TwoCircles.net News Desk
बांसवाड़ा (राजस्थान) : हौसला हो तो मंज़िलें क़दम चूमने के लिए बेताब होती हैं. अर्शिया अंजुम की कहानी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अगर लड़कियां चाहें तो क्या नहीं कर सकती हैं.
राजस्थान के बांसवाड़ा की रहने वाली अर्शिया अंजुम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में वैज्ञानिक बन एक मिसाल क़ायम की है. वो यहां सैटेलाइट उपकरणों में काम आने वाली तकनीक बनाने की दिशा में काम कर रही हैं. अर्शिया फिलहाल इसरो के अहमदाबाद सेंटर में कार्यरत हैं.
अर्शिया अंजुम एक बेहद ही साधारण परिवार से ताल्लुक़ रखती हैं. जहां उनके पिता आबिद खान बांसवाड़ा शहर में एक निजी हॉस्पिटल में एंबुलेंस चलाकर अपने परिवार का गुज़र-बसर करते हैं, वहीं उनकी अम्मी उज़्मा खान एक हाउस वाइफ़ हैं.
अर्शिया ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यह एक ज़िम्मेदारी का काम है. साथ ही इसमें बड़ी गोपनीयता रखनी होती है. एक ही तकनीकी पर काम करते हुए कभी-कभी 24 घंटे हो जाते हैं और पता ही नहीं चलता कि दूसरा दिन हो गया है. स्पेस सेंटर में जब वर्किंग होती है, तो पूरा फोकस टारगेट पर होता है. लेकिन इस बात की संतुष्टि होती है कि हम जो कुछ कर रहे हैं, वह आने वाले समय में देश का भविष्य होगा.