इक़बाल की नज़्म ‘लब पे आती है दुआ बनके ‘ गाने पर टीचर को जेल

आकिल हुसैन।Twocircles.net


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शायर अल्लामा इकबाल की एक मशहूर नज़्म ‘लब पे आती है दुआ’ (जिसका अर्थ ईश्वर/ख़ुदा से मांगना है) पढ़ने से क्या किसी की धार्मिक भावना आहत हो सकती है। उत्तर प्रदेश के बरेली में एक सरकारी स्कूल में सुबह प्रेयर के दौरान बच्चों द्वारा इस नज़्म को पढ़ने के बाद पुलिस ने स्कूल की प्रिंसिपल और एक टीचर पर धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। प्रिंसिपल और टीचर को सस्पेंड कर दिया गया है वहीं टीचर को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है। खास बात यह है कि जिस दिन का यह मामला हैं उस दिन स्कूल की प्रिंसिपल छुट्टी पर थी, ऐसे में सवाल उठता है कि जब प्रिंसिपल स्कूल में थी ही नहीं तो किस आधार पर पुलिस ने एफआईआर में उनका नाम भी नामजद किया।

बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के एक प्राइमरी स्कूल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वायरल वीडियो में स्कूल में दोपहर प्रेयर के दौरान ‘लब पे आती है दुआ’ पढ़ रहे थे। स्कूल के ही एक टीचर वज़ीरूद्दीन बच्चों को यह नज़्म पढ़ाते हुए दिख रहे थे। वीडियो के आधार पर एक हिंदूवादी संगठन के सोमपाल राठौर ने फरीदपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई कि हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से स्कूल में मुस्लिम टीचरों द्वारा मुस्लिम प्रेयर करवाईं जा रही है।

21 दिसंबर को फरीदपुर थाना पुलिस ने विश्व हिन्दू परिषद के सोमपाल राठौर की तहरीर पर स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी और टीचर वज़ीरुद्दीन के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया। मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने वज़ीरूद्दीन को शनिवार को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया। इसके अलावा शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी और वज़ीरूद्दीन को सस्पेंड करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।‌

अध्यापक वजीहुदीन …


विश्व हिन्दू परिषद का कहना है कि ‘लब पे आती है दुआ’ उर्दू और इस्लामिक प्रेयर हैं। स्कूल में इस्लामिक प्रेयर पढ़वाकर धर्म परिवर्तन के उद्देश्य से एक नई प्रथा को पैदा किया जा रहा है। स्कूल में हिंदू बच्चों से इस्लामिक प्रेयर पढ़वाकर उन्हें इस्लाम के प्रति आकर्षित किया जा रहा है। विश्व हिन्दू परिषद का आरोप है कि स्कूल में प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी और टीचर वज़ीरूद्दीन हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं और छात्रों के धर्मांतरण की तैयारी कर रहे हैं।

एफआईआर दर्ज करवाने वाले विहिप के सोमपाल राठौर का कहना है कि हमें शिकायत मिली थी कि स्कूल में उर्दू और इस्लामिक प्रेयर करवाईं जा रही है जिसके बाद स्कूल में ‘लब पे आती है दुआ’ पढ़ते हुए बच्चों की वीडियो बनाईं गई और फिर पुलिस में शिकायत की गई थी।

जब यह मामला सामने आया तब स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी अपनी बेटी की शादी के चलते छुट्टी पर चल रहीं थी। जिस दिन यह मामला सामने आया उस दिन नाहिद स्कूल में नहीं थी। इसके बावजूद दर्ज एफआईआर में प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी का भी नाम है। अब सवाल उठता है कि जब प्रिंसिपल स्कूल में थी नहीं और प्रिंसिपल का चार्ज किसी अन्य टीचर के पास था तो किस आधार पर या किसके दबाव में पुलिस ने नाहिद के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की।

