नल जल योजना में गड़बड़ी को लेकर पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू को ज्ञापन सौंपा गया।
एम.ओबैद/ TwoCircles.net
नल जल योजना नीतीश सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट है। इसके कार्यान्वयन को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसी कड़ी में अब इस योजना में गड़बड़ी को लेकर बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया है।
बता दें कि इस साल भीषण गर्मी में एक तरफ़ जहां भूजल का स्तर लगातार नीचे जाने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा वहीं दूसरी तरफ राज्य के कई हिस्सों में नल जल योजना के तहत नलों से पानी न मिलने की शिकायतें भी आती रही। यह योजना नीतीश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना के लागू होने के समय से ही गड़बड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं। एक तरफ जहां नलों में पानी न आने, पाइप लीक होने और नल की टोंटी ग़ायब होने के मामले आते रहे हैं वहीं दूसरी ओर इस योजना के तहत बोरिंग लगाने में कमीशनखोरी से लेकर पाइप बिछाने तक में कई तरह की अनियमितताएं भी मीडिया में उजागर हुई हैं।
‘गांव में नल जल योजना नहीं पहुंची‘
नीतीश सरकार की सात निश्चय योजनाओं में शामिल इस योजना में गड़बड़ी को लेकर राज्य भर से लगातार शिकायतें मिलती रही हैं। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक कटिहार के हसनगंज प्रखंड के रामपुर पंचायत में नल जल योजना से वंचित लोगों ने शुद्ध जल की मांग करते हुए सड़क पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक तरफ पूरे प्रखंड में नल जल योजना का शुद्ध जल मुहैया कराई जा रही है, लेकिन हमारे गांव में अब तक नल जल योजना नहीं पहुंची है। पानी तो दूर नल जल योजना का अंदर गांव में पाइपलाइन तक नहीं पहुंचा है। बार–बार नल–जल योजना को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय स्तर पर अधिकारियों को कहा गया। लेकिन आजतक इस पर कोई पहल नहीं हुआ। उनका कहना है कि आज भी गांव में हमलोग चापाकल का आयरनयुक्त पानी पीने को मजबूर हैं। साथ ही आयरनयुक्त पानी पीकर हम लोग कई बीमारी के शिकार हो रहे हैं। लेकिन हमारी समस्या से किसी भी अधिकारी को कोई लेना देना नहीं है।
वहीं पिछले महीने पूर्णिया के बायसी अनुमंडल में भीषण गर्मी में पीने की पानी एवं नल जल योजना के तहत बनी टंकी से पानी नहीं मिलने पर गांव के लोगों ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। लोगों ने प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग की।
उधर राज्य के जमुई ज़िले में लोगों ने भी नल जल योजना को लेकर नाराज़गी ज़ाहिर की थी। स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि चकाई प्रखंड के नोआडीह पंचायत के फतेहपुर गांव में नल जल योजना तीन साल पहले शुरू हुई थी लेकिन अब तक पानी नहीं पहुंचा। उनका कहना है कि इस भीषण गर्मी के बीच पानी की किल्लत ने ग्रामीणों की परेशानी बढ़ा दी है। ग्रामीणों का कहना कि 40 घरों वाले इस गांव की आबादी क़रीब 400 है।
योजना में गड़बड़ी को लेकर मंत्री को ज्ञापन
बिहार सरकार के पीएचईडी मंत्री नीरज सिंह बबलू को सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड क्षेत्र के मोहनपुर पंचायत में नल जल योजना में हुई गड़बड़ी को लेकर एक ज्ञापन सौंपा गया। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक़ ज्ञापन में कहा गया कि पंचायत के वार्ड नंबर 12, 13 एवं 14 के ग्रामीणों को बिहार सरकार द्वारा चलाए गए हर घर नल जल योजना का लाभ नहीं मिल पाया है। जिसके चलते ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल पाता है। वार्ड संख्या आठ में जब से नल जल योजना की शुरुआत हुई तब से आज तक उस वार्ड के लोगों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई है। अन्य वार्डो में भी नल जल योजना सुचारू रूप से नहीं चल रहा है। मंत्री को दिए ज्ञापन में जल्द से जल्द नल जल योजना में आ रही कठिनाई को दूर करते हुए पंचायत के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की मांग की गई है।
सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र इस योजना को लेकर कहते हैं, “मुख्यमंत्री के 7 निश्चय योजना के तहत नल–जल योजना भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया। इस योजना में बड़े पैमाने पर घटिया टंकी, पाइप, नल, सबमर्सिबल आदि का इस्तेमाल किए जाने से दो–तीन वर्षों में ही योजना दम तोड़ रहा है। कहीं पाइप का फट जाना, कहीं नल का टूट जाना तो फिर कहीं लगातार सबमर्सिबल मोटर या सबमर्सिबल पैनल आदि जलने से जलापूर्ति बाधित रहने की शिकायत मिलती रहती है।“
क्या है नल जल योजना
इस योजना का उद्देश्य बिहार के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन के ज़रिए साफ़ पानी पहुंचाना है। इसके तहत सुबह, दोपहर और शाम पीने का साफ़ पानी मुहैया कराया जाता है। नीतीश सरकार ने आधिकारिक तौर पर सितंबर 2016 में इस योजना की शुरुआत की थी।
ज्ञात हो कि नीतीश कुमार ने 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में सात निश्चय का ज़िक्र किया था उसमें से एक निश्चय हर घर को स्वच्छ नल का जल आपूर्ति करना भी था।
नीतीश कुमार के इस निश्चय के तहत राज्य के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सभी घरों तक पाइप के ज़रिए पानी उपलब्ध कराया जाना है। सभी घरों तक पाइप से जल पहुंचाने के लिए चार योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं:-
– मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
– मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
– मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (ग़ैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
– मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना
27 सितंबर 2016 से शुरू की गई इस योजना के तहत राज्य के 4291 ग्राम पंचायत के सभी परिवार को पाइप के ज़रिए नल से साफ पानी आपूर्ति करना शामिल है। इस योजना का कार्यान्वयन बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग द्वारा कराया जा रहा है। सामुदायिक सहभागिता से ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक घर को नल से जल मुहैय्या कराने का लक्ष्य निर्धारित है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना का कार्यान्वयन उन पंचायतों में की जा रही हैं जहां का जल आयरन, फ्लोराइड या आर्सेनिक से प्रभावित है। नल से जल योजना के तहत राज्य के 11 फ्लोराइड प्रभावित ग्रामीण ज़िलों, 13 आर्सेनिक प्रभावित ज़िलों व 9 आयरन प्रभावित ज़िलों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना है। इस योजना का कार्यान्वयन पीएचईडी (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) द्वारा कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (ग़ैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना
मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल (ग़ैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र) निश्चय योजना का कार्यान्वयन गुणवत्ता प्रभावित पंचायत के गुणवत्ता प्रभावित नहीं होने वाले इलाके में किया जा रहा है। इसमें उन इलाक़ों भी शामिल किया गया है जिन पंचायत में जहां पीएचईडी द्वारा पेयजल आपूर्ति योजना पहले से चलाई जा रही है।
मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना
नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा कार्यान्वयन किए जाने वाले इस योजना के तहत राज्य के 143 नगर निकाय के 3381 शहरी वार्ड के 15,71,643 घरों में नल–जल से पेयजल आपूर्ति की जानी है। इस योजना के ज़रिए हर परिवार तक साफ पानी पहुंचाने का लक्ष्य तैयार किया गया है।
जेडीयू ने आज एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हर घर नल जल योजना से लोगों को मिल रहा स्वच्छ जल। हर घर नल जल योजना से बिहार में आई बहार।“