आकिल हुसैन ।Twocircles.net
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में माहौल बिगाड़ने की साज़िश हिन्दू संगठनों से जुड़े लोगों ने की थी। पुलिस इस दिशा में गहरी पड़ताल कर रही है। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में ईद से कुछ दिन पहले संप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने का मामला सामने आया था। हिंदूवादी संगठन से जुड़े कुछ लोगों ने मस्ज़िद के बाहर आपत्तिजनक वस्तुएं फेंक कर धर्म नगरी अयोध्या का माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी लेकिन मुस्लिम धर्मगुरुओं की समझदारी से कोशिश नाकाम रहीं। अयोध्या पुलिस ने इस मामले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हैं बाकि 4 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई है। पुलिस ने सभी 11 आरोपियों के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है साथ ही पुलिस ने गैंगस्टर और रासुका लगाने की बात भी कही है।
अयोध्या में दंगे करवाने की साज़िश रचने वाला मुख्य आरोपी महेश मिश्रा के सोशल मीडिया एकाउंट से पता चलता है कि वे एक कट्टरपंथी हैं। महेश मिश्रा विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल जैसे कट्टरपंथी हिंदूवादी संगठनों का सदस्य भी रह चुका है। महेश मिश्रा अक्सर अपने फेसबुक एकाउंट से लाइव आकर धार्मिक कट्टरता की बात भी करता है।
अयोध्या के वक्फ जामा मस्जिद टाटशाह के सचिव जमाल द्वारा पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार 27 अप्रैल बुधवार की देर रात करीब दो बजे मस्जिद के मोअज्जिन ने रोज की तरफ सुबह की नमाज के लिए मस्जिद का गेट दक्षिणी तरफ खोला तो चार मोटर साइकिल पर दो-दो लोग बैठे थे और पश्चिम तरफ जा रहे थे। जब उन्होंने मस्जिद की सीढिय़ों पर देखा तो धार्मिक ग्रंथ क़ुरान फटा हुआ पड़ा मिला। साथ ही मांस का टुकड़ा व एक पोस्टर भी मिला, जिसमें मोहम्मद साहब के बारे में अपशब्द लिखा था।
यह पूरी घटना मस्ज़िद में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई थी। वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि एक आदमी बाइक से उतरकर आपत्तिजनक सामग्री मस्जिद के बाहर फेंकता दिखाई दे रहा है। फुटेज में यह भी देखा जा सकता है कि इन लोगों ने अपनी पहचान छुपाने के लिए सिर पर मुस्लिम टोपी लगाई हुई थी और मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट बदली या हटाई हुए थी। इसी तरह की घटनाएं अयोध्या के मस्जिद कश्मीरी मोहल्ला, घोसियाना रामनगर मस्जिद, ईदगाह सिविल लाइन मस्जिद में भी हुईं। कुछ जगह पर धार्मिक ग्रंथ क़ुरान फेंककर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। वहां मौजूद मुस्लिम समाज के लोगों ने समझदारी दिखाते हुए पुलिस और प्रशासन को इस प्रकरण की जानकारी दी।
अयोध्या प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए सीसीटीवी फुटेज को खंगाला जिसमें 4 बाइक पर कुल 11 लोग दिखाई दिए। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर शिनाख्त कर सात आरोपियों महेश कुमार मिश्रा , प्रत्यूष श्रीवास्तव, नितिन कुमार दीपक कुमार गौड़ उर्फ गुंजन, बृजेश पांडेय, शत्रुघ्न प्रजापति , विमल पांडेय को गिरफ्तार किया।गिरफ्तार हुए लोगों में महेश कुमार मिश्रा को पुलिस ने मास्टरमाइंड बताया हैं।
इस मामले में अयोध्या पुलिस द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट के अनुसार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने हाल में दिल्ली में हुई घटना का बदला लेने के लिए ये प्लान बनाया था। प्रेस नोट के अनुसार महेश कुमार मिश्रा इस कार्य का मुख्य साजिशकर्ता रहा है। उसने अयोध्या में दंगे करवाने की साज़िश अपने साथी बृजेश पाण्डेय के मकान में रची थी।
