आस मुहम्मद कैफ़, TwoCircles.net
मेरठ : मेरठ में 25 फ़रवरी को होने वाला आरएसएस का ‘राष्ट्रोदय स्वयंसेवक समागम’ के लिए लगे होर्डिंग्स को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. वाल्मीकि समाज ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का विरोध करने का ऐलान किया है.
यहां बड़े स्तर पर आरएसएस के ज़रिए ‘राष्ट्रोदय स्वयंसेवक समागम’ का आयोजन किया जा रहा है. इसमें 3 लाख संघ कार्यकर्ताओं के जुटने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यक्रम की तैयारियों के मद्देनज़र पूरे शहर में होर्डिंग्स लगाए गए हैं.
इन होर्डिंग्स में महर्षि वाल्मीकि चोखामेला और संत रविदास को अस्पृश्य लिखने पर वाल्मीकियों में उबाल है.
सोमवार को वाल्मीकि समाज के लोगों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया और शहर भर में लगे हुए आरएसएस के होर्डिंग्स को फाड़े डाले.
इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व विपिन मनोठिया ने किया. उनकी पत्नी दीपू मनोठिया को समाजवादी पार्टी ने हाल ही में मेयर चुनाव में प्रत्याशी बनाया था.
विपिन मनोठिया ने TwoCircles.net से बातचीत में कहा कि, मेरठ क्रांति की भूमि है. यहां महर्षि वाल्मीकि का अपमान हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. आरएसएस के इस समागम का विरोध किया जाएगा. इस कार्यक्रम के समस्त होर्डिंग्स 24 घंटे में उतार लिया जाए, वरना पुरे प्रदेश में वाल्मीकि समाज आरएसएस का विरोध करेगा.
उन्होंने कहा कि पूरे शहर में लगाए गए होर्डिंगों में महर्षि वाल्मीकि और रविदास जी को अस्पृश्य लिखा गया है, जो हमारी भावनाओं के आहत करने का मामला है. इससे पहले सरकार रविदास जयंती की छुट्टी रद्द कर चुकी है. यह दलितों के सीधे-सीधे अपमान का मामला है.
एसपी सिटी मान सिंह चौहान का कहना है कि, एक समाज के लोगो में होर्डिंग की भाषा शैली पर आपत्ति जताई गई है और होर्डिंग फाड़ दिए जाने की बात सामने आई है. सभी जगह पुलिस मौक़े पर पहुंच गई और तनाव जैसी कोई स्थिति नहीं है.