अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : जब दिल्ली के मंडी हाउस से 60 दिनों से ग़ायब जेएनयू छात्र नजीब अहमद के लिए संसद मार्च की तैयारी की जा रही थी, ठीक उसी समय सैकड़ों लोग जंतर-मंतर पर 12 मई 2016 को सेक्टर-22 के एच ब्लॉक स्थित पार्क से गायब हुई पांच साल की कशिश रावत को लेकर यूपी के अखिलेश सरकार के ख़िलाफ़ धरना-प्रदर्शन कर रहे थे.
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इस छोटी सी मासूम बच्ची को ग़ायब हुए 7 महीने पूरे हो गए, लेकिन यूपी पुलिस के लापरवाही के चलते कशिश का कुछ भी पता नहीं चला. इनका आरोप था कि यूपी पुलिस इसे ढूंढने में लापरवाही बरत रही है.
दिल्ली के जंतर-मंतर पर यह धरना उत्तराखंड एकता मंच दिल्ली द्वारा आयोजित किया गया था. इस धरना के दौरान इस संस्था ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश कुमार से कशिश को ढूंढने के लिए उच्चस्तरीय टीम गठित करने मांग की है. साथ ही यह भी कहा गया कि अगर जल्द कशिश की घर वापसी नहीं हुई तो जन आंदोलन किया जाएगा. आंदोलन के दौरान जो भी धन-हानि होगी उसकी पूरी ज़िम्मेदारी सरकार की होगी.
इस धरना-प्रदर्शन ऐसे कई लोग शामिल थे जिनके घर से कोई न कोई गायब है.