यूसुफ़ अंसारी, Twocircles.net
दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ डेढ़ महीने से ज़्यादा समय से लगातार चल रहे विरोध प्रदर्शन में गड़बड़ी फैलाने की कोशिशें लगातार जारी है। इसके लिए नए-नए तौरतरीक़े अपनाए जा रहे हैं। बुधवार को एक महिला गुंजा कपूर शाहीन बाग़ के धरना स्थल पर बुर्का पहनकर वीडियो बनाते हुए पकड़ी गईं। गुंजा कपूर खुद को राजनीतिक विश्लेषक बताती हैं और यूट्यूब पर ‘राइट नैरेटिव’ नामक चैनल चलाती हैं।
दरअसल, हुआ यूं कि बुधवार की सुबह गुंजा कपूर बुर्का पहनकर प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच बैठ गईं। वहां बैठे-बैठे उन्होंने चोरी-चोरी वीडियो बनाना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने शक होने पर बुर्का पहनकर वीडियो बनाते हुए पकड़ लिया है। पूछताछ के बाद पता चला कि वह कोई मुस्लिम महिला नहीं है। बल्कि गुंजा कपूर है, जो बुर्का पहनकर मुस्लिम महिलाओं के बीच आकर बैठ गईं हैं। महिलाओं ने गुंजा को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने इस मामले में बताया कि गुंजा की गिरफ्तारी के बाद उससे पूछताछ की जा रही है।
इस घटना के बाद शाहीन बाग़ को लेकर सियासत भी गरमा गई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चुनाव के बाद शाहीन बाग़ को जलियांवाला बाग में बदला जा सकता है। ओवैसी ने कहा, ‘मुझे डर है कि सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग़ में चल रहे आंदोलन को अपने बल से शांत करने का प्रयास करा सकती है। वहां 50 दिनों से ज़्यादा समय से आंदोलन जारी है और चुनाव के बाद वहां से लोगों को बलपूर्वक हटाया जा सकता है। यह भी हो सकता है कि वे उन्हें गोली मार देंगे, वे शाहीन बाग़ को जलियांवाला बाग में बदल सकते हैं।’
ग़ौरतलब है कि बीजेपी की तरफ़ से शाहीन बाग़ को लेकर लगातार आपत्तिजनक बयानबाज़ी की जा रही है। सोमवार को दिल्ली में हुई रैली में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि शाहीन बाग़ संयोग नहीं बल्कि देश को अस्थिर करने का एक प्रयोग है। उनसे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने लोगों से कहा था कि बाबरपुर में लोग इतनी ज़ोर से ईवीएम का बटन दबाएं की करंट शाहीन बाग़ को लगे। दिल्ली में बीजेपी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने विधानसभा चुनाव की तुलना भारत-पाकिस्तान के मैच से की थी। वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने देश के ‘गद्दारों को गोली मारो, सालों को’ जैसा आपत्तिजनक नारा लगवाया था। वहीं बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा ने दिल्ली चुनाव जीतने के बाद अपने इलाक़े की सरकारी जमीन पर बनी सभी ग़ैर क़ानूनी ने मस्जिद तोड़ने का ऐलान किया था।
आपको बता दें कि बीजेपी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं तक की भड़काऊ बयानबाज़ी के बाद शाहीन बाग़ और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चल रहे प्रदर्शन में गड़बड़ी फैलाने की यह चौथी कोशिश है। सबसे पहले 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर जामिया में प्रदर्शन स्थल के पास राम भक्त गोपाल शर्मा नाम के एक नौजवान ने जामिया के छात्र पर गोली चलाई थी। उसके अगले दिन शाहीन बाग़ में कपिल गुर्जर नाम के नौजवान ने हवाई फायरिंग करके सनसनी फैला दी थी। इसके अगले ही दिन कट्टरवादी हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने शाहीन बाग़ पहुंचकर काफ़ी भड़काऊ नारेबाज़ी की थी और धरने पर बैठी महिलाओं को घटनास्थल खाली करने की धमकी दी थी।
इन घटनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने वहां चौकसी बढ़ा दी थी। शाहीन बाग धरने को संचालित कर रही वॉलिंटियर्स की टीम ने भी वहां आने वालों की तलाशी लेना शुरू कर दिया था। इसके बावजूद गुंजा कपूर बुर्का पहनकर यानी अपनी धार्मिक पहचान छुपाकर प्रदर्शनकारी महिलाओं के बीच तक पहुंच गईं। इसे किसी साज़िश का हिस्सा ही माना जा रहा है। सवाल ये उठ रहा। कि जब शाहीन बाग़ में किसी को भी धरना स्थल पर जाने की मनाही नहीं है तो फिर गुंजा कपूर अपनी धार्मिक पहचान छुपाकर वहां क्यों पहुंची? इन सब सवालों पर दिल्ली पुलिस गुंजा कपूर से पूछताछ कर रही है। इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास और चौकसी बढ़ाने की बात कही है। वहीं प्रदर्शन को संचालित करने वाली वॉलिंटियर की टीम भी और ज्यादा चौकन्नी हो गई है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि बीजेपी ने चौकी शाहीन बाग को चुनावी मुद्दा बनाया हुआ है। इसलिए वह मतदान के दिन तक किसी ना किसी बहाने शाहीन बाग़ को चर्चा में रखना चाहती है। ताकि सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करके चुनाव में फायदा उठा सके। लेकिन शाहीन बाग़ में धरने पर बैठी महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए वहां लगातार आ रहे सिख समुदाय के लोगों का कहना है कि बीजेपी किसी भी सूरत में अपनी इस साज़िश में कामयाब नहीं होगी।