सिद्धांत मोहन, TwoCircles.net
पटना: बिहार में आए नतीजे जहां भाजपा के लिए परेशानी बनकर आए हैं, वहीँ ये नतीजे कईयों के लिए अच्छी खबर हैं. इनमें एक नाम है भारत के प्रमुख कम्युनिस्ट दल ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(मर्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) लिबरेशन’ का.
आज के चुनाव नतीजों में भाकपा(माले) ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है. इन सीटों में बलरामपुर, तरारी और दरौली विधानसभा सीटें हैं. यदि मतों के अंतर की बात की जाए तो बलरामपुर विधानसभा सीट पर पार्टी ने 22 हजार मतों से जीत दर्ज की है. इसके बाद दरौली में लगभग दस हजार वोटों से पार्टी ने जीत दर्ज की है और तरारी में चार सौ वोटों से. शाम ढलते-ढलते कयास लगाए जा रहे थे कि तरारी विधानसभा सीट पर भाकपा(माले) लोजपा और कांग्रेस से पिछड़ सकती है, लेकिन यह बात कोरी क़यास ही रह गयी.
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने चुनाव के इन नतीजों के बाबत बयान जारी करते हुए कहा है कि पार्टी का यह प्रदर्शन वाम शक्तियों की एकता है. पत्र में दीपांकर भट्टाचार्य ने बिहार के लोगों का धन्यवाद देते हुए कहा है कि वाम दलों को पार्टी विधानसभा में वापिस लाने के हम बिहार का शुक्रियादा करते हैं.
इस बयान में मोदी और भाजपा की कथित विभाजनकारी राजनीति की भर्त्सना करते हुए कहा गया है कि इस जनादेश से बिहार की जनता ने मोदी और भाजपा की इस राजनीति को करारा जवाब दिया है. यहां यह भी कहा गया है कि बिहार के इन परिणामों से देश की राजनीति पर असर पड़ेगा, साथ ही साथ मजदूरों, छात्रों, लेखकों, विचारकों और वैज्ञानिकों के चल रहे संघर्ष को आवाज़ मिलेगी. महागठबंधन की तारीफ़ करते हुए कहा गया है कि महागठबंधन और बिहार की जनता बिहार में इस ऐतिहासिक जीत के श्रेय के झंडाबरदार हैं.