आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
सहारनपुर : आज सहारनपुर के विश्वप्रसिद्ध इस्लामिक गुरू शैख़ुल हदीस मौलाना मुहम्मद यूनुस जौनपुरी का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया. इस ख़बर से न केवल मुस्लिम समुदाय बल्कि पूरे समाज में शोक की लहर दौड़ गई.
पूरी दुनिया में न केवल इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारूल उलूम देवबन्द और मज़ाहिर उलूम, सहारनपुर के नाम से मशहूर बल्कि दीन-ए-इस्लाम का मरकज़ कहलाने वाला सहारनपुर में बुज़ुर्ग-ए-मिल्लत कहे जाने वाले शेख़ यूनुस साहब लम्बे समय से बीमार थे. आज उन्होंने आख़िरी सांस ली तो जैसे मुस्लिम समुदाय की सांसें चन्द लम्हात के लिए थम गई.
शैख़ुल हदीस हज़रत मौलाना ज़करिया साहब और मुफ़्ती मुज़फ़्फ़र हुसैन साहब के ख़लीफ़ा शेख़ मोहम्मद यूनुस जौनपुरी ने पूरे विश्व में प्रसिद्धि पाई, जिसका कारण आपका हदीस को पूर्णतया कंठस्थ करना और पूरी दुनिया को अमन का पैग़ाम देना रहा. शेख़ साहब काफ़ी बुजुर्ग थे. पिछले काफ़ी समय से बीमार चल रहे थे.
शेख़ यूनुस साहब सर्वधर्म सर्व संप्रदाय की एकता की पूरे जीवनभर मिसाल रहे. आपके अक़ीदतमन्द और शागिर्द पूरी दुनिया में फैले हुए हैं. यही कारण रहा कि आपके जनाज़े में लाखों लोगों ने शिरकत की, जबकि कई हज़ार लोग जाम में ही फंसे रह गये और जनाज़े में शरीक न हो सके.
ग़ौरतलब है कि आज मंगलवार को साप्ताहिक बाज़ार बंदी के बावजूद पूरा शहर जाम में फंसा रहा.
शेख़ मौलाना यूनुस जौनपुरी के इन्तक़ाल को एक ऐसे नुक़सान के रूप में देखा जा रहा है जिसकी भरपाई मुश्किल है. शेख साहब 29 साल की उम्र में शैखुल हदीस बन गए थे. दुनिया भर में उनका अत्यधिक सम्मान था. उन्होंने शादी नहीं की थी. जानकारों के मुताबिक़ उनका हदीस पढ़ाने का तरीक़ा सबसे अलग था.