सिराज माही
नई दिल्ली : पिछले दिनों टीवी पर जो सबसे ज़्यादा ख़बर चली, वह राजस्थान के अल्वर में पहलू खां को कथित गौ-तस्करी के लिए पीट-पीट कर मार डालने की थी. इस मुद्दे पर लोग दो धड़ों में बंटे. सोशल मीडिया पर इसकी ख़ूब चर्चा हुई. कुछ इस घटना के विरोध में तो कुछ लोग इसके समर्थन में थे. हद तो यह है कि संसद में भाजपा नेता ने इस घटना के होने से ही नकार दिया. जबकि इस घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी थी. इस तरह की घटनाओं से आहत होकर मानवाधिकार कार्यकर्ता रवि नितेश आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक दिन का उपवास कर धरने पर बैठे.
रवि नितेश का कहना है कि आज देश में जितने भी गौ-रक्षक दल हैं, वो सरकार से मान्यता प्राप्त या रजिस्टर नहीं हैं. यह सारे ग्रुप ग़ैर-संवैधानिक, ग़ैर-लोकतांत्रिक और अपराधी हैं. यह सारे गौ-रक्षक दल एक साज़िश के तहत आम लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. वह धर्म के नाम पर समाज और देश को विनाश की ओर ले जा रहे हैं. सरकार इनको रोक पाने में असफल है.
रवि नितेश की सरकार से मांग है कि वह इस तरह के ग्रुप के लिए क़ानून बनाए और उन्हें नियंत्रित करे.
रवि नितेश सबसे ज़्यादा आहत इस बात से हैं कि अल्वर में कुछ लोग गाड़ियां रोक कर उनकी चेकिंग करते हैं, उन्हें गाय ख़रीदने की वैध रसीद, यहां तक कि नगर निगम की रसीद भी दिखाई जाती है, तब भी वह लोगों को पीटना शुरू कर देते हैं. बात यहीं ख़त्म नहीं होती वह लोग एक व्यक्ति को इतना पीटते हैं कि वह अपनी जान से हाथ धो बैठता है. उनके मुताबिक़ गाय के नाम पर किसी को मारे जाने का यह पहला कांड नहीं है, इससे पहले भी कांड होते रहे हैं.
वह इस बात से बहुत चिंतित हैं कि गौ-रक्षक दल इतने उन्मादी हो चुके हैं. और यह भी कि सरकार की तरफ़ से इनके ख़िलाफ़ कोई भी बयान नहीं आता है, उल्टे सरकार की तरफ़ से इस तरह की घटनाओं पर पर्दा डालने की कोशिश की जाती है.
उनका मानना है कि कोई भी धर्म चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम हो, हमें किसी की हत्या करना नहीं सिखाता है. धर्म तो तो सद्भाव, प्रेम, सत्य, करुणा और त्याग सिखाता है. उनका कहना है कि अगर समाज में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं तो कहीं न कहीं हम भी इसमें गुनहगार हैं, इसलिए हम सब लोगों को इस तरह की घटनाओं के ख़िलाफ़ होना चाहिए.
बताते चलें कि रवि नीतीश सद्भावना व मानवाधिकार के विषयों पर काम करते हैं. वह ‘शर्मिला कैम्पेन’ के राष्ट्रीय संयोजक हैं, जो मणिपुर के लोगों के मानवाधिकार के लिए काम करता है. वह भारत-पाकिस्तान दोस्ती, भारत-बांग्लादेश दोस्ती जैसे विषयों पर काम कर रहे हैं. इसके अलावा वह दक्षिण एशिया के मानवाधिकार के कई विषयों पर काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पिछले दिनों राजस्थान के अल्वर जिले में पहलू खां नामक एक मुस्लिम व्यक्ति को गौ-रक्षक दलों ने मात्र इसलिए पीट-पीट कर मार डाला था कि वह गायों को ख़रीद कर अपने यहां ले जा रहा था. पहलू खां के बेटे ने अपने एक बयान में बताया था कि गौ-रक्षक धर्म पूछ कर मार रहे थे.
गौ-रक्षक दल के लोग इतने उग्र और हिम्मती थे कि उन्होंने इस पूरी घटना की वीडियो बनाई और उसे सोशल मीडिया पर डाला, जिससे इस मामले ने तूल पकड़ा. देश में गौ-रक्षकों द्वारा किसी को जान से मार देने का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले देश की राजधानी दिल्ली के क़रीब दादरी में अख़लाक़ नामक व्यक्ति को गो-मांस खाने की अफ़वाह के चलते मार दिया गया था. उसके बाद एक कश्मीरी लड़के को ऊधमपुर के पास मार डाला गया था. उसके बाद नेपाल सीमा के क़रीब एक दो हत्याएं हो चुकी हैं.