आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
देवबंद/जलालाबाद : जलालाबाद स्थित विश्व प्रसिद्ध मदरसा मिफ्ता उल उलूम के दोनों छात्रों से गहन पूछताछ के बाद एटीएस टीम ने छोड दिया. छात्रों ने एटीएस टीम की बडाई की और स्वयं के भारतीय नागरिक होने पर गर्व होने की बात कही. इससे पूर्व देवबन्द से भी पूछताछ के लिए एटीएस 3 तलबा को लेकर गयी थी. जिन्हें देवबन्द कोतवाल पंकज त्यागी की सपुर्दगी में सौंप दिया गया. एटीएस ने इनके किसी भी प्रकार के आतँकी केनेक्शन से इंकार किया है.
दूसरी और शामली जनपद के जलालाबाद मदरसा मिफ्ता उल उलूम के दो कश्मीरी छात्रों अब्दुल रहमान और आदिल हुसैन को रविवार को एटीएस टीम ने मदरसे के मोहतमिम मौलाना हफीउल्ला खां को विश्वास में लेकर अपने साथ ले गई. रविवार को पूरा दिन युवकों की गिरफ्तारी को लेकर कस्बे में तरह तरह की चर्चाऐं चलती रही. एटीएस टीम ने बहुत ही गोपनीय तरीके से दोनों युवकों को हिरासत में लिया था. जिसकी कोई जानकारी स्थनीय पुलिस को नहीं दी गई थी. एटीएस टीम की गहन पूछताछ के बाद छूटे दोनों छात्रों में से अब्दुल रहमान ने बताया कि एटीएस टीम उन्हे देवबंद के निकट तलहेडी के पास किसी गोपनीय स्थान पर ले गई थी. जहां एटीएस की कई टीमों ने उनसे कई दौर की बातचीत कर पूछताछ की.
इस दौरान एटीएस ने शान नाम के युवक से संबंधों के बारे में पूछा तो हमने बताया इस युवक से उनकी मुलाकात देवबंद में एक क्रिकेट मैच के दौरान हुई थी. उसी दौरान शान ने उनसे कश्मीर जाने को मन करने की बात कही थी और मेरे घर का पता पूछा. दूसरी मुलाकात में शान ने मेरे से मेरा मोबाईल न0 लिया था. इसके बाद हमारे बीच कोई सम्पर्क नहीं हुआ. मैने एटीएस को इसकी पूरी जानकारी दी. इसके बाद एटीएस ने फैजान नाम के किसी युवक के बारें में पूछा तो हमने किसी फैजान नाम के युवक साथ सम्पर्क होने से साफ मना कर दिया.
इसी प्रकार दूसरे छात्र आदिल से भी पूछताछ की गई जिसने शान और फैजान नाम के युवकों से सम्पर्क न होने की बात सामने आईं. एटीएस टीम आदिल को केवल इस लिए अपने साथ ले गई थी क्योकि जिस समय एटीएस टीम अब्दुल रहमान को हिरासत में ले रही थी तो अब्दुल रहमान का मोबाईल सिम आदिल के मोबाईल फोन में था. शक के आधार पर एटीएस ने आदिल को भी हिरासत में लिया था. एटीएस टीम ने रात्रि में ही दोनों छात्रों को क्लीनचिट देते हुए बता दिया था कि आप दोनों निर्दोष हो.
अब्दुलरहमान ने बताया कि उनके साथ तीन अन्य कश्मीरी छात्रों से भी एटीएस पूछताछ कर रही थी. जिन्हे भी सुबह छोड दिया गया. बातचीत में अब्दुलरहमान ने बताया कि उन्हे भारतीय नागरिक होने पर गर्व है। हम देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने वाले लोगों की निंदा करते है.
मदरसा मिफ्ता उल उलूम के प्रबंधक मौलाना हफीउल्ला खां ने कहा हमें विश्वास था कि यदि मदरसे के छात्र गुनाहगार है तो उन्हे सजा मिलेगी. निर्दोष होने पर अल्लाह उनकी हिफाजत करेगा. मौलाना ने कहा हमें छात्रों के बेगुनाह होने का विश्वास था. क्योकि मदरसे की प्रवेश प्रक्रिया आवश्यक मापदंडों के अनुरूप की जाती है. उन्होने कहा कि मदरसे के 106 वर्ष के इतिहास में मदरसे के दामन पर कभी कोई दाग नहीं लगा. हम मदरसे में पढने वाले छात्रों को जहां दीनी शिक्षा देते है.
वहीं दूसरी ओर छात्रों को मुल्क परस्ती की तालीम भी दी जाती है. कश्मीरी दोनों छात्रों अब्दुलरहमान और आदिल हुसैन ने एटीएस टीम की तारीफ की. उन्होने बताया कि एटीएस ने पूछताछ के दौरान उनसे कोई बुरा बरताव नहीं किया. एटीएस टीम के सभी अधिकारियों ने उनसे शालीनता पूर्वक पूछताछ की। हमें अच्छे से खाने व सोने की सुविधा दी गई.