TCN News
लखनऊ: सांप्रदायिक सौहार्द को तहस-नहस करने की तमाम कोशिशों के बावजूद इस परंपरा पर कोई आंच नहीं आयी, यही कारण है कि रोजा इफ्तार हो या होली मिलन, इलाके के लोग जाति-धर्म से ऊपर उठ कर उसके आयोजन में कार्यों में आज भी जुड़े रहते हैं.
इंदिरा नगर स्थित गाजीपुर और उससे सटी आवास विकास कालोनी में फैली भीषण गंदगी ने सामूहिक रोजा इफ्तार के आयोजन पर रोक लगा रही है. इससे साफ़ ज़ाहिर है नगर निगम अपनी जिम्मेदारी से लगातार मुंह चुराने की कोशिश कर रही है. इंसानी बिरादरी ने प्रशासन के इस रवैये को रोजेदारों और सामूहिकता की भावना का अपमान करार दिया है.
इंसानी बिरादरी के खिदमतगार वीरेन्द्र कुमार गुप्ता ने बताया कि 21 मई को 75 स्थानीय नागरिकों ने इस बावत नगर निगम के इंदिरा नगर स्थित जोनल आफिस में उप नगर आयुक्त को संबोधित मांगपत्र सौंपा है. मांगपत्र की प्रतिलिपि नगर आयुक्त और जल संस्थान को भी प्रेषित की गयी है. लेकिन अभी तक किसी तरह की सुगबुगाहट के आसार नजर नहीं आ रहे.
उन्होंने आगे बताया कि इलाके में पसरी गंदगी के बीच कल मजार के पास सालाना उर्स और मेला भी शुरू हो गया. इतना ही नहीं पिछले साल मोहर्रम के अगले दिन 2 अक्टूबर को सीवर लाइन बिछाने के लिए गलियां खोदी गयी थीं लेकिन उसे जस का तस छोड़ दिया गया.
कार्यकर्त्ता ने आगे बताया कि दोनों मेनहोल भी अधखुले पड़े हैं. उसके ढक्कन जर्जर हो चुके हैं. सीवर का पानी अक्सर उफनता रहता है- बीमारी और बदबू का सोता हो गया है. सी ब्लाक मस्जिद के पीछे स्थित मजार के पास मलबे का ढेर है जिसके पास रोजा में इफ्तार समेत तमाम सामाजिक कार्यक्रमों के लिए खाने-पीने का सामान पकाया जाता है.
इंसानी बिरादरी की ओर से भेजे गए मांगपत्र में अनुरोध किया गया है कि रोजा अफ्तार की गली को दुरूस्त किया जाये, दोनों मेनहोल के ढक्कन बदले जायें और मजार के पास पड़ा मलबा हटाया जाए, ताकि पवित्र रमजान के दौरान स्वच्छता के साथ रोजा अफ्तार का आयोजन किया जा सके.