आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
सहारनपुर : कहने को चन्द्रशेखर आज़ाद ‘रावण’ के साथ दुनिया भर का दलित था, मगर अब वो अकेला पड़ गया है. गिरफ़्तार होने के बाद अगर कोई उसके लिए लड़ता दिखाई दे रहा है तो उसकी मां हैं. अब चंद्रशेख़र से जुड़े हर सवाल का जवाब मां कमलेश ही दे रही हैं. ऐसे हालात में सिर्फ़ मां ही बोल रही है.
वो कहती हैं, ‘सारी ताक़त उनके पास है तो हमें बस कुचल रहे हैं, दलित अभी-अभी खड़ा हुआ था. अब फिर दबा दिया गया है. चन्द्रशेखर के हाथ में लाठी भी नहीं थी, जिनके हाथ में तलवारे थी वो खुलेआम घूम रहे हैं. सरकार एकतरफ़ा काम कर रही है. यह किसे नहीं दिख रहा है.’
वो आगे कहती हैं, ‘मेरा बेटा शेर है. कब तक पिंजरे में रखेंगे. यह तो वो गंदी राजनीति में फंस गया है. अपनों ने कुछ गड़बड़ की है.’
माँ बसपा सुप्रीमो मायावती से नाराज़ हैं, मगर खुलकर उसे ज़ाहिर नहीं करती. उन्होंने मायावती के जवाब में इतना ज़रूर कहा, ‘जैसे बहनजी ने चन्द्रशेखर को आरएसएस का एजेंट बता दिया. भाजपा के लोग कह रहे हैं कि वो कांग्रेस के एजेंट हैं. मैं कह रही हूं कि वो समाज का एजेंट है. वो समाज के ख़िलाफ़ कभी नहीं जा सकता.’
चन्द्रशेख़र की गिरफ़्तारी के बाद कांग्रेस के क़द्दावर नेता और मुस्लिमों में लोकप्रिय इमरान मसूद को चन्द्रशेखर के पक्ष में खड़ा करना मां का ही काम है. मां ने तुरंत मीडिया से बात की और पुलिस को चेताया कि ऊंगली मत लगा देना.
ये वही मां थी, जिसने एक सप्ताह पहले पसंद न आने वाला सवाल पूछने पर एक पत्रकार को कहा था कि, ‘ऐसा थप्पड़ मरूंगी कि तुम्हारा बाप भी याद रखेगा.’
उन्होंने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा कि, मेरा बेटा रावण इसलिए लिखता है, क्योंकि वो महिलाओं की बहुत इज़्ज़त करता है और वो चींटी भी नहीं मार सकता. उस पर सारे इल्ज़ाम ग़लत हैं. उसे न्याय मिलेगा और हम क़ानूनी तरीक़े से लड़ेंगे.
अगले दिन मां अपने साथ इमरान मसूद और स्थानीय विधायक मसूद अख्तर को लेकर जेल में पहुंच गईं.
बताते चलें कि पिछले सप्ताह चन्द्रशेख़र की गिरफ्तारी से पहले स्थानीय पुलिस ने चन्द्रशेखर की मां और भाई को डिटेन किया था. चन्द्रशेख़र ने इसके बाद प्रसाशन को चेतावनी देते हुए एक ऑडियो जारी किया था. जिसके बाद उसके भाई और मां को छोड़ दिया गया. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में चन्द्रशेखर की मां अपने उग्र तेवरों के लिए भी चर्चित रही थी.