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“मुझे जान की परवाह नही थी, मैने देखा कोई मुसीबत में हैं तो मैं ट्रेन के आगे कूद गया”

जिब्रानउद्दीन।Twocircles.net

सोशल मीडिया पर भोपाल के बरखेड़ी फाटक के समीप का एक वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक व्यक्ति को अपनी जान पर खेलकर एक किशोरी की जान बचाते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को दिखने वाले व्यक्ति का नाम महबूब है, जिसकी चारो जमकर वाह-वाही हो रही है। महबूब अपनी जांबाजी का प्रदर्शन करते हुए इंसानियत के लिए एक मिसाल बन गए हैं।

ये वीडियो बुधवार के शाम की है। महबूब ने हमारे साथ बातचीत में पूरा मामला बताया है। महबूब के मुताबिक वो उस समय अपने एक साथी के साथ, ईशा (रात) की नमाज़ पढ़कर वापस आ रहे थें। जब वो बरखेड़ी फाटक के समीप पहुंचे तो वहां से एक मालगाड़ी गुजरने को थी। महबूब बताते हैं, “मालगाड़ी वहां आने के बाद रुक गई थी, जिसके बाद वो उसे आराम से पार कर गया, उनके पीछे चल रहे साथी भी आसानी से मालगाड़ी को पार कर गए लेकिन उस समय को ही मालगाड़ी चलने को शुरू हो गई , जीशान भाई के गाड़ी को पार करने के बाद ही मालगाड़ी चलने लगी थी, मैंने देखा कि इस दौरान जैसे ही पीछे मुड़कर देखा तो वहां एक लड़की पटरी पर खड़ी हुई दिखी मैं यें नज़ारा देखते ही माजरा समझ गया और सीधा लड़की की तरफ दौड़ पड़ा।”

महबूब बताते हैं कि वो अपनी परवाह किए बगैर किशोरी के पास पहुंचे तो लेकिन उनके पास इतना समय नहीं बचा था कि वो लड़की को वहां से हटा पाते। ऐसे में सूझबूझ से काम लेते हुए उन्होंने किशोरी को वहीं पर ज़मीन से सटा दिया ताकि मालगाड़ी ऊपर से निकल जाए। खुद महबूब के पास भी समय के अभाव में कोई दूसरा रास्ता नही बचा तो वो भी वहीं पर जमीन से सट गए और मालगाड़ी के गुजरने का इंतजार करने लगें।

56 डब्बों की मालगाड़ी जैसे ही उनके ऊपर से गुज़री कि आसपास मौजूद लोग महबूब और उस किशोरी के पास दौड़कर पहुंचे। आनन फानन में किशोरी को अस्पताल ले जाया गया। इसके अलावा पुलिस भी किशोरी से पूछताछ की महबूब बताते हैं कि 17 वर्षीय किशोरी ने ये आत्महत्या करने की कोशिश थी या फिर ये महज कोई दुर्घटना थी, यह वो नही कह सकते हैं मगर स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मुझे बुलाकर सम्मान दिया।

महबूब भाई बताते हैं कि “मुझे अपने जान की परवाह नही थी, मैने सिर्फ इतना देखा कि वो मुसीबत हैं तो मैं आगे कूद पड़ा।” महबूब बताते हैं कि वो लड़की जैसे किसी और की बहन होती वैसे ही उनकी बहन भी थी, “इंसानियत के रिश्ते से, सब तो अपने ही लोग होते हैं।”

इस वीडियो के वायरल होने के बाद से महबूब की चारों तरफ तारीफें हो रही हैं। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर इनका वीडियो अब तक लाखों बार देखा जा चुका है। पंकज अंबेडकर महबूब की तारीफ करते हुए कहते हैं महबूब साहब को मैं सलाम पेश करना चाहता हूं खुद की जिंदगी से बढ़कर कुछ नही होता है लेकिन कोई अगर खुद की जिंदगी को दूसरे की जिंदगी बचाने के लिए दांव पर लगा दे तो उस इंसान को इंसानियत का मूरत कहना चाहिए और उस इंसान से बेहतर इंसान कोई नहीं हो सकता है। मैं महबूब भाई को सलाम करता हूं।” भोपाल के सलीम अहमद ने कहा कि ऐसे ही व्यक्तियों की अक्सर ट्रेनों में मॉब लिंचिंग की गई है, ज़रा सोचिए ये भी वही मानसिकता रखता तो उस युवती को मरने देता अपनी जान को जोखिम में नही डालता, मगर महबूब ने मुहब्बत का रास्ता चुना।यह बहुत अच्छा लगा और उन पर गर्व हुआ।