‘इस देश में में मुसलमान होना ही देश-भक्ति का प्रमाण है’ — आचार्य प्रमोद कृष्णम

कलीम सिद्दीक़ी

अहमदाबाद (गुजरात) : केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद देश के दलितों और अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की बढ़ती भावना को देखते हुए इनके सुरक्षा और सम्मान के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से आवाजें उठ रही हैं. इसी कड़ी में शनिवार को अहमदाबाद के साबरमती रिवर फ्रंट से हिन्दू-मुसलमानों ने एक साथ हिन्दू राष्ट्र के सपने के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद की.


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जमीअत उलेमा-ए-हिन्द (अरशद मदनी) द्वारा आयोजित क़ौमी एकता कांफ्रेंस में दलित-मुस्लिम और पाटीदार एक साथ एकत्रित हुए. यही नहीं, पाटीदारों और दलितों ने इस सम्मलेन के प्रचार और प्रसार के लिए शिवाजी, सरदार पटेल और बाबा साहेब की तस्वीर के साथ अपने इलाक़ों में बैनर भी लगाए. यह पहला मौक़ा है जब किसी मुस्लिम संगठन के प्रोग्राम में जय सरदार, जय पाटीदार के नारे लगे.

इस कार्यक्रम के आयोजक मुफ़्ती अब्दुल क़य्यूम ने मोदी और योगी सरकार आने के बाद देश में बिगड़ते हालात से निपटने के लिए अप्ल्संख्यकों, दलितों, आदिवासियों, पाटीदारों के अलावा अन्य पिछड़े शोषितों को साथ आने की अपील की है.

गुलज़ार आज़मी ने इस सम्मलेन को गैर-सियासी बताते हुए कहा, हम किसी राजनैतिक दल को हराने या जिताने नहीं आए हैं. हमारे लिए भाजपा हमारी दुश्मन है, लेकिन कांग्रेस भी मुसलमानों की हमदर्द नहीं है. कांग्रेस के समय में मुसलमानों को बम ब्लास्ट के इल्ज़ाम में गिरफ्तार किया जाता था. भाजपा के समय में आईएस के नाम पर पकड़ा जाता है.

बताते चलें कि सम्मलेन को भले ही गैर-राजनैतिक बताया गया हो, लेकिन दलित, मुस्लिम और पाटीदार का जो समीकरण दिखा, उससे यही लगा कि यह सम्मलेन गुजरात की राजनिति को एक नई दिशा देने का प्रयत्न है.

दलित विचारक राजू भाई सोलंकी ने न्यायपालिका के भगवाकरण का इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि, जिस प्रकार से गुजरात हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग की नींव रखते हुए मुख्य न्यायाधीश की मौजूदगी में सिर्फ़ पंडित से संस्कृत के श्लोक बोलवा कर नींव रखी गई. क्या धरती माता सिर्फ़ संस्कृत भाषा ही जानती हैं. धरती माता को मौलवी, सिक्ख, क्रिश्चन की भाषा नहीं आती है. मेरे विरोध करने पर हाईकोर्ट ने बीस हज़ार रुपये का दंड कर दिया. अब समय आ गया है कि पंचर बनाने वाला अशरफ़ और चाय के केटली पर काम करने वाला छाना भाई दातानिया एक साथ आएं और शरीफ़-मोदी की एकता के खिलाफ़ साथ लड़ें, ताकि चार लाख मज़दूरी करने वाले बच्चे स्कूल जाएं.

सिक्ख धर्म गुरु ने सिर्फ़ अपने धर्म को सच्चा बताने वालों की निंदा करते हुए कहा कि, एक दुसरे के धर्म का मान-सम्मान करना चाहिए. मानवता को प्राथिमिकता मिलनी चाहिए.

गौरतलब रहे कि बड़े लम्बे समय के बाद तीस्ता शीतलवाड़ को गुजरात के किसी सम्मलेन में देखा गया. तीस्ता ज़िन्दाबाद के नारों से जनता ने उनका स्वागत किया. उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि, भारत में हिन्दू मुस्लिम एकता को मज़बूत करने की ज़रूरत है. देश की अगली पीढ़ी को सही इतिहास बताया जाए और हिन्दू-राष्ट्र के सपने दिखाने बंद होने चाहिए. हिन्दू-राष्ट्र का सपना संविधान विरोधी है. तीस्ता ने सीआरपीएफ़ और बॉर्डर पर मारे जा रहे सैनिकों पर मोदी सरकार की निंदा करते हुए कार्यवाही की मांग की.

