Home India News गुजरात विधानसभा को मिला इस बार सिर्फ एक मुस्लिम विधायक

गुजरात विधानसभा को मिला इस बार सिर्फ एक मुस्लिम विधायक

आकिल हुसैन। Two circles.net

गुजरात विधानसभा चुनाव में एकमात्र मुस्लिम प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है।‌ कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खेड़ावाला ने जमालपुर खड़िया विधानसभा से जीत दर्ज की है। बीजेपी ने 12 मुस्लिम बाहुल्य सीटों में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की है। आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम ने इन मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ा था , दोनों पार्टियां न तो इन मुस्लिम बहुल कोई सीट जीत सकीं न ही अच्छा प्रदर्शन कर सकीं। इन सीटों पर आप और एआईएमआईएम ने मिलकर कांग्रेस के वोटरों को दो हिस्सों में बांट दिया जिसके चलते बीजेपी ने एक भी मुस्लिम कैंडिडेट न उतारने के बावजूद इन सीटों पर जीत दर्ज की।

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 6 मुस्लिमों को टिकट दिया था वहीं आम आदमी पार्टी ने तीन सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे। असदुद्दीन ओवैसी ने भी 12 मुस्लिम बहुल सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे।‌ वहीं सबको साथ लेकर चलने का दावा करने वाली बीजेपी ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से परहेज़ किया था। कांग्रेस के इमरान खेड़ावाला ने जमालपुर खड़िया विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार भूषण भट को 13 हजार से अधिक वोटों से हराया। इमरान इस बार विधानसभा में इकलौते मुस्लिम विधायक होंगे।

गुजरात में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 10 फीसदी है, करीब 30 सीट पर मुस्लिम मतदाताओं का अच्छा प्रभाव है, 20 सीट ऐसी है जहां यह मतदाता 20% से भी अधिक हैं। गुजरात की जिन एक दर्जन सीटों को मुस्लिम बहुल माना जाता है उसमें बापूनगर, अब्दासा, दानी लिंबड़ा, भुज, सूरत पूर्व, रियापुर, वागरा, भरूच, वेजलपुर, भुज, बापूनगर, जंबूसर, लिंबायत, जमालपुर खड़िया, दानीलिमडा शामिल है। जमालपुर खड़िया में सबसे अधिक 61 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता है जबकि दानीलिमडा में 48, दरियापुर में 40 फीसदी मुस्लिम मतदाता है।

चुनाव प्रचार के दौरान इमरान खेड़ावाला …

इन सीटों में से मात्र 2 सीटों जमालपुर और दानीलिमडा पर कांग्रेस जीतने में कामयाब रहीं बाकि सभी मुस्लिम बहुल सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशियों में सूरत पूर्व से असलम साइकिलवाला, वांकानेर से मोहम्मद जावेद पीरजादा, अबडास सीट से ममदभाई जुंगजत, वागरा से सुलेमान पटेल, दरियापुर सीट से ग्यासुद्दीन शेख, जमालपुर खड़िया से  इमरान खेड़ावाला को टिकट दिया था। आम आदमी पार्टी ने तीन मुस्लिम चेहरों को अपना उम्मीदवार बनाया था। दरियापुर से ताज कुरैशी, जंबसुर से साजिद रेहान और जमालपुर खेड़िया से हारुन नागोरी को टिकट दिया था। 

दरियापुर सीट पर दो बार से विधायक रहे गयासुद्दीन शेख को हार का सामना करना पड़ा। गयासुद्दीन शेख को यहां लगभग पांच हज़ार वोटों के अंतर से बीजेपी प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर आम आदमी पार्टी के मुस्लिम प्रत्याशी ताज कुरैशी को 4300 वोट मिले और एआईएमआईएम के कैंडिडेट को 1700 वोट मिले।

