सपा सरकार में मंत्री रहे मुरादाबाद के इकराम क़ुरैशी को जेल, विद्यायक नाहिद हसन को जमानत

स्टाफ रिपोर्टर। Twocircles.net


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समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे मुरादाबाद के पूर्व विधायक इकराम क़ुरैशी एक फर्जी बिजली बिल के मामले में सज़ायाफ्ता हो गए हैं,मुरादाबाद की एक अदालत ने उन्हें 7 साल की सज़ा सुनाई है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के कैराना के विधायक नाहिद हसन को जमानत मिल गई है। हालांकि उनकी रिहाई अभी नही हो पाई हैं। समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद के नेता हाजी इकराम क़ुरैशी पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं जबकि कैराना विद्यायक नाहिद हसन की बहन् इक़रा हसन ने अपने भाई को जमानत मिलने पर कहा है कि वो उम्मीद कर रही है कि उनके भाई अब 11 महीने बाद जेल से बाहर आ जाएंगे और उनके विरुद्ध कोई नया राजनीतिक षड्यंत्र नही होगा।

मुरादाबाद के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री हाजी इकराम कुरैशी को स्थानीय एमपी एमएलए कोर्ट ने एक 22 साल पुराने मामले में 7 सात की सुनाई है। इसके अलावा 8 हज़ार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी बिजली विभाग के एक कर्मचारी राम अवतार शर्मा को बरी कर दिया गया। यह मामला बिजली चोरी और धोखाधड़ी का हैं। हाजी इकराम के खिलाफ दो जून 2000 में विद्युत विभाग ने बिजली चोरी और फर्जी रसीद बनाने का मुकदमा दर्ज कराया था।

लगभग दो दशक पहले सन् 2000 में मुरादाबाद बिजली विभाग के तत्कालीन ऐई ने गलशहीद थाने में हाजी इकराम कुरैशी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, धारा 467, धारा 468, धारा 471 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया था। दर्ज मुकदमे में कहा गया था कि इकराम कुरैशी पर बिजली का करीब 6 लाख 88 हजार रुपये का बिल था। इकराम कुरैशी ने बिजली विभाग के कर्मचारी राम अवतार शर्मा के साथ मिलकर रुपये जमा करने की नकली रसीद बनाईं थी जबकि बिल के पैसे बिजली विभाग में जमा नहीं किए गए थे। बिजली विभाग ने इकराम कुरैशी पर विभाग के कर्मचारी रामअवतार शर्मा के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था। मुकदमे में बिजली विभाग के कर्मचारी रामअवतार शर्मा का भी नाम था। रामअवतार बिजली बिल की वसूली का काम था।

सज़ा के ऐलान के मद्देनजर कोर्ट के बाहर इकराम कुरैशी के समर्थकों का भारी जमावड़ा लगा रहा। सज़ा सुनाए जाने के बाद हाजी इकराम कुरैशी को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेल भेज दिया गया। दोषी करार दिए जाने और सज़ा के फैसले पर इकराम कुरैशी ने ऊपरी अदालत में अपील किए जाने की बात कहीं हैं। पूर्व मंत्री इकराम कुरैशी के समर्थकों का कहना है कि उनका बिजली चोरी से कोई दूर दूर तक का वास्ता नाता नहीं है।

हाजी इकराम कुरैशी मुरादाबाद देहात से विधायक रहे हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष भी थे। अखिलेश यादव की सरकार के दौरान वो दर्जा प्राप्त मंत्री भी रह चुके हैं। हाजी इकराम कुरैशी की गिनती मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के मजबूत स्तंभ में होती थी। इसी साल हुए यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने उनका टिकट काट दिया था। इससे नाराज़ होकर वो कांग्रेस में चलें गए थे और मुरादाबाद देहात से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।

नाहिद हसन…

कैराना के विद्यायक नाहिद हसन फिलहाल में चित्रकूट जेल में बंद है। उनकी रिहाई को लेकर हाल के दिनों में अखिलेश यादव ने भी मांग उठाई थी। नाहिद हसन को पिछले महीने मुजफ्फरनगर जेल से चित्रकूट जनपद में भेज दिया गया था।

नाहिद हसन भी समाजवादी पार्टी के आज़म खान की तरह ऐसे विधायक है जिन्होंने जेल में रहने के दौरान चुनाव लड़ा था और उनके चुनाव की कमान उनकी बहन इक़रा हसन ने संभाली हुई थी। नाहिद हसन को 11 महीने बाद गैंगस्टर के मामले जमानत मिली है।

बता दें कि 2018 में कैराना के मोहल्ला अफगानन निवासी मोहम्मद अली ने कैराना सपा विधायक नाहिद हसन व उनकी मां पूर्व सांसद तबस्सुम हसन, महमूद, अरशद, इरफान, नोशाद व कय्यूम सहित कुछ अज्ञात के खिलाफ धारा 420, 379, 427, 504, 506, 406, 457, 380, 352, 323 व 120 बी के तहत कोतवाली कैराना में दर्ज किया गया था।

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