अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नोखा (राजस्थान): डेल्टा मेघवाल की लड़ाई अब किसी एक वर्ग या जाति की लड़ाई नहीं रह गई है. यह इंसाफ़ की लड़ाई है. इसका स्वरुप भी अब दिनोंदिन व्यापक होने की कगार पर है. समाज के तमाम तबकों के लोग इसमें हिस्सेदारी कर रहे हैं. राजस्थान की ‘मुस्लिम महासभा’ भी इनमें से एक है.
‘मुस्लिम महासभा’ के प्रतिनिधियों ने डेल्टा मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई है. ‘मुस्लिम महासभा’ से जुड़े मुमताज़ अली राठौड़ और महताब मोर पठान TwoCircles.net के साथ एक ख़ास बातचीत में बताते हैं, ‘महासभा की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि हमारी बहन डेल्टा के इंसाफ़ की लड़ाई में हम उसके परिवारवालों के साथ हैं.’
महासभा के नोखा तहसील अध्यक्ष मुमताज़ राठौड़ बताते हैं कि इस मामले को लेकर उन्होंने स्थानीय प्रशासन को ज्ञापन भी दिया है और जल्द ही इस मसले पर वे सामूहिक रूप से जयपुर में राज्य सरकार का घेराव करेगें. मुमताज़ भी यह कहते हैं कि किसी भी परिस्थिति में वे सच के साथ हैं वे चाहते हैं कि इस मामले में डेल्टा को हर हाल में इंसाफ़ मिले.
मुमताज़ राठौड़ कहते हैं, ‘हमारा धर्म हमें यह सिखाता है कि हमेशा हक़ का साथ दो. इस बार हम हक़ के साथ हैं. डेल्टा मामले की हर हाल में सीबीआई जांच होनी चाहिए.’
नोखा शहर में क़रीब 900 घरों में लगभग 15 हज़ार की मुस्लिम आबादी रहती है. ‘मुस्लिम महासभा’ के मुताबिक़ यह आबादी हमेशा यहां सबसे मिलजुल कर रही है.यहां कभी किसी भी किस्म का मनमुटाव नहीं हुआ है. महताब पठान के मुताबिक़ नोखा के इस पूरे इलाक़े में तीन मस्जिदें तो ज़रूर हैं लेकिन एक भी ईदगाह नहीं है. लेकिन इस बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए संघर्ष समुदाय के लोग नहीं बल्कि उनके भाई जुगल हटीला कर रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में कई पत्र सरकार को लिखे हैं लेकिन सरकार टाल-मटोल का रवैया अपना रही है.
डेल्टा मेघवाल के मामले में इंसाफ़ की लड़ाई हर तबक़े व समुदाय के लोग साथ मिलकर लड़ रहे हैं. साथ ही इस मसले पर राजनीतिक पार्टियां भी मैदान में कूद चुकी हैं. खासतौर से राजस्थान में विपक्ष की पार्टी कांग्रेस.
प्रतिपक्ष नेता व नोखा के विधायक रामेश्वर डूडी ने पिछले दिनों विधानसभा में इस मामले को उठाया, जिस पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी से मामले की जांच और आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया. लेकिन परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस इस मामले की जांच में निष्पक्ष नहीं है.
इसके अलावा बाड़मेर ज़िले के चौहटन विधायक तरूण राय कागा भी सदन में इस मामले को उठा चुके हैं. यही नहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी राज्य सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. सचिन पायलट ने अपने एक बयान में भाजपा सरकार के राज में दलित महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता भी जताई है. सचिन पायलट ने कहा था कि प्रदेश में शिक्षा के माध्यम से भविष्य को सुरक्षित करने का उद्देश्य रखने वाली बच्चियां शिक्षण संस्थाओं में भी सुरक्षित नहीं है.
इस बीच ख़बर है कि आज यानी बुधवार को राहुल गांधी भी जोधपुर एयरपोर्ट से बाड़मेर पहुंच कर डेल्टा मेघवाल के घर जाएंगे और डेल्टा के इंसाफ़ की लड़ाई को और तेज़ करने का प्रयास करेंगे.
इधर नोखा में भी ‘सर्व समाज डेल्टा हत्याकांड संघर्ष’ से जुड़े स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता व नेता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि जब तक मुख्य आरोपी ईश्वरचन्द्र वैद को गिरफ़्तार नहीं कर लिया जाता, जैन कॉलेज की मान्यता रद्द नहीं कर दी जाती और जब तक सीबीआई जांच के आदेश नहीं दे दिए जाते, वे अपना धरना ख़त्म नहीं करेंगे.
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता जुगल हटीला
क्या कहते हैं सामाजिक कार्यकर्ता चुन्नीलाल राजस्थानी
क्या कहते हैं दलित नेता मोहनलाल
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