आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
मेरठ : गाय के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचार से त्रस्त होकर आज मेरठ का अब्दुल गफ़्फ़ार अपनी गाय को मेरठ पुलिस को सौंप आया.
TwoCircles.net से ख़ास बातचीत मे अब्दुल गफ़्फ़ार ने कहा कि, “उसे यह करते हुए बहुत दुख हुआ, मगर वो मजबूर हो गया. मैंने अपने एक रिश्तेदार से बछिया ली थी, जो अब एक अच्छी तंदुरुस्त गाय बन चुकी है. मैंने इसे बहुत प्यार से पाला है. लेकिन हाल-फिलहाल गाय के नाम पर मुसलमानों के साथ हो रही हिंसा को देखकर मेरा दिल रोने लगा. मैं समझ गया कि गाय अब ख़तरनाक जानवर हो चुकी है. इसलिए अपनी दिल से भी अज़ीज़ गाय को पुलिस को सौंप आया.”
अब्दुल गफ़्फ़ार कहते हैं, “देश भर में आए दिन मुसलमानों के साथ ज़्यादती हो रही है. जगह-जगह गाय के नाम पर हिंसा की वारदात हो रही है. पुलिस हिन्दू संगठनों के सामने समर्पण कर देती है. गाय अब खतरनाक जानवर बन चुकी है.”
अब्दुल गफ़्फ़ार ने बाक़ायदा अपनी गाय पुलिस को लिखित में सौंपी है. उन्होंने अपने आवेदन में लिखा है कि, इस गाय को गोशाला तक ले जाने की हिम्मत नहीं रखते. रास्ते में उनपर हमला हो सकता है. उन्होंने गाय को हिन्दू संगठनों को ही दे देने की अपील की है.
मेरठ के शहर क़ाज़ी जैनुल आबेदीन ने इस घटनाक्रम पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने TwoCircles.net के साथ बातचीत में कहा कि “यह शर्मनाक स्थिति है.”
अब्दुल गफ़्फ़ार के इस दावे की पुष्टि नोचंदी थाना प्रभारी संजय कुमार ने भी की है. उन्होंने बताया कि कल एक एक व्यक्ति से गाय ख़रीद कर दो युवक ले जा रहे थे, जिसके बाद हिन्दू संगठनों के लोगों ने गाय मालिक से दूसरे लोगों को गाय बेचने पर ऐतराज़ किया था. ख़रीदारों ने विरोध के बाद गाय वापस कर दी थी. इससे अब्दुल गफ़्फ़ार नाराज़ हैं. वो यहां पार्षद हैं.
ख़रीदारों में से एक अज़ीज़ के अनुसार, उन्होंने मन्नू सिंह से दो गाय खरीदी थी. हमने उनसे कहा कि इसे हमारी डेयरी तक छोड़ दो. हम गाय ले जाते हुए डर रहे थे. उसके बाद बजरंग दल के लोगों ने हमें रास्ते में ही पकड़ लिया और गाय के बहाने उन्होंने हमारी पिटाई की. उनको भी कहा —तुमने मुसलमानों को गाय क्यों बेची?
अज़ीज़ बताते हैं कि, हमारी दूध की डेयरी है. जब हमने अपने साथ हुए मारपीट की शिकायत की तो हमें ही थाने में बंद कर दिया गया. हमारे साथ मारपीट करने वालों की हिमायत में भाजपा के पार्षद रोहित रोहिला भी थे. पुलिस ने हमारी शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
अज़ीज़ का यह भी कहना है कि, हमने यह गाय जागृति विहार के मन्नू सिंह से खरीदी थी और इनमें एक 8 माह और दूसरी पांच माह की गर्भवती थी, इसके लिए हमने 34 हज़ार रुपए भी दिए और हमारे पास रसीद भी थी. फिर भी हमारी पिटाई भी हुई और गाय भी छीन ली गई.
बता दें कि अब्दुल गफ़्फ़ार (39) इसी क्षेत्र से पार्षद हैं. उन्होंने पुलिस से बजरंग दल के लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए अनुरोध किया, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इससे नाराज़ होकर अब्दुल गफ़्फ़ार अपनी गाय थाने लेकर पहुंच गए.