TwoCircles.net Staff Reporter
सहारनपुर : ट्रिपल तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद इस जनपद में सबसे ज्यादा हलचल है. इसकी वजह यहां धार्मिक शिक्षा का केन्द्र दारुल उलूम का होना भी है, जहां दीन की रौशनी में उलेमा हज़रात का समूह मुसलमानों की रहबरी करते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के साथ ही दारुल उलूम में उलेमा हज़रात के बीच हलचल बढ़ गई. दोपहर में दारुल उलूम के मौलाना अबुल क़ासिम नोमानी ने बयान जारी कर कहा कि, दारुल उलूम देवबंद इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के साथ है. वो ही इसकी पैरवी कर रहे हैं. पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्देश पर अमल होगा.
जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के सदर मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि, सरकार 6 महीने में इस पर क़ानून बनाएगी. उम्मीद करते है वो सोच समझकर फैसले लेंगे.
उन्होंने कहा शरीयत बदली नहीं जा सकती और सरकार में पढ़े-लिखे लोग हैं, उम्मीद है वो सही फैसला लेंगे.
दूसरी तरफ़ सहरानपुर में आतिया साबरी के घर पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. सहरानपुर के तेलियों वाले चौक पर आतिया का घर है.
आतिया साबरी वही महिला हैं, जो ट्रिपल तलाक़ के विरोध में अदालत की शरण में गई थी.
बताते चलें कि आतिया फिलहाल अपने घर पर में नहीं है, बावजूद इनके घर की सुरक्षा में पुलिस तैनात कर दी गई है.
आतिया के पिता मज़हर हसन और भाई रिज़वान साबरी ने अदालत के इस फ़ैसले पर खुशी ज़ाहिर की है. आतिया की शादी मंगलौर में हुई थी. दूसरी बेटी पैदा होने पर उसके पति ने एक चिट्ठी पर लिखकर उसे तलाक़ दे दी थी, जिसके ख़िलाफ़ वो अदालत गई. इस मुक़दमे में वो भी एक याचिकाकर्ता थी.