TwoCircles.net Staff Reporter
लखनऊ: हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला और जेएनयू के छात्रों के समर्थन में लखनऊ के हज़रतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर हस्ताक्षर अभियान चला रहे छात्र संगठन एसआईओ के छात्रों पर संघ और भाजपा नेताओं द्वारा घातक हमला किए जाने का ताज़ा मामला सामने आया है.
लखनऊ विधानसभा से बमुश्किल सौ मीटर की दूरी पर गांधी प्रतिमा के पास जमात-ए-इस्लामी हिन्द के छात्र संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन(SIO) के छात्र रोहित वेमुला की मांगों का समर्थन और जेएनयू के प्रति सरकार की कार्रवाईयों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान के ज़रिए प्रदर्शन कर रहे थे. सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से उत्तर प्रदेश पुलिस का दस्ता वहां था.
मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक़ देखते ही देखते प्रदर्शनस्थल पर कई 10-15 अज्ञात लोग जुट गए, जिनके बारे में यह कयास लगाए जा रहे थे कि वे भाजपा व संघ के कार्यकर्ता हैं. देखते ही देखते इन कार्यकर्ताओं ने हस्ताक्षर अभियान चला रहे इन छात्रों पर लाठियां भांजनी शुरू कर दिया. रोचक बात यह है कि घटनास्थल पर मौजूद पुलिसवाले यह तमाशा देखते रहे और छात्रों को पीट रहे कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने कोई तात्कालिक एक्शन नहीं लिया. छात्रों की पिटाई के बाद हमलावर लोग सामने स्थित भाजपा कार्यालय में चले गए.
इस प्रदर्शन में SIO के छात्र के अलावा सामजिक संगठन रिहाई मंच के कार्यकर्ता शामिल थे. रिहाई मंच के कार्यकर्ता अनिल यादव ने बताया कि घटना के बाद जब वे और बाक़ी सभी लोग एफआईआर दर्ज कराने कोतवाली पहुंचे तो कोतवाली प्रभारी विजयमल सिंह यादव उलटा उनसे पूछने लगे कि वे लोग देशद्रोहियों का पक्ष क्यों ले रहे हैं? मौके पर मौजूद एक दारोगा ने भुक्तभोगी छात्रों से कहा कि इस तरह का काम करेंगे तो पिटने के लिए तैयार रहना होगा. हालांकि तीन घंटे की आनाकानी के बाद विजयमल सिंह यादव ने एफआईआर दर्ज किया और यह भी संज्ञान में लिया कि हमलावर भाजपा कार्यालय से सम्बद्ध थे. घायल छात्र तारिक़ अमीन – जो लखनऊ विश्वविद्यालय में बी.कॉम. के छात्र हैं – का मेडिकल भी कराया गया.
इस मामले में भाजपा के लखनऊ प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों से बात करने पर वे साफ़ नकार रहे हैं, और वही पुराना देशभक्ति बनाम देशद्रोह का राग अलाप रहे हैं.
सामाजिक संगठन रिहाई मंच ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई प्रदेश की सपा सरकार और भाजपा के साम्प्रदायिक गठजोड़ का एक नमूना है. राजीव यादव ने कहा है कि प्रदेश सरकार सूबे में ऐसे हालात पैदा कर रही है, जिससे अभिव्यक्ति की आज़ादी पर पहरा बिठाया जा सके.
विजयमल सिंह यादव का नाम तब भी सुर्ख़ियों में आया था जब IPS अमिताभ ठाकुर ने मुलायम सिंह यादव पर धमकाने का आरोप लगाया था. मामले में एफआईआर दर्ज कराने जब अमिताभ ठाकुर हज़रतगंज थाने पहुंचे तो विजयमल सिंह यादव ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था. अब यह मामला मीडिया से गायब है, कुछेक प्रादेशिक चैनलों ने इसे चलाकर बंद कर दिया है.