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प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) : प्रतापगढ़ के सांगीपुर इलाक़े के घुइसरनाथ धाम मंदिर परिसर पिछले गुरूवार यानी 22 जुलाई को पुलिस ने चेकिंग के दौरान दो लोगों को गिरफ़्तार किया, जिनके पास से 20 बम बरामद किया गया. इसके अलावा तमांचा और कारतूस भी पाया गया. इसके बाद से पुलिस ने पूरे ज़िले के धार्मिक स्थानों पर हाई-अलर्ट कर दिया गया. लेकिन अब यहां के स्थानीय लोगों की शिकायत है कि पुलिस इस मामले की जांच में टाल-मटोल कर रही है.
प्रतापगढ़ से रिहाई मंच नेता शम्स तबरेज़ खान ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि प्रतापगढ़ के सांगीपुर क्षेत्र में स्थित घुइसरनाथ धाम मंदिर परिसर से विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार बिहारीगंज निवासी राजकुमार और अमेठी के गौरीगंज निवासी तुलसीराम के मामले की उच्च स्तरीय जांच हो.
उन्होंने कहा कि जिस तरीक़े से सूबे में सांप्रदायिक तत्व सक्रिय हैं और लगातार सांप्रदायिक घटनाएं हो रही हैं, ऐसे में इस तरह से विस्फोटकों की बरामदगी की घटना को सामान्य घटना नहीं माना जा सकता. लेकिन जिस तरीक़े से इसे जिला प्रशासन सामान्य घटना बताते हुए टाल रहा है, वह पुलिस की मंशा पर भी सवाल उठाता है.
आगे उन्होंने कहा कि अगर यही घटना किसी मस्जिद में हुई होती तो न जाने कहां-कहां से इसके तार जोड़ दिए जाते. लेकिन चूंकि विस्फोटक मंदिर से मिले हैं और पकड़े गए लोग मुस्लिम नहीं हैं, इसलिए इस पूरे मामले को प्रशासन हल्का करने में लगा हुआ है, ताकि असली षडयंत्रकारियों को बचाया जा सके.
उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ में इससे पहले भी सपा सरकार में ही अस्थान गांव में पचास से अधिक मुसलमानों के घर साम्प्रदायिक आतंकवादियों ने पुलिस की मौजूदगी में जला दिए थे, जिसमें कमज़ोर विवेचना करके पुलिस ने अपराधियों को बचा लिया था. ऐसे में मंदिर में विस्फोटकों की बरामदगी और पुलिस द्वारा उसे सामान्य घटना के बतौर प्रचारित करना सरकार की मंशा पर गम्भीर सवाल खड़े करती है.