पाटीदार नेता केडी सलाडिया ने कहा कि, ये जुमलों की सरकार है. हत्यारे हैं यह लोग. 2002 में मुसलमानों का क़त्ल किया. इन्हीं लोगों ने हमारे 14 पाटीदार बच्चे भी क़त्ल किये हैं. दलित 5000 साल से लड़ रहे हैं. मुसलमानों को भी सरकार के खिलाफ़ हमारी तरह लड़ना चाहिए और 2017 में दलित, मुस्लिम, आदिवासी और पाटीदार साथ आएं और जुमले वाली सरकार को उखाड़ फेंकें.

गुजरात दलित संगठन के डॉक्टर जयंती माकड़ीया ने कहा, क़ौमी एकता तब तक नहीं हो सकती, जब तक दलितों पर अत्याचार और मुसलमानों की हत्याएं नहीं रूकती. मैं दलित हूं, हिन्दू नहीं. मुझे क्या खाना है ये मैं तय करूंगा. कोई हिन्दू नहीं. चाय और गाय के खिलाफ़ मुस्लिमों और दलितों को एक साथ लड़ना पड़ेगा.

इस क़ौमी एकता कांफ्रेंस के मुख्य अतिथि आचार्य प्रमोद कृष्णम थे. कृष्णम ने कहा ये बापू की धरती है. वही बापू जिससे अंग्रेज़ थरथर कांपते थे. लेकिन देश आज़ाद होते ही अंग्रेज़ों की दलाली करने वाले मुख़बिरों ने गांधी की छाती को छलनी कर दिया. जिनके पुरखों ने गांधी के साथ देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी, देश के लिए क़ुरबानी दी, उनसे अंग्रेज़ों के दलाल देशभक्ति का सर्टिफिकेट मांग रहे हैं. इस देश में में मुसलमान होना ही देश-भक्ति का प्रमाण है.

आगे उन्होंने कहा कि, गांधी, गंगा, गाय और गुजरात के नाम पर राजनीति की पोल खुल गई. इन लोगों ने गांधी को क़त्ल कर उनका चश्मा चुरा लिया और चश्मे पर स्वच्छ भारत लिख दिया. कांग्रेस लकवाग्रस्त है. गांधी के साथ साथ पटेल को छीन लिया. सपने से नहीं जगे तो इंदिरा भी छीन ली जाएगी. गंगा मैय्या के नाम पर 54000 कहां गए, पता ही नहीं चला. तीन साल में तीन इंच गंगा साफ़ नहीं हुई. वह तो अच्छा है कि मुसलमान गंगा कम नहाते हैं नहीं तो संघी कहते कि मुसलमानों ने गंगा मैली कर दी.

उन्होंने आगे चुटकी लेते हुए कहा कि, गाय की बात करते हैं. गाय गुजरात में माता है. मणिपुर असम में फूफी, गोवा में चाची. केंद्र में पूर्ण बहुमत है. गाय पर क़ानून लाकर पूरे भारत में गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगाते. विपक्ष को फाइलें दिखाकर उनकी बत्ती गुल कर रखी है.

आचार्य प्रमोद ने तीन तलाक़ के मुद्दे पर कहा कि किसी को भी जबरन किसी के मज़हब व अक़ायद में घुसने की ज़रूरत नहीं. मेरा दीन मेरे साथ, तुम्हारा दीन तुम्हारे साथ. मज़हबी दखल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

प्रमोद कृष्णन ने मोदी सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि कश्मीर जल रहा है. रोज़ाना पाकिस्तान ज़िन्दाबाद के नारे लग रहे हैं. 25-25 जवानों को एक बार में नक्सली मार देते हैं. सरकार खामोश रहती है, क्योंकि इनकी नियत में खोट है.

अंत में जमीअत के सदर मौलाना अरशद मदनी ने देश की आज़ादी की लड़ाई में जमीअत का क्या किरदार रहा, उस पर लोगों को अवगत कराया. देश एक सेक्युलर राष्ट्र बने, इस के लिए 1938 में कांग्रेस के हरीपुर, सूरत के अधिवेशन में प्रस्ताव पास करवाया था. देश के बंटवारे पर दस्तख़त कांग्रेस ने किये थे, हमने नहीं. हम सेक्युलर राष्ट्र के पक्ष में हैं और रहेंगे. हिन्दू-राष्ट्र नेपाल में भी नहीं रहा और भारत भी कभी हिन्दू राष्ट्र नहीं बनेगा. देश में संघ के कारण फ़िरक़ापरस्ती बढ़ रही है. उसके लिए कांग्रेस ज़िम्मेदार है, जिसने इन साँपों को दूध पिलाया.

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