TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय से आरटीआई के ज़रिए मिली सूचना से ये तथ्य सामने आया है कि इस साल 01 नवम्बर तक 07 वायु सैनिक देश के लिए शहीद हुए हैं. वहीं पिछले साल ये संख्या सिर्फ़ एक थी. इसके मुक़ाबले यूपीए सरकार के पिछले 07 साल में 8 वायु-सैनिक क़ुर्बान हुए थे.
ये जानकारी आरटीआई के ज़रिए लखनऊ के आरटीआई एक्सपर्ट इंजीनियर संजय शर्मा ने हासिल की है.
संजय शर्मा को आरटीआई से मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज़ यह भी बताते हैं कि साल 2008 से लेकर इस साल बीते 01 नवम्बर तक बैटल कैजुअलटी में 1228 और फिजिकल कैजुअलटी में थल सेना के 13187 जवान शहीद हो चुके हैं. इस तरह पिछले 10 सालों में 14415 जवान देश की सेवा करते हुए अपने जान की क़ुर्बानी दे चुके हैं.
संजय शर्मा द्वारा रक्षा मंत्रालय को भेजी गई आरटीआई आवेदन पर नई दिल्ली स्थित भारत के वायु सेना मुख्यालय के विंग कमांडर और केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी सुमन अधिकारी ने बीते 22 नवम्बर के पत्र के माध्यम से यह जानकारी सार्वजनिक की है.
आरटीआई से ये महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने वाले संजय का कहना है कि, अगर दोनों प्रधानमंत्रियों के कार्यकालों की तुलना करें तो वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश के वायु-सैनिकों के शहीद होने की दर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल की दर से दोगुनी से भी अधिक हो गई है. ऐसे में वायु सैनिकों के शहीद होने की घटनाएं देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं. ये घटनाएं देश के लिए अपूर्णनीय क्षति है.
संजय आगे कहते हैं कि, देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर वायुसैनिकों के शहीद होने की दर के दोगुना होने के कारणों की खोज करने के लिए जांच कराने और आवश्यक क़दम उठाकर अनमोल वायु-सैनिकों के शहीद होने की दर को कम करने के आवश्यक उपाय करने की मांग करेंगे.
गौरतलब रहे कि देश के पीएम नरेन्द्र मोदी भले ही हर रोज़ लाखों रूपये का मशरूम खाते हों, लेकिन देश की रक्षा करने जवानों को हर दिन खाने के लिए सिर्फ़ 97.85 रुपये का राशन-भत्ता मिलता है.
ये जानकारी भी आरटीआई के ज़रिए संजय शर्मा को रक्षा मंत्रालय से मिले महत्वपूर्ण दस्तावेज़ से हासिल हुए हैं.