TwoCircles.net News Desk
लखनऊ : बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में ‘मोदी गो बैक’ का नारा लगाना वाले छात्र रामकरन, अमरेन्द्र और सुरेन्द्र को रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने हज़रतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.
छात्रों को सम्मानित करते हुए मुहम्मद शुऐब ने कहा कि ‘मोदी गो बैक’ का नारा लगाने वाले दलित छात्रों ने पूरे दलित समाज में आरएसएस और मोदी सरकार के खिलाफ़ बढ़ते आक्रोश को व्यक्त किया है. जिसने आने वाले भविष्य का संकेत दे दिया है कि संघ और भाजपा का इस आंधी में उड़ना तय है.
उन्होंने कहा कि छात्रों की नारेबाजी के बाद मोदी का भाषण के दौरान रुककर रोहित वेमुला की मौत पर अफ़सोस जताना मोदी की पैंतरेबाजी है. जिसे दलित समाज बखूबी समझ रहा है. दुनिया में फासीवाद को छात्रों ने ही हर दौर में चुनौती दी है. ‘मोदी गो बैक’ का नारा लगाने वाले छात्र उसी परम्परा के वारिस हैं.
इस मौके पर सम्मानित छात्र रामकरन, अमरेन्द्र और सुरेन्द्र कहा कि अगर आप संघ की विचारधारा से सहमत हैं तो आपको प्रोफेसर और वाईस-चांसलर बनाया जाता है. विश्वविद्यालय का जिस तरह भगवाकरण किया जा रहा है उसे तत्काल बंद किया जाए.
‘मोदी गो बैक’ का नारा क्यों लगाया इस बात का जवाब देते हुए कहा कि देश में दलितों के साथ हमेशा अन्याय होता रहा है. अगर हम इस अन्याय के खिलाफ़ आवाज़ नहीं उठाएंगे तो कौन उठाएगा?
उन्होंने बताया कि पुलिस ने विरोध करने के बाद हमको गाड़ी में ले जाकर 30 मिनट तक मारा पीटा. छात्रों ने सवाल किया कि मोदी ने बीबीएयू में रोहित वेमुला के लिए क्यों संवेदना जताई? जबकि उन्हें तो हैदराबाद जाना चाहिए.
रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जिस तरीके से लोकतांत्रिक तरीके से आवाज़ उठाने वाले छात्रों की पुलिस प्रताड़ना की गई और उन्हें उनके गेस्ट हाउस से निकाला गया वह इस बात का सबूत है कि हमारी व्यवस्था रोहित वेमुला की मौत से कोई सबक़ नहीं ले पाई है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीबीएयू के वीसी आरसी सोबती ने छात्रों पर कार्यवाई करने की बात कहते हुए कहा कि जिन लड़कों ने पीएम के खिलाफ़ नारे लगाए वे दागी प्रकृति के हैं, उनके खिलाफ़ केस दर्ज है, यह कहकर उन्होंने साबित किया है कि जिस विश्वविद्यालय के कुलपति लोकतांत्रिक मूल्यों को नहीं मानते, उस विश्वविद्यालय के हालात क्या होंगे.
उन्होंने सवाल किया कि जब कुलपति छात्रों पर यह आरोप लगा रहे हैं कि वे विश्वविद्यालय में दलित मूवमेंट चला रहे थे तो ऐसे में उन्हें अंबेडकर विश्वविद्यालय का कुलपति बने रहने का कोई हक़ नहीं है, क्योंकि इन छात्रों ने अम्बेडकर के विचारों से ही अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा ली है.
रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि अगर ‘मोदी गो बैक’ का नारा लगाने वाले छात्रों का करियर ख़राब करने की कोई साजिश की गई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अब कोई रोहित आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं होगा. यह नागरिक अभिनंदन इसी बात का प्रतीक है कि भगवा आतंक के खिलाफ़ अब समाज लड़ने को तैयार हो रहा है. उन्होंने छात्रों का मेडल और डिग्री ससम्मान देने की मांग की.
‘मोदी गो बैक’ का नारा लगाने वाले छात्रों के नागरिक अभिनंदन में मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित संदीप पाण्डे, पीयूसीएल महासचिव वंदना मिश्रा, वरिष्ठ साहित्यकार भगवान स्वरुप कटियार, सीपीआई एमएल के राजीव, डा0 एम.पी. अहिरवार, सीमा चन्द्रा, दिवाकर, नदीम, आरिफ़ मासूमी, जुबैर जौनपुरी, सैयद मोईद, पीसी कुरील, खालिद कुरैशी, फहीम सिद्दीकी, अनिल यादव, केके वत्स, एस के पंजम, अजीजुल हसन, प्रदीप कपूर, अजय शर्मा, आशीष अवस्थी आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मण प्रसाद ने किया.