आस मोहम्मद कैफ, TwoCircles.net
नगीना/बिजनौर: नगीना सांसद के आदर्श गांव को देखकर आप अंदाजा लगा लेंगे कि गांव में सांसद ने कुछ काम कराया भी है या नहीं. गांव की ऐसी दुर्दशा है कि देखने वाले लोग चौंक जाएंगे. गांव के अंदर और बाहर आपको गंदगी के ढेर के साथ ही गांव के सभी रास्ते कच्चे और रास्तों में कीचड़ और पानी भरा मिलेगा.
केंद्र में मोदी की सरकार बने दो साल से ज्यादा हो गए हैं. प्रधानमंत्री ने सांसदों को हर साल एक गांव गोद लेने के लिए कहा था, जिसको आदर्श गांव का नाम दिया गया, लेकिन बिजनौर जिले के नगीना लोकसभा से सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने जिस गांव को गोद लिया था, उसकी हालत देखकर असलियत पता चल जाती है.
बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा का ये गांव है बेगराजपुर. इस गांव की आबादी लगभग 2500 है. यहां 1500 वोटर रहते हैं. इस गांव को सांसद यशवंत सिंह ने साल 2014 में गोद लिया था. ग्रामीणों का कहना है कि सांसद जी एक या दो बार ही यहा आए और चाय-पानी पीकर चले गए. लोगों की समस्याओं तक को नहीं सुना जाता है.
ग्रामीण राजेन्द्र का कहना है कि गांव में सभी रास्ते कच्चे हैं और गांव के रास्तों में कीचड़ और पानी भरा रहता है. इसके चलते गांव वालों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं गांव में शौचालय तक नहीं बने हुए हैं जबकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांव को खुले में शौच से मुक्त किया जा रहा है. साथ ही साथ गांव में एक तालाब है, जिसमें पूरे गांव का गंदा पानी जाता है.
कागजों में ही रह गर्इ टंकी
बेगराजपुर के ही रहने वाले बुजुर्ग रामनाथ का कहना है, ‘सांसद जी ने इस गांव में कोई भी विकास नहीं कराया. जबकि गांव का पानी जांच में दूषित पाया गया है. आज तक पानी की टंकी भी नहीं बनी है. सांसद जी ने गांव में एक टंकी को पास कराया था दो साल पहले, लेकिन कागजों में ही बनी हुई है टंकी. धरातल पर कुछ भी नहीं है.
सांसद ने राज्य सरकार पर फोड़ा ठीकरा
इन शिकायतों के बारे में बात करने पर सांसद यशवंत सिंह का कहना है कि गांव में 25 लाख से सीसी सड़कें बनवाई गर्इ हैं, जबकि सच्चार्इ यह है कि गांव में एक भी सड़क नहीं बनी है. वहीं, गांव में टंकी के बारे में उन्होंने कहा कि टंकी एक मिनट में नहीं बनती है. उन्होंने विकास न होने का ठीकरा राज्य सरकार पर फोड़ दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसमें मदद नहीं कर रही है.
यहां सांसद आदर्श ग्राम योजना केवल कागजों में ही सिमटकर रह गई है. गांव के लिए सभी विभागों ने अपनी कार्ययोजनाएं तो तैयार की लेकिन इन पर अमल नहीं हो सका. नगीना सांसद द्वारा गोद लिए गए नहटौर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम बेगराजपुर में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी सुविधाओं में कोई विकास नहीं हो सका है. अब शासन ने सभी जिलाधिकारियों से आदर्श गांवों में हुए कार्यों की रिपोर्ट तलब की है. प्रधानमंत्री स्वयं इन गांवों में हुए कार्यों की समीक्षा करेंगे.
गांव में विकास के लिए 2015 में कार्य योजना तैयार की गई. चिकित्सा विभाग ने गांव में स्थित स्वास्थ्य केंद्र के सामने बहने वाले 15 फिट चौड़े नाले में जलभराव की समस्या से निजात दिलाने, अस्पताल में पेयजल की व्यवस्था के लिए सबमर्सिबल पंप लगवाने, भवनों में दरवाजे तथा विद्युत कनेक्शन कराने की योजना तैयार की थी. लेकिन नाले की हालत जस की तस है, अस्पताल के बाहर अब भी जलभराव है, अस्पताल के पास रखा विद्युत ट्रांसफार्मर फुंका पड़ा है. भवन में बिजली फिटिंग नहीं है, साथ ही दो डाक्टरों की तैनाती है. दोनों तीन-तीन दिन के लिए अस्पताल आते हैं. फार्मासिस्ट, वार्ड ब्वाय आदि की तैनाती नहीं है.
गांव में आंगनबाड़ी केंद्र का भवन नहीं बन सका. इसके लिए योजना तैयार हुई थी, जो राम भरोसे है. खेल के विकास के लिए युवा मंडल का गठन करने, खेल सामग्री का वितरण करने आदि की योजना थी. मंडल का गठन हुआ लेकिन अब यह सक्रिय नहीं है. खेल सामग्री गांव तक पहुंची ही नहीं. इसके साथ ही कौशल विकास सेंटर शुरू करने की भी योजना थी. लेकिन गांव में एक भी सेंटर शुरू नहीं हो सका. ऐसे में शासन इन गांवों में हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट मांग रहा है. इस रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री स्वयं आदर्श गांव योजना की समीक्षा करेंगे.
शिक्षा में भी नहीं हुआ सुधार
गांव में शिक्षा के विकास के लिए प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1.6 लाख की लागत से फर्नीचर की व्यवस्था कराने की योजना बनी थी. लेकिन गांव में संचालित तीन में से दो विद्यालयों के छात्र पट्टे पर बैठकर पढ़ाई करते हैं. योजना के तहत स्मार्ट विद्यालय बनाने के लिए कंप्यूटर, प्रोजेक्टर लगाने की योजना बनाई गई थी, साथ ही इंटरनेट या टेलीफोन की व्यवस्था के अलावा पांच किलोवाट के साइलेंट जनरेटर की योजना बनी थी लेकिन इसमें से कुछ नहीं हुआ.
मात्र 250 मीटर रोड बनी
आदर्श ग्राम योजना में चयनित बेगराजपुर में अब तक मात्र 250 मीटर सीसी रोड का निर्माण हुआ है. गांव के कई खड़ंजे हैं. कार्ययोजना में इन्हें सीसी रोड में तब्दील करने की योजना थी लेकिन काम नहीं हुआ.
बेगराजपुर के ग्रामप्रधान नीरज त्यागी बात करने पर बताते हैं, ‘गांव में कुछ काम हुए हैं और कुछ होने हैं. एकदम से सभी काम नहीं हो जाते हैं. विकास कार्य कराने में समय लगता है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘गांव में बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार काम कराए जा रहे हैं. आदर्श गांव के लिए अलग से बजट निर्धारित नहीं है, ऐसे में विभागीय योजनाओं के तहत ही काम कराया जा रहा है.’