TwoCircles.net Staff Reporter
नई दिल्ली : साल 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने की घटना की सुनवाई में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता आडवाणी-जोशी समेत सभी 12 आरोपियों पर आपराधिक साज़िश का मुक़दमा चलाने जाने के फ़ैसले का ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत के अध्यक्ष नवेद हामिद ने स्वागत किया है.
TwoCircles.net से बातचीत में नवेद हामिद ने कहा कि, सुप्रीम कोर्ट अपने निचली अदालत को हिदायत दे कि इस मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन हो और इसका फ़ैसला एक साल के अंदर किया जाए ताकि इस केस का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं किया जा सके. क्योंकि एक संभावना यह है कि अगर 2019 के पहले इसका फ़ैसला नहीं आया तो इसका इस्तेमाल भाजपा द्वारा 2019 लोकसभा चुनाव में वोट के लिए किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि, लालकृष्ण आडवाणी जी हमेशा अपने स्वच्छ छवि और नैतिकता आधारित राजनीति की बात करते हैं. अब जब अदालत ने उन पर मुक़दमा चलाने का आदेश दे दिया तो ऐसे में आडवाणी जी को तुरंत अपने पुरानी इमेज को बरक़रार रखते हुए इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. अगर वो सोचते हैं कि उनके ऊपर लगे आरोप ग़लत हैं तो उन्हें अदालत पर भरोसा रखना चाहिए. वो दोबारा ज़्यादा अच्छे वोटों से चुनाव जीत कर आ सकते हैं.
आगे उन्होंने कहा कि, प्रधानमंत्री मोदी बताएं कि अदालत के इस फ़ैसले पर उनका क्या स्टैंड है? वो हमेशा कहते रहे हैं कि जो दाग़ी हैं उन्हें राजनीति में रहने नहीं देंगे. आपके यहां एक मंत्री दाग़ी है. उसने खुलेआम क़ानून की धज्जियां उड़ाई हैं. पूरे हिन्दुस्तान की सौहार्द को छलनी करने की कोशिश की है. आप उन्हें कब हटा रहे हैं?
नवेद हामिद ने राष्ट्रपति से राज्यपाल कल्याण सिंह को उनके पद से हटाने की मांग की. उन्होंने कहा कि, महामहिम राष्ट्रपति से हमारा अनुरोध है कि वो अपने लीगल एक्सपर्ट से राय लेकर राज्यपाल कल्याण सिंह पर भी मुक़दमा चलाने की सहमति दें. क्योंकि ये देश की एकता अखंडता का मामला है. और वो खुद 2012 में मीडिया में यह बयान दे चुके हैं कि ‘मेरे इशारे पर गिराई गई बाबरी मस्जिद’. तब उन्होंने खुद बाबरी मस्जिद गिराने की पूरी ज़िम्मेदारी ली थी. उन्होंने खुद ही खुलासा करते हुए कहा था कि हमारी ओर से कारसेवकों पर गोली ना चलाने का आदेश दिया गया था. ऐसे में महामहिम राष्ट्रपति कल्याण सिंह को राज्यपाल पद से बरखास्त करें.
बताते चलें कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को जब बाबरी मस्जिद गिराई गई, उस समय उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह के नेतृत्व में भाजपा की सरकार थी. कल्याण सिंह इस समय राजस्थान के राज्यपाल हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ़ तौर पर कहा है कि राज्यपाल रहते हुए उनपर कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा. यानी राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके कार्यालय छोड़ने के बाद ही उनके खिलाफ मामला चलाया जा सकता है.