खुर्जा के मेराज अहमद खान ने रचा इतिहास, वर्ल्ड कप में गोल्ड पर मारा निशाना

स्टाफ रिपोर्टर।twocircles.net

सोमवार को अनुभवी निशानेबाज मेराज अहमद खान ने इंटरनेशनल शूटिंग स्पोर्ट फेडरेशन विश्व कप में पुरुषों की स्किट स्पर्धा में गोल्ड मेडल हासिल कर पूरे देशवासियों का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। इस उपलब्धि के साथ ही उन्होंने इतिहास रच दिया है। मेराज स्कीट शूटिंग में स्वर्ण पदक को अपने नाम करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं।


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साउथ कोरिया के चांगवोन में आयोजित टूर्नामेंट में मेराज खान ने संभावित 40 शॉट के फाइनल में 37 का स्कोर करके कोरिया और ब्रिटेन के बेन लीवेलिन और मिंसु किम को पछाड़ा है। दो बार के ओलंपियन रहे मेराज अहमद के इस स्वर्ण पदक के साथ, टूर्नामेंट में भारत अबतक 5 गोल्ड मेडल हासिल कर चुका है। इसके अलावा पदक टैली में भी भारत शीर्ष स्थान पर बना हुआ है। इस प्रतियोगिता में भारत को अभी तक 5 स्वर्ण, 5 रजत और 3 कांस्य पदक हासिल हुए हैं। इसके पहले मेराज रियो वर्ल्ड कप में भी भारत के लिए सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।

मेराज अहमद खुर्जा के रहने वाले हैं ,खुर्जा अलीगढ़ का कस्बा है और बेहतरीन क्रॉकरी के लिए जाना जाता है।

46 वर्षीय मेराज का संबंध उत्तर प्रदेश से है। मेराज का जन्म 2 नवंबर, 1975 को राज्य के बुलंदशहर जिले के खुर्जा शहर में हुआ था। सोमवार को, खुर्जा के मोहल्ला ख्वेशज्ञान निवासी मेराज अहमद खान के मुहल्ले में कोरिया से जीत की खबर आते ही हर्षोल्लास का माहौल छा गया। वो जमींदारों के खानदान से आते हैं जहां उनके पिता ने उन्हें शूटिंग में रुचि दिलवाई थी। उनके पिता के अलावा उनके भाई और चाचा भी राज्य स्तरीय ट्रैप शूटर रह चुके हैं। हालांकि उनका शुरुआत में रुचि क्रिकेट की ओर था और वो शूटिंग सिर्फ नाम को किया करते थें। उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया की तरफ से पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के साथ क्रिकेट भी खेल रखा है। उन्होंने क्रिकेट जगत में भी कई उपलब्धियां हासिल की थी, जिसमें विज़ी ट्रॉफी, सीके नायडू ट्रॉफी, ऑल इंडिया अंडर 22 क्रिकेट टूर्नामेंट, में हिस्सा लेना शामिल लेकिन फिर वो क्रिकेट जगत में अपना कैरियर नही बना सकें। फिर निशानेबाज़ी पर हो उन्होंने अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया।

मेराज बचपन से ही होशियार थें, उन्होने अपनी 5वीं तक की पढ़ाई खुर्जा के केपी मांटेसरी स्कूल से की थी। फिर आगे, 8वीं कक्षा वो बुलंदशहर स्थित एक कान्वेंट स्कूल से करने के बाद उन्होंने खुर्जा से ही 10+2 कर, आगे जामिया चले गए थें। पढ़ाई के अलावा उन्होंने अपना मुख्य मकसद निशानेबाज़ी को बनाया था।

उन्होंने अपने जीवन में निशानेबाज़ी के जगत में कई बड़े- बड़े माइलस्टोनो को पार कर रखा है। वो पिछले 15 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी मेडल और उपलब्धियां हासिल कर रखी हैं। 2016 में उन्होंने रियो डी जनेरियो में आयोजित आईएसएसएफ विश्व कप में सिल्वर मेडल और 2010 दिल्ली में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल कर रखा है।

खान ने 2003 में इटली के लोनाटो में आयोजित आईएसएसएफ विश्व कप के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश किया था। मेराज खान पिछले वर्ष 2021 में विश्व के 14वें स्थान पर रह चुके हैं। वो टोक्यो ओलंपिक के पुरुष स्कीट में भी मुकाबले में नज़र आए थें। इसके अलावा वो 2016 के रियो डी जनेरियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए नज़र आए थें।

मेराज एक ऐसे पहले स्कीट शूटर हैं जिन्होंने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुए थें। उन्होंने कॉमनवेल्थ शूटिंग चैंपियनशिप, एशियन चैंपियनशिप और साथ ही साथ कई अंतरराष्ट्रीय इवेंट में भी मेडल अपने नाम करवाया है।

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