मुख्य आरोपी महेश मिश्रा कई बार मुस्लिम समुदाय के विरुद्ध बयान भी दे चुका है। द क्विंट की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में महेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था जिसमें वो अयोध्या के बजरंग दल के स्पेशल ट्रेनिंग कैंप में हथियारों और असलहों की ट्रेनिंग दे रहा है और साथ ही मुसलमानों को मारने काटने की बात भी कर रहा है। उक्त वीडियो मामले में महेश के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हुआ था और उसने जेल की हवा भी खाई थी। इसके अलावा वर्ष 2020 में महेश अयोध्या में एक मजार पर हनुमान चालीसा का पाठ करने के मामले में भी चर्चा में आ चुका है। फिलहाल महेश हिंदू योद्धा संगठन नामक संगठन चला रहा हैं। इस संगठन के माध्यम से वो धार्मिक आधार पर लोगों को संगठित करने का काम कर रहा है। मुख्य आरोपी महेश के विरुद्ध गंभीर धाराओं में सात मुकदमे पहले से दर्ज़ हैं।
अयोध्या के एसएसपी शैलेष पाण्डेय ने मीडिया को बताया कि , “इस घटना में 11 लोग शामिल थें, मुख्य आरोपी महेश मिश्रा था, उसने अपने साथियों के साथ घटना को अंजाम दिया। इस मामले में 7 आरोपी गिरफ़्तार हो गए हैं और बाकि 4 लोगों को जल्द ही गिरफ़्तार कर लिया जाएगा”। उन्होंने कहा कि , “आरोपियों से बात करने पर पता चला कि उनका उद्देश्य यहां का माहौल खराब करना था. अमन-चैन की संस्कृति को प्रभावित करना था. हालांकि वे नाकाम हो गए”। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगेस्टर व एनएसए की कार्रवाई करने की भी बात कहीं है।
जामा मस्जिद टाटशाह के सचिव जमाल ने TwoCircles.net से बात करते हुए कहा बताया कि, ” इस मामले के सामने आने के बाद तुरंत हमने पुलिस को अवगत कराया और घटना को गंभीरता से लेते हुए कानूनी कार्रवाई करने की अपील की। पुलिस ने हमें विश्वास दिलाया कि आरोपियों को जल्द पकड़कर गिरफ्तार किया जाएगा”।
जमील कहते हैं कि, ” जब पूरे देश में संप्रदायिक तनाव अपने चरम पर है ऐसे समय में अयोध्या ने देशभर के सामने एक मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि हमने यहां समझदारी और सब्र से काम लेकर नफ़रत फैलाने वालों के मंसूबे को नाकाम कर दिया है। जमील कहते हैं कि अयोध्या पुलिस – प्रशासन ने इस घटना पर जो तत्परता दिखाते हुए घटना का खुलासा किया है वो काबिले-तारीफ है।
इस मामले में अयोध्या के समाजिक कार्यकर्ता गुफरान TwoCircles.net से कहते हैं कि, ” फैज़ाबाद शहर इन दिनों अफवाहों की ज़द में है लेकिन शहर के मुसलमानों ने जिस सब्र और समझदारी से काम लिए उससे ज़रूर हिंसा पसंद गिरोहों के हाथ खाली रह गए। रमज़ान के आखरी हफ्ते में ईद से ठीक पहले जिस तरह से 4 बाइक से 8 नफरत से भरे युवाओं ने घटना को अंजाम दिया उससे ज़रूर इसके पीछे किसी बड़ी साजिश के होने का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। इस मामले में पुलिस ने अभी तक 7 लोगों की गिरफ्तारी की है 4 अभी फरार हैं।
समाजिक कार्यकर्ता गुफरान ने कहा कि , ” बात बात पर मुस्लिम समाज को बदनाम करने वाली मीडिया के मुंह पर यह एक तमाचे की तरह ही है कि मुस्लिम समाज ने समझदारी का परिचय देते हुए प्रशासन को इस मामले की जानकारी दी और खामोशी इख्तियार कर ली। शहर में न ही भीड़ इकट्ठी हुई न ही विरोध प्रदर्शन हुए”।
उन्होंने कहा कि , “इस घटना की गंभीरता को देखते हुए हम लोगो ने प्रशासन से मांग की है कि मंदिरों के सामने सुरक्षा कड़ी करें और निगरानी बढ़ाएं क्योंकि इस तरह की हरकत करने वालों का असली मकसद साम्प्रदायिक हिंसा करना ही है। हम सोच भी नही सकते कि अगर इस तरह की घटना मस्जिद के बजाय मंदिर के सामने होती तो हालात क्या होते। अयोध्या नगर निगम का चुनाव करीब है और देश मे पिछले कई चुनावों से पहले जहां चुनाव होने हैं वह साम्प्रदायिक घटनाएं हो जाती है। इस घटना को भी हमे इसी तरह से देखने की ज़रूरत हैं”।