TwoCircles.net Staff Reporter
लखनऊ : साप्ताहिक उर्दू अख़बार ‘जदीद मरकज़’ के एडिटर हिसामुल इस्लाम सिद्दीक़ी ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक के नाम एक खुला ख़त लिखा है.
इस ख़त में सिद्दीक़ी कहते हैं कि, सूबे के राज्यपाल राम नाईक उत्तर प्रदेश की पिछली समाजवादी सरकार और मौजूदा भाजपा सरकार को अलग-अलग चश्मे से देख रहे हैं.
उन्होंने लिखा है कि, ‘उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार पर प्रदेश के संवैधानिक मुखिया की हैसियत से आप गहरी नज़र रखते थे. हर महीने क़ानून-व्यवस्था, बिजली व्यवस्था और आज़म खां पर आप का कोई न कोई बयान देखकर अच्छा लगता था. एहसास होता था कि सरकार पर सख़्त नज़र रखने वाला कोई सजग प्रहरी राज भवन में बैठा है.’
आगे उन्होंने लिखा है, ‘जनाब, मार्च के आख़िर से अब तक कोई बयान नज़र से नहीं गुज़रा. इससे मुझे बहुत फ़िक्र हुई कि कहीं आपकी सेहत कुछ ख़राब तो नहीं है. इसी फ़िक्र की वजह से आपकी सेहत मालूम करने की गरज़ से यह पत्र आपको लिख रहा हूं. मेरा मानना है कि प्रदेश के संवैधानिक मुखिया की सेहत ज़रूर ठीक रहनी चाहिए.’
उन्होंने यह भी लिखा है कि, ‘अगर सेहत की ख़राबी या किसी और वजह से आप अख़बार न पढ़ सके हों तो मैं आपको अवगत करा दूं कि इस समय प्रदेश में चारों तरफ़ अम्न व अमान है. हां, बलात्कार-हत्या और दंगों की वारदातों में वृद्धि ज़रूर हुई है तो यह कोई महत्व के मामलात नहीं हैं, क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साहब ने विधान सभा में वादा किया है कि प्रदेश को ठीक करने में एक साल का समय लगेगा. हमें उनके आश्वासन पर पूरा भरोसा है. उनका रिकार्ड रहा है कि वह जो कहते हैं करते हैं. प्रदेश के वर्तमान हालात पर चिन्ता करने की आवश्यकता फिलहाल नहीं है.’
ख़त के आख़िर में सिद्दीक़ी राज्यपाल राम नाईक की अच्छी सेहत की दुआ भी मांगी है. वो लिखते हैं, ‘पुनः आपकी सेहत के लिए रमज़ान के पवित्र महीने में अल्लाह से दुआगो हूं. अल्लाह करे आपकी सहेत ठीक रहे ताकि आप पिछली सरकार की तरह वर्तमान सरकार की कोताहियों व लापरवाहियों पर संवैधानिक चाबुक चला सकें.’