विशेष संवाददाता। Twocircles.net
पिछले महीने कन्नौज में साम्प्रदायिक बवाल के कारणों का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। इस बवाल की पटकथा एक स्थानीय छुटभैया नेता चंचल कुमार ने रची थी, उसने एक कसाई को 10 हजार देकर मंदिर में मांस रखवाया था। जिसके बाद कन्नौज में भारी बवाल हो गया था। कई दुकानों में आगजनी हुई और डीएम एसपी को हटा दिया गया। अब खुलासा हुआ है कि चंचल त्रिपाठी स्थानीय थाना प्रभारी हरिश्याम सिंह को हटवाना चाहता था। इसके लिए उसने यह षड्यंत्र किया और कन्नौज धधक उठा।
कन्नौज के तालग्राम में यह बवाल पिछले महीने 16 जुलाई को हुआ था। कन्नौज के पुलिस कप्तान कुँवर अनुपम सिंह ने बताया कि पुलिस जांच में खुलासा हुआ है तत्कालीन तालग्राम थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह को हटवाने के लिए चंचल त्रिपाठी नामक व्यक्ति ने मंदिर में मांस रखवाकर सांप्रदायिक बवाल की साजिश रची थी और इस काम के लिए आरोपी ने एक कसाई को 10 हजार रुपए का लालच देकर मांस मंदिरा में रखवाया था। पुलिस के मुताबिक मुख्य आरोपी चंचल त्रिपाठी की थानाध्यक्ष से कुछ अन-बन थी और वो उसे हटवाना चाहता था। आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बता दें कि 16 जुलाई को कन्नौज के तालग्राम थाना क्षेत्र के रसूलाबाद गांव में एक खेत में बने मंदिर में कुछ लोगों द्वारा मांस का टुकड़ा फेंक दिया गया था जिसके बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गईं थीं। घटना के विरोध में अराजकतत्वों द्वारा गांव से कुछ दूरी पर स्थित मांस की तीन दुकानों में तोड़फोड़ करते हुए आग भी लगा दी गई थी। इसके अलावा एक कब्रिस्तान के गेट को भी नुकसान पहुंचाया गया था। तोड़फोड़ और आगजनी की घटना के बाद स्थिति और तनावपूर्ण हो गई थी।
कन्नौज के तालग्राम कस्बे के चेयरमैन दिनेश यादव पहले ही इस घटना में साजिश की बात कह रहे थे अब इस खुलासे के बाद उनका कहना है कि सिर्फ थाना प्रभारी को हटवाने की साजिश रचकर पूरे इलाके को आग में झोंकने कृत्य शर्मनाक है। मंदिर में मांस फेंके जाने की इस घटना के विरोध में हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस ने इस घटना में दो एफआईआर दर्ज करते हुए 17 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इस घटना के बाद शासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए कन्नौज के तत्कालीन डीएम राकेश कुमार मिश्र और तत्कालीन एसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव को हटा दिया था और साथ ही लापरवाही बरतने के आरोप में तालग्राम के प्रभारी थानाध्यक्ष हरिश्याम सिंह, तालग्राम थाने के दो उपनिरीक्षक विनय कुमार और राम प्रकाश को निलंबित कर दिया था।
पुलिस ने इसी शुक्रवार 12 अगस्त को रसूलाबाद गांव के ही रहने वाले मंसूर कसाई को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान मंसूर ने इस घटना के पीछे की पूरी सच्चाई पुलिस को बताई। मंसूर ने पुलिस को पूछताछ के दौरान बताया कि चंचल त्रिपाठी की तालग्राम के थाना प्रभारी हरि श्याम सिंह से अनबन थी। वह चाहता था कि थाना प्रभारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो, इसलिए उसने मंदिर में मांस के टुकड़े रखवाकर बवाल कराने की साजिश रची थी। मंदिर में मांस रखने के लिए चंचल सिंह ने उसको 10 हज़ार रुपए का लालच भी दिया था।
मंसूर ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने अपने साथी अकरम की मदद से पास के ही गांव से एक बछड़े को पकड़कर काट दिया और उसका मांस रसूलाबाद गांव स्थित मंदिर में रख दिया था। मंसूर ने पुलिस को बताया कि मास्टरमाइंड चंचल सिंह ने उसको आश्वासन दिया था कि उसकी पहुंच ऊपर तक है, कोई बात होगी तो वह बचा भी ले जाएगा।
इस घटना की साज़िश में उसी मंदिर के पुजारी जगदीश के भतीजे संदीप जाटव और एक पूर्व प्रधान तोताराम का नाम भी सामने आया है। तालग्राम थाने में उपनिरीक्षक संजीव कुमार ने सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने मास्टरमाइंड चंचल कुमार, मंसूर, अकरम और संदीप को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। अदालत ने चारों आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मास्टरमाइंड चंचल कुमार रनवा गांव का रहने वाला है।
तालग्राम थानाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि इससे पहले भी चंचल त्रिपाठी ने तत्कालीन थाना प्रभारी हरिश्याम सिंह को हटवाने के लिए सोशल मीडिया पर आत्मदाह की धमकी भी दी थी और उन पर जातिवादी होने के आरोप भी लगाए थे। उस समय तत्कालीन एसपी प्रशांत वर्मा ने चंचल को चेतावनी देकर छोड़ दिया था।
पुलिस अधीक्षक कुंवर अनुपम सिंह ने मीडिया को बताया कि मुख्य आरोपी चंचल त्रिपाठी ने पेशेवर कसाई को दस हजार रुपये का लालच देकर शिव मंदिर में प्रतिबंधित पशु का मांस रखवाया था। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी की तत्कालीन थानाध्यक्ष हरी श्याम सिंह से कुछ अन-बन थी जिस कारण वह थानाध्यक्ष को हटवाना चाहता था।