TwoCircles.net Staff Reporter
पटना : राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) के डीएलएड की परीक्षा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. देश भर से लाखों अप्रशिक्षित शिक्षक इस परीक्षा में शामिल हो रहे हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि NIOS द्वारा ऑनलाईन फार्म में मीडियम के स्थान पर भाषाओं की सूची में उर्दू को जगह नहीं दी गई है.
ग़ौरतलब रहे कि अभी कुछ महीने पहले दरभंगा के इमाम हसन द्वारा आरटीआई से मांगी गई सूचना के जवाब में NIOS ने स्पष्ट किया था कि NIOS के डीएलएड कोर्स प्रशिक्षण सत्रीय कार्य तथा परीक्षा की कॉपी उर्दू में लिखी जा सकती है.
लेकिन अब जबकि NIOS ने परीक्षा के लिए ऑनलाईन फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू की है तो मीडियम के स्थान पर भाषाओं की सूची से उर्दू को हटा दिया गया है.
NIOS से डीएलएड का कोर्स करने वाले शिक्षकों का कहना है कि, NIOS की ओर से कोर्स के दौरान उर्दू में विषय-वस्तु और दूसरी सामग्रियां भी प्रदान नहीं की गई, जबकि हिन्दी सहित दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में विषय-वस्तु और पाठयक्रम मुहैया किया जाता रहा है.
उर्दू के साथ भेदभाव भरे इस रवैये पर ‘अल-मंसूर एजुकेशनल एंड वेलफेयर ट्रस्ट’ के सचिव एवं त्रैमासिक उर्दू पत्रिका दरभंगा टाईम्स के संपादक कामरान ग़नी सबा ने आक्रोश प्रकट करते हुए NIOS से यथाशीघ्र उर्दू को दूसरी भाषाओं के साथ सूची में शामिल करने की मांग की है.