थाने के मालखाने से चोरी हुए थे 25 लाख, सफाईकर्मी पर शक,पुलिस की पिटाई से मौत

विशेष संवाददाता।Twocircles.net

उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में एक और मौत हो गई है। मामला आगरा ज़िले का हैं जहां थाना जगदीशपुरा के मालखाने से 25 लाख रुपये नगद की चोरी के आरोप में हिरासत में लिए गए सफाईकर्मी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस ने 25 लाख रुपए चुराने के शक में सफाईकर्मी को हिरासत में लिया था। युवक की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाए हैं। इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है और साथ ही जांच टीम में मौजूद पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।


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पुलिस थाने में चोरी और पुलिस हिरासत में हुई मौत

जानकारी के अनुसार आगरा के जगदीशपुर थाने के मालखाने से 25 लाख रुपए नगद चोरी हुए थे। पुलिस द्वारा ज़ब्त किया गया सामान मालखाने में ही रखा जाता है। दरअसल पुलिस ने पिछले हफ्ते रेलवे ठेकेदार के घर चोरी के खुलासे में बरामद 25 लाख रुपए और 4 किलो सोना ज़ब्त किया था, जो मालखाने में रख दिया गया था। इसके अलावा बाक़ी कुछ मामलों में भी पुलिस ने जो कुछ जब्त किया था वो सब भी वहीं रखा हुआ था। रविवार 17 अक्टूबर की सुबह जब थाने के दीवान प्रताप भान सिंह थाना आएं तो उन्हें वहां कुछ अनहोनी की आशंका हुई। जांच करने पर मालखाने से 25 लाख रुपए नगद चोरी की बात सामने आई।

चोरी की ख़बर मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। आनन-फ़ानन में पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस के कई बड़े अधिकारी थाना पहुंचे। इस मामले में सीओ लोहामंडी सौरभ सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया गया और एडीजी ने लापरवाही के आरोप में थाना प्रभारी अनूप कुमार तिवारी, दीवान प्रताप भान सिंह और एक दरोगा समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।‌

पुलिस के अनुसार जिस तरह से थाने में चोरी हुई थी, उससे थाने में रोज आने वालों पर शक किया जा रहा था। 20 से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद सफाईकर्मी अरुण वाल्मिकी को पुलिस ने गिरफ्तार किया। अरुण वाल्मिकी थाने में सफाई करने आता था। पुलिस के अनुसार अरुण चोरी की घटना के बाद से फरार चल रहा था। कई जगहों पर दबिश देने के बाद पुलिस ने मंगलवार को पकड़ लिया
और हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू करी। पुलिस सफाई कर्मचारी से चोरी की गई रकम की बरामदगी के प्रयास में लगी हुई थी। अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

परिवार का पुलिस पर आरोप

मृतक सफाईकर्मी अरुण वाल्मिकी के परिजनों ने पुलिस पर सवाल उठाए हैं और पुलिस पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया है। मृतक अरुण की मां कमला देवी का कहना है कि पुलिस वालों ने चोरी का आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को उठा लिया और उनकी पिटाई लगाई। अरुण कुछ पुलिस वालों के नाम बता रहा था। नाम उजागर न हो जाएं, इसलिए उसे मार दिया। मुझे इंसाफ चाहिए जिसने उसे मारा है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

मृतक अरुण की पत्नी ने पुलिस पर हिरासत में उसके पति को पीटने का आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी के अनुसार पुलिस वाले उनसे पैसा लाने को दबाव बना रहे थे। महिला पुलिस कर्मियों के साथ पुरुष पुलिस कर्मियों ने भी पिटाई लगाई। अरुण के भाई सोनू ने भी पुलिस पर हिरासत में अरुण को पीटने का आरोप लगाया हैं। सोनू ने सरकार से दो करोड़ रुपए मुआवज़ा और सरकारी नौकरी की मांग करी।

पुलिस का अरुण पर चोरी का आरोप

आगरा एसएसपी मुनिराज ने मीडिया को बताया कि पूछताछ में सफाईकर्मी अरुण ने अपना जुर्म भी क़बूल कर लिया‌ था और तभी पुलिस कर्मी अरुण को लेकर उसके घर पहुंचे थे और अरुण के घर से पुलिस को 15 लाख रुपए बरामद हुए थे। तभी अरुण की तबीयत बिगड़ गई और पुलिस अरुण को एसएन मेडिकल कॉलेज ले गईं जहां डाक्टरों ने अरुण को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने अरुण के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। वहीं बवाल की आशंका को देखते हुए जगदीशपुरा थाने पर फोर्स तैनात कर दिया गया है।

अज्ञात पर अरुण की हत्या का केस

अरुण की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद स्थानीय लोगों के रोष और मामले को तूल पकड़ता देख पुलिस ने अरुण की मृत्यु पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया। दर्ज एफआईआर में किसी पुलिस कर्मी का नाम मौजूद नहीं है, पुलिस के मुताबिक विवेचना के दौरान परिवार वालों की पहचान के आधार पर इसमें पुलिस वाले को नामज़द किया जाएगा।‌ इस मामले मे एक इंस्पेक्टर,एक दरोगा और तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया हैं। पुलिस के अनुसार अरुण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले की जांच करी जाएंगी। आगरा जोन के एडीजी राजीव कृष्णा ने मीडिया को बताया कि जो पांच पुलिसकर्मी जांच टीम का हिस्सा थे, उन सभी को निलंबित कर दिया गया है। पूरे मामले की जांच एक गजटेड ऑफिसर को सौंपी गई है।‌ और साथ ही मृतक के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी फैसला हुआ है।

वाल्मिकी समाज का वाल्मिकी जयंती न मनाने का एलान

अरुण वाल्मिकी की मौत के बाद वाल्मीकि समाज में रोष व्याप्त है। अरुण की मौत की ख़बर के बाद वाल्मीकि समाज का अरुण के घर पर जमावड़ा लगा हुआ है। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने ऐलान किया है कि कि इस बार समाज वाल्मीकि जयंती नहीं मनाएगा। साथ ही मांग करी कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 302 के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा कर्मचारी नेता ने प्रदेश सरकार से अरुण के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग करी। संघ ने घोषणा की है कि जबतक यह मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी, तब तक वाल्मीकि समाज आंदोलन करता रहेगा।

राजनैतिक दलों की प्रतिक्रिया

आगरा में पुलिस हिरासत में अरुण वाल्मिकी की मौत पर विपक्षी दलों ने यूपी सरकार को जमकर आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सफाईकर्मी अरुण के परिजनों से मिलने आगरा के लिए निकलीं, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प भी हुई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काफ़ी हंगामे के बाद प्रियंका गांधी को आगरा जाने की इजाज़त दी गई। प्रियंका गांधी ने कहा कि किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि जयंती के दिन यूपी सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है। प्रियंका गांधी ने मामले की उच्चस्तरीय जांच और आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करी हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में पुलिस खुद अपराध कर रही है तो फिर अपराध कैसे रुकेगा। अखिलेश यादव ने कहा कि सफाईकर्मी की पुलिस हिरासत में हत्या स्तब्ध करती है।‌ अखिलेश यादव ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग करी हैं।

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