि अपने हक के लिए हम फिरंगियों के आगे भी नहीं झुके, किसान मर सकता है पर डरने वाला नहीं है।
प्रदेश भर में किसान संगठनों का प्रदर्शन
लखीमपुर खीरी प्रकरण को लेकर देश भर में किसान संगठनों और कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। यूपी के प्रत्येक ज़िले में भारतीय किसान यूनियन ने कलक्ट्रेट का घेराव किया। इस दौरान भारी संख्या में किसान इकट्ठा हुए और धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
दोषी पर केस दर्ज और सरकार – किसानों के बीच सुलह
इस घटना के मामले में तिकुनिया थाने में पुलिस की ओर से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी , उनके पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के खिलाफ हत्या, गैर इरादतन हत्या, दुर्घटना करने और बलवा की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। दर्ज़ एफआईआर के अनुसार दोनों पर आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया गया है।
सोमवार को लखीमपुर हिंसा को लेकर किसानों और अधिकारियों के बीच वार्ता के बाद समझौता हो गया है। सरकार और किसानों के बीच छह दौर की वार्ता के बाद सहमति बन पाई। सरकार की ओर से एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार और अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी तथा किसानों की ओर से भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के बीच बातचीत में चार शर्तों पर सहमति बनी हैं।
1-घटना की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज के कराई जाएगी न्यायिक जांच
2-मृतकों के परिवार के एक-एक सदस्य को योग्यता के अनुसार मिलेगी सरकारी नौकरी
3-मृतकों के परिवार को 45-45 लाख और घायलों को 10-10 लाख रुपये मिलेगा मुआवजा
4-जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी
राकेश टिकैत ने साफ़ कहा हैं कि अगर यह कार्रवाई नहीं हुई तो वे यहीं फिर से किसान पंचायत करेंगे।