ग्राऊंड रिपोर्ट : “पुलिस ने मेरे बेगुनाह शौहर की हत्या की” हिरासत में पिटाई से ख़दीर की मौत पर पत्नी का आरोप

 

 


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तेलंगाना में मेदक पुलिस ने खदीर को चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार किया था, गिरफ्तारी के बाद बेतहाशा पिटाई से खदीर की तबीयत बिगड़ गई  और उसे स्थानीय अस्पताल भर्ती कराया गया जहां 16 फरवरी को गांधी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान ख़दीर की मौत हो गई। ख़दीर की पत्नी सिध्देश्वरी का कहना है कि मेरे पति की हत्या की गई , इस सबके बावूजद  पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया। यह रिपोर्ट पढ़िए …

मोहम्मद ज़मीर हसन। Twocircles.net 

” चोरी के आरोप में मुझे पांच दिनों तक हिरासत में रखा गया। मैं पुलिस वालों को यह कहते-कहते थक गया कि मैं बेकसूर हूं। मुझे दो घंटे तक उलटा लटकाकर रखा गया। हाथ से लेकर पैरों तक बेरहमी से पीटा गया। इस पिटाई के बाद मैं टूट गया। मैंने उनसे कहा कि मैं अपराध कबूल कर लूंगा। उन्होंने मुझसे चोरी का सामान मांगा लेकिन मेरे पास तो सामान नहीं था। मैं तो अपनी जान बचाने के लिए अपराध कबूल करने को तैयार था।  लेकिन पुलिस वाले मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस वालों ने धमकाया कि तुम्हारे परिवार वाले दूसरे कमरे में हैं। जेवरात नहीं दोगे तो नंगा कर उन पर चुहे छोड़ दूंगा। आज मेरी टांग और शरीर के कुछ अंग काम नहीं कर रहे हैं।”

मोहम्मद खदीर ने दम तोड़ने से एक दिन पहले हैदराबाद के गांधी अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान वीडियो में यह बातें कही थीं। हिरासत में बुरी तरह पीटे जाने के बाद मोहम्मद खदीर की मौत हुए करीब दो हफ्ते हो चुके हैं। परिवार का आरोप है कि अब तक न तो तेलंगाना सरकार के प्रतिनिधि ने और न ही जिले के अधिकारियों ने न्याय और मदद दिलाने की बात कही है। यह लोग हमसे मिलने तक भी नहीं आए हैं। बता दें कि मेदक पुलिस ने मोहम्मद खदीर को 29 जनवरी को याकूतपुरा स्थित उसके रिश्तेदार के घर से चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था। खदीर को चार दिनों तक हिरासत में रखा गया। 3 फरवरी को पुलिस ने उसकी पत्नी सिद्धेश्वरी को खदीर को घर ले जाने के लिए कहा। पत्नी का आरोप है कि थाने से छूटने के दौरान खदीर से दस्तखत करवाए गए थे, लेकिन खदीर के हाथ इस कदर जख्मी थे कि वह दस्तखत भी नहीं कर सका। फिर पुलिसकर्मियों ने खुद उनके हस्ताक्षर लिए।

