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देश में कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ चल रही जंग में हर कोई अपनी तरफ़ से पूरा योगदान दे रहा है। सैकड़ों लोग ऐसे भी हैं, जो अपना दुख-दर्द भूलकर लोगों की जान बचाने में जुटे हैं। मध्यप्रदेश के भोपाल नगर निगम के दो कर्मचारी अशरफ़ अली और इरफ़ान ख़ान की कहानी लोगों का दिल छू रही है। जहां अशरफ़ अली अपनी मां की मौत की ख़बर सुनकर भी लोगों को बचाने की मुहिम में जुटे रहे। वहीं इरफ़ान ख़ान अपनी गर्दन में फ्रैक्चर हो जाने के बावजूद अपनी ड्यूटी से नहीं डिगे।
अशरफ़ भोपाल नगर निगम में सफाई विभाग के प्रभारी हैं। इन दिनों उन पर बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है। इन दिनों काम भी ज़्यादा है। पूरे भोपाल की गलियों और सड़कों को सैनिटाइज़ करने की उनकी जिम्मेदारी है। बुधवार को अशरफ सुबह सवेरे ही शहर की गलियों को सैनिटाइज़ करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी करने के लिए ड्यूटी पर चले गए थे। सुबह अशरफ़ की मां का देहांत हो गया। अशरफ़ को जब यह ख़बर मिली तो वह ड्यूटी पर थे। अशरफ़ घर जा सकते थे लेकिन वह सारे घरों को सैनिटाइज़ करने की अपनी ज़िम्मेदारी पूरा करके ही घर गये।
अपने काम के प्रति इस जज़्बे की ख़बर शहर में फैल गई। तमाम मीडिया वाले अशरफ़ से बात करने पहुंचे। अशरफ़ ने कहा, ‘मां से बड़ा कोई नहीं होता। मां के बाद आपका वतन सबसे अहम है और यह अभी ख़तरे में है। मुझे सुबह मां की मौत के बारे में पता चला लेकिन देश के लिये भी मेरा कुछ कर्तव्य है। मैं दिन में शव को दफ़नाने के लिये गया लेकिन शाम को फिर काम पर लौट आया।’
इरफ़ान ख़ान भोपाल नगर निगम में डाटा मैनेजर के तौर पर काम करते हैं। वो भी कोरोना वायरस से लड़ रही टीम का हिस्सा हैं। इरफ़ान का सोमवार को एक्सीडेंट हो गया था जिसमें उनके गले की हड्डी टूट गई और दायां हाथ फ़्रैक्चर हो गया। डॉक्टर की घर रहकर आराम करने की हिदायत के बावजूद इरफ़ान काम पर लौट गये।
इरफ़ान ने कहते हैं कि कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ जंग में हम सभी को अपना योगदान देने की ज़रूरत है। देश प्रेम और देशभक्ति की असली परीक्षा संकट के हमय मे ही होती है। इस वक्त देश को हमारी ज़रूरत है तो भला हम आराम से घर कैसे बैठ सकते हैं। हम बात बात में देश पर जान क़ुर्बान करने की बात करते हैं। अगर ज़रूरत के वक्त हम लोगों की ख़िदमत न करके घर बैठ जाएं तो फिर ऐसी बातें करना बेकार है।
नगर निगम के आयुक्त विजय दत्त कहते हैं, ‘ये लोग इस कठिन समय के असली हीरो हैं। अशरफ़ हमारे स्टाफ़ के लिये प्रेरणा हैं। वो रोज़ाना 5,000 से 7,000 घरों को सैनिटाइज़ कर रहे हैं।’
ग़ौरतलब है कि मध्य प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में अशरफ़ अली और इरफ़ान ख़ान जैसे योद्धाओं के दम पर ही इस बेहद मुश्किल जंग को जीता जा सकता है। अपने काम और जिम्मेदारी के प्रति लगन और देश सेवा के इनके जज्बे की सिर्फ भोपाल या मध्य प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश मैं जहां भी ये ख़बर पहुंच रही है वहां इनकी तारीफ़ हो रही है।
देशभर में कोरोना वायरस से जंग में डॉक्टर, नर्सेज़ और अस्पताल के स्टाफ के साथ-साथ नगर पालिकाओं और नगर निगमों का स्टाफ भी शहरों को सैनिटाइज़ करने में जुटा है। यह जंग का बेहद अहम हिस्सा है।