‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस्तीफ़ा लिया जाए, मुख्यमंत्री योगी को बरख़ास्त किया जाए’

TwoCircles.net Staff Reporter 

नई दिल्ली : देश में दलित-मुस्लिम-ओबीसी समाज पर बढ़ रहे अत्याचार, ‘भगवा आतंकवाद’ और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ और भीम आर्मी के दूसरे साथियों की रिहाई को लेकर आज दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन हुआ.


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इस धरना-प्रदर्शन का आयोजन भीम आर्मी, अम्बेडकर एकता मंच और निगाहें नामक संस्था समेत दर्जनों संगठनों ने मिलकर किया था.

‘निगाहें’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, अब आप अपने को हिन्दू कहना बंद कर दो, खुद को हर जगह गर्व से चमार लिखो.

उन्होंने बहुजन समाज के लोगों से यह भी अपील की कि, ‘अपने घरों से हिन्दू देवी-देवताओं के फोटो को हमेशा के लिए हटा दो. जब ये लोग हमारे बाबा साहब अम्बेडकर का फोटो अपने घर या ऑफिस में नहीं लगा सकते तो हम इनके देवी-देवताओं के फोटो का जाप क्यों करें.’

उन्होंने कहा कि, जब तक हमारे बड़े भाई चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ और हमारे दूसरे साथियों की रिहाई नहीं हो जाती, हमारा आन्दोलन जारी रहेगा. हम जल्द ही आमरण अनशन भी करेंगे.

नवाब सतपाल तंवर के इस अपील का दूसरे वक्ताओं ने भी समर्थन दिया. वक्ताओं ने आंकड़ें पेश कर कहा कि, 2011 जनगणना के अनुसार हिन्दू धर्म की आबादी लगभग 97 करोड़ है. लेकिन ये शायद भूल जाते हैं कि इसमें 22 करोड़ चमार भी शामिल हैं. अब अगर खुद को हिन्दू के बजाए बौद्ध धर्म लिखने लगे तो इनका आंकड़ा 75 करोड़ पर आ जाएगा. इस 75 करोड़ में भी चार वर्ण के लोग शामिल हैं.

आगे आंकड़ों के सहारे ये भी बताया गया कि इस देश में 15 से 20 करोड़ मुसलमान है. लगभग 3.5 करोड़ क्रिश्चन हैं और चमार 22 करोड़. अगर ये हम तीनों एक साथ मिल जाएं तो इस देश की राजनीति का रूख बदल सकता है. लगभग 41-45 करोड़ संख्या बल पर हम देश के हुक्मरान बन सकते हैं. इसके लिए बस अब से खुद को हिन्दू कहना बंद कर दें और बौद्ध लिखना शुरू कर दें. वरना ये मनुवादी लोग हमें अछूत चमार और नीच कहकर मारते रहेंगे और हम चिल्लाने के सिवा कुछ नहीं कर पाएंगे.

इस धरना-प्रदर्शन के बाद एक प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें मांग की गई है कि सहारनपुर ज़िले के शब्बीरपुर में क़त्लेआम मचाने वाले व बहुजन सांसद फूलन देवी के हत्यारे सज़ायाफ़्ता मास्टरमाईंड शेर सिंह राणा, भाजपा सांसद राघव लखनपाल शर्मा, संस्पेंडेड एसएसपी सुभाष चंद्र दूबे व अन्य पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर एफ़आईआर दर्ज करके उन्हें जेल भेजा जाए.

इस प्रदर्शन व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में ख़ास तौर पर मांग की गई कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ और सहारनपुर दंगे में फ़र्ज़ी आरोपी बनाए गए निर्दोष सभी भीम क्रांतिकारियों को अविलंब रिहा किया और उन पर दर्ज झूठी एफ़आईआर खारिज किया जाए.

यही नहीं, इस प्रदर्शन व राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में यह भी मांग की गई कि जुनैद की हत्या करने वालों को फांसी दी जाए, परिवार को 50 लाख मुआवजा, पुलिस सुरक्षा और परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

साथ ही यह भी मांग रखी गई कि, उत्तर प्रदेश के जातिवादी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बरखास्त करके यूपी में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. इतना ही नहीं, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन में यह भी लिखा गया है कि ‘प्रधानमंत्री मोदी से इस्तीफ़ा लिया जाए.’ भारत में आरएसएस, विश्व हिन्दू परिषद, शिव सेना, बजरंग दल, हिन्दू युवा वाहिनी, गऊ सेवा के नाम पर आतंक मचाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाया जाए.               

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