Home Art/Culture तस्वीरों में रमज़ान : जामिया में इफ्तार में जुटे छात्र

तस्वीरों में रमज़ान : जामिया में इफ्तार में जुटे छात्र

सिमरा अंसारी।Twocircles.net

रहमतों का महीना ‘रमज़ान’ की आमद के बाद हर कोई अल्लाह की इबादत में जुट जाता है। इस महीने को बहुत ही पाक महीना समझा जाता है। जिसमें रोज़े रखने वाले और इबादत करने वाले को अल्लाह बहुत ही रहमतों एवं बरकतों से नवाज़ता है। इसलिए इस महीने को हर कोई नेकियों के महीने के तौर पर देखता है। जिसमें रोज़ा, नमाज़, तरावीह, तिलावत-ए- क़ुरान, फितरा, ज़कात जैसी कई चीज़े शामिल हैं।

जिससे अल्लाह खुश होता है और हर तरह की नेमतों से नवाज़ता है। इन सब के साथ ही इस महीने में इफ्तार का बहुत ही महत्व है। अहले सुबह आज़ान से पहले रोज़ेदार सेहरी करते हैं और मग़रिब की आज़ान के बाद इफ्तार किया जाता है यानी रोज़ा खोला जाता है। इस इफ्तार में कई तरह के पकवानों एवं खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है। लेकिन ख़जूर का इसमें अलग ही महत्व है। इफ्तार में आम तौर पर रोज़ेदार ख़जूर से ही रोज़ा खोलते हैं। इससे रोज़ा खोलना सुन्नत माना जाता है।

एक इफ्तार पार्टी का आयोजन जामिया के परिसर में किया जाता है लेकिन जामिया की इफ्तार पार्टी का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है। ऐसा कहना ग़लत नहीं होगा कि भारत की विविधता में एकता की असल झलक जामिया की इफ्तार पार्टी में ही देखने को मिलती है। जहां सभी धर्म, जाति, सम्प्रदाय आदि के लोग एक साथ इफ्तार करते हुए मिल जाते हैं।

जामिया की इफ्तार पार्टी में इसके छात्र, प्रोफ़ेसर व काम करने वाले सभी कर्मचारी एक साथ रोज़ा खोलते हैं। पिछली बार साल 2019 में इसके परिसर में इफ्तार का आयोजन किया गया था। जिसमें सभी छात्र, प्रोफेसर, कर्मचारी के साथ ही खुद जामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख़्तर ने भी शिरकत की थीं।


बीते 2 वर्षों से कोरोना महामारी की वजह से ये कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है। इसकी सबसे बड़ी वजह कैंपस का लगातार बंद रहना है। लेकिन पिछले 2 वर्षों के बाद इसी साल मार्च से जामिया को सिलसिलेवार तरीक़े से खोला गया है। जिससे इसके परिसर में फिर से रौनक तो लौट आई है। लेकिन सभी छात्रों के लिए अभी नहीं खुलने से पहले वाली बात नहीं है।

फिर भी इस संस्थान में रमज़ान के महीने में भी परिसर में सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक हो रहे हैं। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए अभी तक विश्विद्यालय प्रशासन की तरफ इफ्तार पार्टी जैसा कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया है। लेकिन गुरुवार को जामिया के विभिन्न विभागों के छात्रों द्वारा विश्विद्यालय परिसर में ही एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। सभी ने मिलकर इफ्तार की तैयारी की।

इसके साथ ही इफ्तार के बाद सभी छात्रों ने उद्यान में ही बाजमात नमाज़ भी अदा की। हालांकि ये कार्यक्रम विश्विद्यालय प्रशासन द्वारा कराये जाने वाला कार्यक्रम जैसा तो नहीं रहा। लेकिन फिर भी इन बच्चों ने जामिया की परंपरा और तहज़ीब को बचाए रखने की कोशिश की और छोटे स्तर पर ही सही लेकिन इफ्तार पार्टी का आयोजन किया।