विशेष संवाददाता। Twocircles.net
दिल्ली में हुई जहांगीरपुरी हिंसा के समान पैटर्न पर हरिद्वार के भगवानपुर इलाके के मुस्लिम बहुल इलाके में शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा वाली घटना में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सीधे दखल के बाद 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले मुस्लिम बहुल गांव बुलडोजर की तैनाती की गई थी।
हनुमान जयंती के दिन देश की राजधानी दिल्ली के अलावा उत्तराखंड के भगवानपुर इलाके में यह हिंसा की घटना 16 अप्रैल को हुई थी। भगवानपुर हरिद्वार जनपद में हैं, साधु संतों ने इस घटना के बाद काफी नाराजग़ी जताई थी। यहां हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के लोगों के बीच झड़प हो गई थी जिसके बाद साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गईं। दोनों तरफ से पथराव हुआ। हिंसा में लगभग 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे जिसमें दो पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने एक ही समुदाय के 12 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था इनमे से 11 की गिरफ्तारी की सूचना है, यह सभी एक ही पक्ष के बताएं जाते हैं।
बता दें कि उत्तराखंड के रुड़की के भगवानपुर इलाके के गाँव डाडा जलालपुर की हैं जहां बीते शनिवार 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकाली जा रहीं थी। आरोप है कि जब शाम को शोभायात्रा जलालपुर में मस्जिद के सामने पहुंची तो यात्रा में शामिल लोगों द्वारा आपत्तिजनक नारेबाजी की गई। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनसे आगे जाने को कहा गया क्योंकि रोज़ा खोलने का समय था, पर वह नहीं गए नारेबाज़ी करते रहे। जिसके बाद दोनों पक्षों की आपस में झड़प हो गई और फिर हिंसा भड़क गईं।
हिंसा में दोनों तरफ से पथराव किया गया और गाड़ियों को आग भी लगाया गया। हिंसा में मंडावर चौकी प्रभारी आशीष नेगी के अलावा 10 से अधिक व्यक्ति घायल हो गए। संप्रदायिक हिंसा के बाद इलाके में कई थानों की फोर्स और पीएसी बटालियन तैनात कर दी गई है और हिंसा वाली जगह को छावनी बना दिया गया है।
पुलिस ने खुर्शीद, शहनवाज, हुसैन, पैगाम, नवाजिश, रियाज, रहीस और इसरार समेत 12 नामजद और 40 अज्ञात लोगों के विरुद्ध धारा 153A , धारा 295A, धारा 147, धारा 148, धारा 149, धारा 323 और धारा 506 के तहत एफआईआर दर्ज की है। पुलिस के अनुसार 11 लोगों की गिरफ्तारी भी हों चुकीं हैं। ख़ास बात यह है कि पुलिस ने एक ही समुदाय के 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।
स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक पुलिस ने मुस्लिम समाज के लोगों को धमकी दी कि अगर पथराव करने वाले लोगों ने सरेंडर नहीं किया तो उनके घरों को बुलडोज़र से गिर दिया जाएगा।
हिंसा होने बावजूद हिंदूवादी संगठनों द्वारा शोभायात्रा को रात में पूरा किया गया। यात्रा के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए जिन्में एक समुदाय के विरुद्ध आपत्तिजनक गाने चल रहे थे। इसके बाद हरिद्वार के संत यतींद्रानंद गिरि हिंसा प्रभावित क्षेत्र जा रहें थे लेकिन पुलिस ने वहां उन्हें जाने नही दिया था। यतींद्रानंद गिरि ने पुलिस पर ठोस कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस मामले में केवल गिरफ्तारी कर खानापूर्ति की गई है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई करती तो पत्थरबाजी करने वालों के घरों पर अब तक बुलडोजर चल चुका होता जबकि पुलिस द्वारा बुलडोजर की नुमाइश लगाई गई है और तमाशा बनाया जा रहा है। उनके साथ आए हिन्दू रक्षा वाहिनी के प्रबोधानंद गिरि ने पुलिस को चेतावनी दी कि अगर दो दिन में आरोपियों के घर पर बुलडोजर नहीं चला तो धर्म संसद होगी और देशभर के संत वहां जुटेंगे।
हरिद्वार एसएसपी डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बताया कि हिंसा भड़काने के आरोप में 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है बाकि अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर आरोपी गिरफ्तारी नहीं देते हैं तो उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई भी की जाएंगी। बाकि स्थिति नियंत्रण में है। मामले की जाँच पड़ताल की जा रही है। भीम आर्मी के प्रवक्ता गुलजार सिद्दीकी ने पुलिस पर एकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाया है।
हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान देश की राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में भी संप्रदायिक हिंसा के मामले सामने आए हैं। इससे पहले देश के कई राज्यों में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान साम्प्रदायिक घटनाओं के अलग अलग मामले सामने आए थे। यह घटनाएं राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात राज्यों के कई जिलों में सामने आई थी, इसके अलावा बिहार, कर्नाटक, झारखंड से भी रामनवमी पर कई घटनाएं सामने आई थी इन घटनाओं के दौरान में कई मस्जिदें, मजारें, दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ भी की गई थी।