सिद्धपुर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी मात्र 2800 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। यहां आम आदमी पार्टी को 2000 वोट मिले वहीं बसपा को भी 2000 वोट मिले और एआईएमआईएम को 1137 वोट प्राप्त हुए। मुस्लिम बहुल मंगलौर में कांग्रेस को लगभग 38,000 वोट, आप को 34,000 वोट मिले। वहीं एआईएमआईएम को भी यहां लगभग 10 हज़ार वोट मिले। वहीं बीजेपी ने इस सीट पर 60 हज़ार वोट लाकर जीत दर्ज की। साफ़ हैं मुस्लिम वोटों का आप, कांग्रेस और एआईएमआईएम में बिखराव हुआ जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला।

वांकानेर विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद जावेद पीरजादा लगभग 60 हज़ार वोट लाकर बीजेपी प्रत्याशी से लगभग 20 हज़ार वोट के अंतर से हारे। आम आदमी पार्टी के कैंडिडेट को यहां 53 हज़ार वोट मिले। गोधरा सीट पर कांग्रेस लगभग 35 हज़ार वोट से चुनाव हारी, यहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को कुल मिलाकर 20 हज़ार वोट प्राप्त हुए। इसके अलावा कई निर्दय प्रत्याशियों ने यहां बीजेपी की राह आसान करी।

गुजरात की किसी भी विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या कभी सात से ज्यादा नहीं रही। 2017 में तीन मुस्लिम उम्मीदवार जीतकर विधायक बने थे, तीनों कांग्रेस से थे। वहीं इससे पहले 2012 विधानसभा चुनाव में महज दो मुस्लिम उम्मीदवार ही जीतने में सफल रहे थे। 2017 में इन 10 सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाली सीटों में से पांच सीटें भाजपा और पांच सीटें कांग्रेस को मिलीं थीं। 2012 की बात करें तो इन 10 में से आठ सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। वहीं इस बार यह आंकड़ा कांग्रेस को महज दो सीटों पर पहुंच गया हैं।‌

जिस तरह से बीजेपी ने मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर जीत हासिल की है। एक बात साफ़ है कि मुस्लिम वोटों के आप और एआईएमआईएम में बिखराव के अलावा मुस्लिम के कुछ वर्ग का रूझान बीजेपी की ओर भी बढ़ा है। गुजरात चुनाव से ठीक पहले अगस्त में बिल्किस बानों के दोषियों की रिहाई के बाद कांग्रेस ने मुखर होकर इसकी आलोचना की थी। पूरे देश में दोषियों की रिहाई को लेकर काफी चर्चा भी हुई। हालांकि, इससे भाजपा को खास नुकसान होता नजर नहीं आया है।

अगर गुजरात में मुस्लिम प्रतिनिधित्व की बात करें तो अहमद पटेल कि गुजरात से लोकसभा पहुंचने वाले वो आखिरी मुस्लिम सांसद थे। इसके बाद से 30 साल से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन गुजरात में कोई दूसरा मुस्लिम सांसद लोकसभा नहीं पहुंचा सका‌ हैं। विधानसभा में भी मुस्लिम प्रतिनिधित्व लगातार गिरता जा रहा है। गुजरात में मुस्लिम आबादी के हिसाब से लगभग 15 मुस्लिम विधायक होने चाहिए।

विधानसभा चुनाव बीजेपी ने 156 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस को 17 सीटें प्राप्त हुईं हैं तो वहीं गुजरात में पहली बार हाथ आज़मा रहीं आम आदमी पार्टी को 5 सीट प्राप्त हुईं वहीं एआईएमआईएम का प्रदर्शन यहां ख़राब रहा उसको नोटा से भी कम वोट शेयर प्राप्त हुए। कांग्रेस का पिछली बार वोट परसेंटेज 40% था,इस बार 27% हैं यानी लगभग 13% कम हुआ हैं। वही आप का वोट शेयर 12% रहा। गुजरात में बीजेपी की मदद करने आम आदमी पार्टी की अहम भूमिका रहीं हैं।