पूरे मामले पर स्कूल की प्रिंसिपल नाहिद सिद्दीकी का कहना है कि स्कूल में प्रेयर वज़ीरूद्दीन करवाते थे। उस दिन का मामला जब हुआ तो वो छुट्टी पर थी। उनका कहना है कि इससे पहले भी जब वज़ीरूद्दीन ने ‘लब पे आती है दुआ’ को पढ़ाने के लिए कहा था तो उन्होंने मना कर दिया था।

नाहिद का कहना है कि स्कूल में ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ प्रेयर करवाईं जाती है, इसके अलावा सूर्य नमन भी कराया जाता है। ‘लब पे आती है दुआ’ क्लास 5 के उर्दू के सेलेब्स में हैं। मुस्लिम बच्चों के कहने पर यह प्रेयर करवाईं गई थी। उर्दू विषय है तो इसे विषय की तरह पढ़ाया गया है। नाहिद ने विहिप के आरोपों को नकारते हुए इसे एक साज़िश बताया है।

फरीदपुर का यह कमला नेहरू प्राथमिक विद्यालय काफ़ी पुराना है। यह विधालय एक बड़ी हिंदू बाहुल्य इलाके के बीचों-बीच में हैं। यहां कक्षा आठ तक के बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल में बच्चों की संख्या लगभग तीन सौ हैं, जिसमें अच्छी खासी तादाद मुस्लिम बच्चों की भी हैं।

इस पूरे मामले में फरीदपुर के एक शख्स नाम न छापने की शर्त पर TwoCircle.net से बताते हैं कि यह मामला कहीं न कहीं राजनीति से प्रेरित हैं, जिस व्यक्ति ने इस पूरे मामले को उठाया है वो बीजेपी से फरीदपुर नगर पालिका से चैयरमेन के लिए टिकट मांग रहे हैं। यह कहीं न कहीं चुनाव से पहले क्षेत्र में हिन्दू मुस्लिम धुव्रीकरण की कोशिश हैं क्योंकि यह पहली बार नहीं हुआ है जब ‘लब पे आती है दुआ’ पढ़वाई गई हों, यह इससे पहले भी पढ़वाई गई है। तब किसी ने आपत्ति नहीं जताई।

कमला नेहरू स्कूल के पास रहने वाले एक व्यक्ति भी नाम न छापने की बात पर TwoCircle.net से कहते हैं कि स्कूल में काफ़ी सालों से अधिकतर स्टाफ मुस्लिम हैं, और एक दूसरे नये टीचर आने के बाद यहां कुछ विवाद भी हो चुका है। वो बताते हैं कि फरीदपुर में कई स्कूलों में ‘लब पे आती है दुआ’ प्रेयर होती है और यहां भी पहले हर जुमे को यह प्रेयर होती थी, फिर बीच में बंद हो गई थी। लेकिन इस बार इसको लेकर विवाद हुआ है।

फरीदपुर के काशिफ कहते हैं कि अल्लामा इक़बाल की इस नज़्म में धर्म कहा से आ गया यह समझ से परे है। क्योंकि इस नज़्म में अपने निर्माता से प्रार्थना करते हैं और वो निर्माता ‘ईश्वर, भगवान, रब, ख़ुदा’ कोई भी हो सकता है। बाकि उर्दू किसी एक धर्म या जाति की ज़बान नहीं है बल्कि यह पूरे भारत की ज़बान हैं। इसका किसी एक धर्म से जोड़ना ग़लत है।

बरेली के पुलिस कप्तान राज कुमार अग्रवाल ने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में दो टीचरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया हैं। पुलिस ने एक टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया हैं। बाकि इस मामले में जांच चल रही है।

जिस नज़्म या कह लें कविता पर विवाद छिड़ा हुआ है वो अल्लामा इक़बाल ने लिखीं थीं। उस नज़्म में एक बच्चा अपने ईश्वर या ख़ुदा से प्रार्थना करता है। इस नज़्म का शीर्षक भी ‘बच्चों की दुआ’ हैं। इससे पहले भी एक बार अल्लामा इक़बाल की नज़्म पीलीभीत के एक स्कूल में पढाएं जाने पर विवाद में आ चुकीं हैं। अल्लामा इक़बाल ने ही देश का तराना-ए-हिन्द ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’ लिखा था।

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