अफ़रोज़ आलम साहिल, TwoCircles.net
नई दिल्ली : ‘काम करना चाहे तो दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग में बहुत कुछ किया जा सकता है. तीन साल मैं दिल्ली के अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े हर तबक़े की बेहतरी के लिए काम करूंगा. और अगर सरकार ने काम नहीं करने दिया तो यक़ीनन अपने इस पद से इस्तीफ़ा दे दुंगा.’
ये बातें गुरूवार को दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. ज़फ़रूल इस्लाम खान ने ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत के दफ़्तर में अपने ‘इस्तक़बालिया कार्यक्रम’ के दौरान कहा. डॉ. ज़फ़रूल इस्लाम खान आज आयोग का चार्ज लेने के बाद सीधे मशावरत के दफ़्तर में पहुंचे थे.
अपने संबोधन में उन्होंने यह भी बताया कि, आज पहले ही दिन बतौर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष मैंने दो मामलों में नोटिस लिया है. पहला मामला सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी से जुड़ा है. इस मामले में एक पुलिस वाला उन्हें धमकी देता नज़र आया था और कहा था कि जिसके पास आधार कार्ड नहीं है, उसे हम कहीं भी ठोंक देंगे. दूसरा मामला बाड़ा हिन्दू राव इलाक़े का है, जहां तीन मुस्लिम युवाओं को पिटाई की गई और दिल्ली पुलिस ने कोई एफ़आईआर दर्ज नहीं की है.
इस कार्यक्रम में डॉ. ज़फ़रूल इस्लाम खान ने लोगों से अपील की कि आप भी आयोग के आंख और कान बनें. अल्पसंख्यक से जुड़ा कोई भी मामला तमाम दस्तावेज़ों के साथ कार्रवाई के लिए आप मुझे दे सकते हैं. मेरी पहली प्राथमिकता अल्पसंख्यकों में सुरक्षा का अहसास बनाए रखना और उनकी तरक़्क़ी में सहयोग करना है.
खान ने इस कार्यक्रम में कश्मीर के मुद्दे पर केन्द्र सरकार को भी अपने निशाने पर लिया और कहा कि जब कश्मीर को अपना मानते हो तो कश्मीरियों को भी अपना मानना होगा.
बताते चलें कि ज़फ़रुल इस्लाम खान मिल्ली गज़ट के सम्पादक के साथ-साथ ‘ऑल इंडिया मजलिस-ए-मुशावरत’ के अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा वो जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द की राजनीतिक पार्टी वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं.
स्पष्ट रहे कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप-राज्यपाल अनिल बैजल की सहमति से तीन सदस्यीय दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया है. डॉ. ज़फ़रुल इस्लाम खान इस नवगठित तीन सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष हैं. वहीं अनास्तासिया गिल और करतार सिंह कोचर सदस्य हैं. इस समिति का कार्यकाल तीन साल का रहेगा.
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद व सचिव मुज्तबा फ़ारूक़ ने इस अवसर पर उनका इस्तक़बाल किया और कहा कि आप हमेशा की तरह अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करते रहेंगे. इस मौक़े पर इसाई समुदाय की ओर से फ़ादर जॉन दयाल ने भी अपनी शुभकामनाएं पेश की.