जब खदीर की हालत काफी खराब हो गई थी तो उसे गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान खदीर की किडनी और शरीर के कुछ अंगों ने काम करना बंद कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। खदीर के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बच्चे हैं।  खदीर के साथ परिवार के बड़े-बड़े सपने जुड़े थे, जो चकनाचूर हो गए। खदीर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। मेदक स्थित बस स्टैंड से कुछ दूरी पर एक किराए के मकान में पूरे परिवार के साथ रहता था। आज कमरे में सिर्फ उनकी यादें ही रह गई हैं। वह घर जो उनका नहीं है। दीवार पर टंगी उनकी एक तस्वीर, जिसे देखकर उनकी पत्नी और बच्चों की आंखें नम हो जाती हैं। खदीर ने अपने बचपन की दोस्त सिद्धेश्वरी से शादी की थी। सिद्धेश्वरी के पहले पति की सड़क दुघर्टना में मौत हो गई थी, तब खदीर ने सिद्धेश्वरी को अपनी दुल्हन बनने के लिए मनाया था। सिद्धेश्वरी भावुक होते हुए कहती हैं, मेरे पहले पति की मौत के बाद उन्होंने मुझसे शादी की। वे कहते थे कि मैं तुम्हें दुखी नहीं देख सकता, तुम्हें मैं बचपन से प्यार करता था। हम खुश थे, वो मेरी दुनिया थे लेकिन उसे भी पुलिस वालों ने मुझसे छीन लिया। सिद्धेश्वरी सवाल भरे अंदाज में कहती हैं, जो इंसान अपनी पत्नी को दुखी नहीं देख सकता, वह किसी दूसरे औरत के गले से जेवरात भला क्यों निकालेगा ! 

सिद्धेश्वरी ने पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया है कि जब मैं अपने पति से मिलने थाने गई तो पुलिसकर्मियों ने कहा कि तुम्हारे पति ने चोरी की है। सीसीटीवी में तुम्हारे पति के लंबे बाल जैसे व्यक्ति की फुटेज मिली है, कहा कि अगर उसने अपराध स्वीकार कर लिया तो मैं कार्रवाई करूंगा और जल्द घर भेज दूंगा। इस दौरान 29 से 2 फरवरी तक उसकी खूब पिटाई की गई। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी, तो उसे 3 फरवरी को रिहा कर दिया। हम उसे घर ले आए। इस दौरान खदीर का पेशाब और शौच बंद हो गया। पुलिसकर्मी समय-समय पर घर आते थे और खदीर को कहीं भी जाने से मना करते थे।

मृतक ख़दीर …

खदीर की हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मियों ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन यहां हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। सिद्धेश्वरी आगे कहती हैं, ” मैंने 9 फरवरी को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के यहां मामला दर्ज कराया था लेकिन उस दौरान कोई कार्रवाई नहीं हुई। मेरे पति तो अब लौट कर वापस नहीं आ सकते। हमारी मांग है उन पुलिस वालों को जेल भेजा जाएं ताकि वह दूसरे बेकसूर के साथ दोबारा ऐसा न करें। सरकार से हमारी गुजारिश है कि वो हमें एक घर और एक सरकारी नौकरी दे। ताकि अपने बच्चों को पढ़ा सकूं”।           

         खदीर के बच्चे सना, महक और अरमान तीनों भाई-बहन देश की सेवा करना चाहते हैं। सना की उम्र 18 साल है।  वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। वह कहती है, “अब वह पढ़ाई छोड़कर काम करेगी क्योंकि घर में कमाने वाला कोई नहीं है।   जानकारी के अनुसार मेदक डीएसपी साइडूलू ने शुरुआत में हिरासत में मौत से इनकार किया था। खदीर की मौत के सिलसिले में जब हमने उनसे बात की तो उन्होंने कहा, “सारी बात मीडिया में आ चुकी है। हमने तत्काल तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मामले की और जांच की जा रही है।” इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई, वकील बोले- पुलिस ने संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया है। 

खदीर का केस लड़ रहे वकील सीनू ने कहा कि अभी हम मामले पर काम कर रहे हैं। पुलिस ने चालाकी से सीआरपीसी की धारा 174 (संदिग्ध मौत) के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आते ही हम मामले पर काम शुरू कर देंगे। खदीर की पत्नी का आरोप है कि मेरे पति की मौत को करीब दो सप्ताह हो चुके हैं। अभी तक पुलिस ने हमें पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने मामले पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है। तेलंगाना उच्च न्यायालय द्वारा नोटिस जारी करने के तुरंत बाद, डीजीपी अंजनी कुमार ने तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया और वारंगल के आईजी चंद्रशेखर रेड्डी को जांच सौंपी है।

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