अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
उन्मादी भीड़ के हाथों दादरी के अख़लाक़ की हत्या सिर्फ़ एक ख़बर नहीं है. लातेहार में पशु व्यापारियों की हत्या कर शव को पेड़ से लटकाया जाना सिर्फ़ कोई घटना नहीं है. हिमाचल की मंडी में पशु व्यापारी की भीड़ के हाथों हत्या सिर्फ़ हत्या नहीं है. और अब राजस्थान में एक पशु व्यापारी की ‘राष्ट्रभक्त’ भीड़ के हाथों पिटाई की तस्वीर सिर्फ़ तस्वीर नहीं है.
ये सब ख़बरें, हत्याएं, घटनाएं और तस्वीरें उस बड़ी साजिश की ओर इशारा करती हैं, जिससे देश दो हिस्सों में बंटता है. एक ओर राष्ट्रभक्त दूसरी ओर देशद्रोही. ये राष्ट्रवाद के आने की दस्तक हैं. नागरिकों के भीड़ बनने का प्रमाण है. प्रशासन और सरकार की ख़ामोशी उनकी भागीदारी की ग़वाही है और सबसे बड़ी और ख़तरनाक़ बात यह है कि देश की अल्पसंख्यक आबादी को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की घिनौनी कोशिशों का भी प्रमाण हैं.
गाय के नाम पर हो रहे अत्याचार और सियासत के खेल का प्रभाव कितना गहरा है, हम इसका एहसास आपको कराना चाहते हैं. ताज़ा घटना राजस्थान के प्रतापगढ़ की है, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 113 पर छोटी सादड़ी क़स्बा के नज़दीक एक व्यक्ति को निर्वस्त्र कर पुलिस की मौजूदगी में सिर्फ़ इसलिए मारा गया कि वह व्यक्ति कथित तौर पर एक ट्रक में गाय-बैल व भैंस को बुरी तरह से ठूंसकर ले जा रहा था.
मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़ बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को निबाहेड़ा की ओर से एक ट्रक में गो-वंश भरकर प्रतापगढ़ की ओर जाने की सूचना मिली. इस पर कार्यकर्ताओं ने कारूंडा चौराहे पर ट्रक को रोकने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने ट्रक नहीं रोका. इसके बाद बजरंग दल के इन कार्यकर्ताओं ने थाना पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने गोमाना चौराहे पर नाकेबंदी कर ट्रक को पकड़ लिया. ट्रक में चालक सहित चार लोग सवार थे. इनमें से एक मौक़ा देखकर वहां से फ़रार हो गया.
ख़बर के मुताबिक़ इस दौरान बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के लोग वहां पहुंच गए. जमा हुए इन लोगों ने बचे हुए तीनों युवकों की जमकर धुनाई कर दी. एक युवक को मारते हुए उसे पास के खेत में ले गएं, उसे सबके सामने नंगा किया गया और पुलिस की मौजूदगी में पुलिस के साथ मिलकर लाठी, पाईप और बेल्टों से उसे खूब मारा गया. उसके गुप्तांगों में लाठी डाली गई. उनके धर्म को तरह-तरह की गालियां दी गयीं.
जब मारने से भी इनका गुस्सा शांत नहीं हुआ तो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ट्रक को भी आग के हवाले कर दिया. और इस दौरान वहां मौजूद पुलिस पूरी तरह से मूकदर्शक बन तमाशा देखती रही. तस्वीरों में साफ़ नज़र आ रहा है कि एक पूरी तरह नग्न युवक को पाइप, लाठियों और बेल्ट से पीटा जा रहा है और वहां मौजूद एक पुलिसकर्मी भी उस युवक को बजरंग दल के गुंडों के साथ मिलकर मारते हुए दिखाई दे रहा है. बावजूद इसके, प्रतापगढ़ के एसपी कालूराम रावत इस घटनाक्रम में पुलिसकर्मियों के शामिल होने से साफ़ इंकार कर रहे हैं.
पुलिस के मुताबिक़ ये गौ-तस्कर गोवंश टोंक से भरकर गुजरात क़त्लखाने ले जा रहे थे. इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस के मुताबिक़ सातों आरोपी मध्यप्रदेश के हैं. इन आरोपियों में से चार ने अपनी पहचान मंदसौर ज़िले के वायडीनगर के मुल्तानपुरा निवासी आजाद, जाबीर मुलतानी निवासी डिपीपुरा, फारुक मुलतानी निवासी मुच्छल मुलतानपुरा, शौकत निवासी बोतलगंज थाना पीपल्या मंडी मंदसौर बताई है.
दूसरी तरफ़ इन आरोपियों के जानने वालों की शिकायत है कि लोकल मीडिया में एकतरफ़ा कहानी बयान की जा रही है. ‘गौवंश’ के नाम पर भैंस और बूढे़ बैल ले जाने पर भी ग़ैरक़ानूनी पाबंदी लगाने की कोशिश की जा रही है. वहीं स्थानीय पुलिस क़ानून अपने हाथ में लेने वालों और एक शख्स को बेरहमी से नंगा करके मार डालने वालों पर केस करने के बजाए पशु व्यापारियों के ख़िलाफ़ ही केस बना दिया है. हालांकि इस मामले में क़रीब डेढ़ सौ लोगों के ख़िलाफ़ राजकार्य में बाधा डालने और एक युवक की पिटाई करने का मामला भी दर्ज किया गया है.
इस घटना के बाद में इन आरोपियों को अधमरी हालत में छोटी सादड़ी के चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां से उनमें से एक को उदयपुर के लिए रेफ़र कर दिया गया. उसकी हालत काफी गंभीर बताई जा रही है.
राजस्थान की यह घटना कोई नई कहानी नहीं है. बल्कि ऐसी घटना देश के किसी न किसी इलाक़े में हर दिन घटित हो रही हैं. ‘गौ-रक्षा’ के नाम पर बजरंग दल व गौ-रक्षा दल की गुंडागर्दी लगातार जारी है. अक्सर देखा जा रहा है कि ऐसी घटनाओं में इन्हें प्रशासन की मौन स्वीकृति हासिल होती है. इनकी मौन सहमति को क्या समझा जाए? आख़िर क्यों पुलिस घटनास्थल पर होते हुए भी मूकदर्शक बनी रहती है. जैसे इस घटना में भी बनी रही, बल्कि इस घटना में तो पुलिस भी बजरंग दल के ‘गुंडों’ के साथ युवक को बेल्ट से पीटते दिखाई दे रही है.
[तस्वीर सोशल मीडिया से.]