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कॉलेज के गरबा आयोजन में लव जिहाद फैलाने का आरोप , चार छात्र गिरफ्तार

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net

इंदौर : पिछले सप्ताह इंदौर के गांधीनगर में नवरात्रि के दौरान एक निजी कॉलेज द्वारा आयोजित गरबा कार्यक्रम विवादों में घिर गया है। अब पता चला है कि इस आयोजन में मुस्लिम छात्रों को लव जिहाद फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यहां कुछ हिंदू संगठन के लोग पहुंचकर खूब हंगामा करने लगें थे । उन्होंने गैर हिन्दू लड़को का कार्यक्रम में आने पर आपत्ति जताई थी और कार्यक्रम को बंद करवाने की बात कही। जब मामला बढ़ा तो पुलिस मौके पर पहुंची जो हिंदू संगठन के कहने पर चारों लड़कों को थाने ले गई थी । साथ ही में कार्यक्रम के आयोजक, अक्षय तिवारी के ऊपर भी मामला दर्ज किया गया। इन्ही लड़को में एक अदनान शाह के चाचा साजिद शाह ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर यह जनकारी दी है।

गिरफ्तार 4 लड़कों में साजिद शाह का भतीजा, अदनान शाह भी शामिल था। साजिद ने उनके ऊपर हुए अत्याचार पर 11 अक्टूबर को एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें वो कहते दिखते हैं, “मेरा नाम साजिद शाह है। मैं इंदौर ग्रीन पार्क में रहता हूं। मेरे भतीजे के साथ एक घटना हुआ है। वह ऑक्सफोर्ड कॉलेज में पढ़ता है। उसके कॉलेज की ओर से गरबा का आयोजन रखा गया था। उसमें हमारे भतीजे ने भी हिस्सा लिया। वहां पर कुछ गैर सामाजिक लोग पहुंचे। उन्होंने बच्चे को पकड़कर बंद करवा दिया, ये कहकर कि ये लोग लव जिहाद कर रहे थें। क्या भारत का संविधान ये इजाज़त भी नहीं देता कि कॉलेज के किसी कार्यक्रम में एक मुस्लिम बच्चा हिस्सा ले सके?” वीडियो को माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर खूब साझा किया गया।

एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने चारो मुसलमानों के ऊपर धारा 188 और 151 के तहत मामला दर्ज किया था, जबकि आयोजक अक्षय तिवारी के ऊपर आईपीसी की धारा 188 में मामला दर्ज किया गया था। चार लड़कों में अदनान शाह के इलावा कादिर मंसूरी, उमर खालिद और सय्यद साकिब नाम के व्यक्ति शामिल थें।

इंदौर पश्चिम के पुलिस अधीक्षक महेशचंद जैन ने एक मीडिया वेबसाइट से बात करते हुए कहा था कि चारों के खिलाफ कार्रवाई “अनुचित” थी और उन्होंने उन्हें हिरासत में लेने के खिलाफ सिफारिश की थी। मल्हारगंज के एसडीएम पराग जैन के अनुसार चारों पर पुलिस रिपोर्ट के आधार पर “सार्वजनिक उपद्रव” के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि चारो को इसलिए जेल भेज दिया गया था क्योंकि परिवार वाले जमानत का बांड पेश करने में विफल रहे थें, जबकि उनमें से एक के चाचा ने कहा कि उन्हें इस मामले में कोई जानकारी ही नहीं थी और ना ही कुछ बताया गया था।

दूसरी तरफ बजरंग दल और विहिप के जिला प्रभारी तरुण देवड़ा ने पुलिस को पत्र लिखकर कहा था कि एसडीएम ने कॉलेज को 800 छात्रों के साथ गरबा के लिए कोविड मानदंडों के अनुरूप अनुमति दी थी, लेकिन इसमें लगभग 3,000 लोगों को टिकट बेचे गए थें। बजरंग दल ने कॉलेज पर युवा महिलाओं को इकट्ठा कर लव जिहाद को बढ़ावा देते हुए “व्यवसायीकरण” का आरोप लगाया, जिससे प्रतिस्पर्द्धा की शुद्धता को विकृत किया गया है। घटना की तस्वीरें और वीडियो होने का दावा करते हुए, इसमें जांच के साथ-साथ आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी।

कॉलेज के कार्यक्रम में प्रवेश करने वाले स्वयंसेवकों में से एक, बीकॉम तृतीय वर्ष के छात्र हबीब नूर ने एक मीडिया वेबसाइट को बताया कि बजरंग दल के सदस्यों ने मंसूरी को पार्किंग में यह कहते हुए पकड़ा था कि “ये उनवाला” (उनमें से एक) है। नूर ने आगे कहा, “कादिर ने उन्हें यह बताने की कोशिश की कि वह कॉलेज का छात्र है, लेकिन वे उसे खींचकर ले गए”, जब मंसूरी ने अदनान शाह को गवाही देने के लिए बुलाया कि वह उनके साथ पढ़ता है, तो बजरंग दल ने अदनान को भी पकड़ लिया। “बजरंग दल के लोगों ने फिर उन्हें इवेंट ग्राउंड के बाहर निकालकर पुलिस वैन में ले गए।”

अदनान के चाचा साजिद शाह ने कहा कि उन्हें रविवार रात 11.30 बजे गिरफ्तारी के बारे में पता चला। “वो गरबा हो या गणतंत्र दिवस, कॉलेज के सभी समारोहों में भाग लिया करता है। फिर उन्हें किस बात की सजा दी गई?” साजिद ने इस तरह के कई सवाल खड़े किए और अपील की के उनके संदेश को लोगों ने पहुंचाया जाए और ताकि वो मदद को आगे आएं। शाह ने ये भी दावा किया कि वे रविवार को पूरी रात किसी पुलिस अधिकारियों से बात नही कर सकें थें। शाह ने कहा, सोमवार की सुबह पुलिस ने हमें आश्वासन दिया कि चारों को रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन फिर उन्हें एसडीएम के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें जमानत देने के बजाय, हमारी जानकारी के बिना ही जेल भेज दिया।”

जब पत्रकारों ने एक इंटरव्यू में सहायक पुलिस अधीक्षक प्रशांत चौबे से मामले पर प्रकाश डालने को कहा तो उन्होंने एक सिरे से सारी बातों को नकारते हुए कहा कि इसमें कोई लव जिहाद वाला एंगल नही है, उन्होंने किसी विशेष धर्म की वजह से हुई किसी गिरफ्तारी के बात को गलत ठहराया। उन्होंने हिंदू संगठन के लोगों द्वारा गरबा में से 4 मुस्लिम युवकों को पकड़ कर लाने का भी कोई जिक्र नहीं किया। हालांकि बाद में 12 अक्टूबर को चारों युवकों 50,000 का बेल बॉन्ड बनवाकर छोड़ दिया गया था।