भूमाफ़ियाओं से ज़मीन छुड़ाने के लिए पिछले 22 साल से धरना पर बैठा है एक कमज़ोर आदमी

आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net


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मुज़फ्फरनगर : कचहरी में ज़िला अधिकारी के दफ़्तर के सामने पिछले 22 साल से एक बड़े स्थानीय नेता के क़ब्ज़े से अपनी ज़मीन छुड़ाने के लिए एक कमज़ोर सा दिखने वाला आदमी धरने पर है.

गिनीज़ बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड जाग गया और इनके नाम संघर्ष दर्ज कर दिया है, मगर इन 22 सालों में ज़मीन क़ब्ज़ाने वाले दबंगों का कुछ नहीं बिगड़ पाया है.

मास्टर विजय नाम के इस शख़्स की कोई सुनवाई नहीं करता. अब विजय सिंह ने ज़िला अधिकारी के दफ़्तर के सामने प्लास्टिक की पन्नी डालकर सर्दी से बचने का अस्थायी इंतज़ाम कर लिया है.

भ्रष्टाचार और ख़राब सिस्टम के ख़िलाफ़ लड़ने वाले मास्टर विजय हाल फिलहाल इसलिए ज़्यादा चर्चा में आएं, जब ज़िला अस्पताल में रिश्वत न देने पर उनसे नाराज़ हुए कर्मचारी ने ज़हर दे दिया. उनकी जान तो बच गई, मगर अस्पताल का इलाज हो गया.

मास्टर विजय TwoCircles.net से ख़ास बातचीत में कहते हैं, हमारे इस धरने के दौरान  मायावती, मुलायम सिंह यादव, रामप्रकाश गुप्त, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री रहे हैं. इनके लोग इनके सुशासन की अक्सर चर्चा करते हैं, मगर यह मेरे लिए कुछ नहीं कर पाए. इस बीच पता नहीं, कितने दबंग डीएम आए, मगर सब सिस्टम के सामने घुटने टेक गए. बता दें कि मास्टर विजय 26 फ़रवरी, 1996 से धरने से बैठे हैं.

मास्टर विजय अपनी बातचीत में इरोम शर्मिला का ज़िक्र करते हुए कहते हैं, इरोम के महान संघर्ष के बाद जनता ने कितनी वोट दी? सरकार सब एक जैसी होती है. कोई नहीं सुनता. जनता सिस्टम में बदलाव तो चाहती है, मगर वो यह चाहती यह काम कोई दूसरा करे.

वो आगे बताते हैं कि, एक कमिश्नर एच.एल. बिर्दी ने कुछ अच्छे प्रयास किए थे और ज़मीन का कुछ हिस्सा मुक्त भी हुआ, मगर फिर उनका तबादला हो गया. दिल को तसल्ली के सिवा कुछ नहीं मिला, मगर लड़ता रहूंगा. घुटने नही टेकुंगा.

मास्टर विजय के मुताबिक़, ज़मीनों से जिन क़ब्ज़ों को हटाने की बात वो कर रहे हैं, वो 7 हज़ार बीघा है, मतलब 1 हज़ार एकड़ इसमें 4 हज़ार बीघा ज़मीन पर एक ही आदमी का क़ब्ज़ा है. यह क़ब्ज़ा ग्राम समाज की भूमि, श्मशान और तालाबों पर है. मास्टर विजय कहते हैं कि, बड़े लोगों से क़ब्ज़ा हट जाएगा तो बाक़ी लोग खुद ही हट जाएंगे.

ख़ास बात यह है कि मास्टर विजय अब तक थके नहीं हैं. उनकी जोश और ऊर्जा उनके तेज़ चलने में भी दिखाई देती है. वो कहते हैं, सिस्टम से लड़ने का जुनून यहां ले लाया. पहले जूनून था फिर जिद बन गई. जब धमकी आने लगी तो यह बात अकड़ बन गई.

मास्टर विजय मोदी पर भी कटाक्ष करते हैं. वो कहते हैं, ‘मोदी जी सिस्टम को बदलने की बात करते थे, मगर सिस्टम को कोई नहीं बदल सकता. सिस्टम सबको बदल देता है.’ ये पूछने पर कि क्या आपको कोई उम्मीद है? तो मास्टर विजय का जवाब है —“हाँ! है उम्मीद… तभी यहां हूं.”

बता दें कि पूर्व के डीएम दिनेश कुमार ने इस मामले को शामली का बताया था. दरअसल जब मास्टर विजय धरने पर बैठे तो शामली मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले का हिस्सा था, अब वो अलग ज़िला है.

शामली जनपद के अपर ज़िलाधिकारी शिव बहादुर सिंह TwoCircles.net से कहते हैं, ‘वो मुज़फ़्फ़रनगर में धरने पर बैठे हैं. यह एक गंभीर प्रकरण है. हम आज ही कागज़ तलब करते हैं और मामले को दिखवाते हैं. जिस सरकारी ज़मीन को वो क़ब्ज़ा मुक्त कराना चाहते हैं, उसको भी चिन्हित करते हैं. सरकार इसे लेकर सख़्त है.

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