आस मोहम्मद कैफ | मुज़फ्फरनगर
लगभग ढाई महीने पहले त्रिपुरा में मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले जाहिद की भीड़ द्वारा पीट कर हत्या कर दी थी. जाहिद, त्रिपुरा में फेरी लगा कर कपडे बेचने का काम करता था.
जाहिद की लिंचिंग बच्चा चोरी की अफवाह पर २८ जून को त्रिपुरा में हुई. अखबारों और अन्य मीडिया में कुछ दिन तक काफी सुर्खियाँ रही. जाहिद एक बेहद गरीब परिवार का था. अभी तक उसको कोई सरकारी मदद नहीं मिली. जाहिद के तीन बच्चे है.
इसी बीच उसकी पत्नी शमा परवीन (३७) ने ओरिएण्टल इंश्योरंस कंपनी ने मुख्यमंत्री किसान सर्वहित बीमा योजना के तहत बीमा राशी के लिए आवेदन दिया. जाहिद के पास 2 बीघा जमीन थी और उत्तर प्रदेश सर्वहित किसान बीमा योजना के अंतर्गत दुर्घटनावश अथवा हत्या हों जाने किसान की मौत के बाद उसके परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा मिलता है.
लेकिन बीते शुक्रवार को शमा परवीन के नाम एक चिट्ठी ओरिएंटल इंशोरियस कंपनी की मुजफ़्फ़रनगर शाखा ने भेजी है. इस चिट्ठी में लिखा है, “मृतक की हत्या पब्लिक द्वारा की गई क्योंकि हत्या के समय मृतक अपहरण के प्रयास में अपराध में शामिल था,अतः हत्या के समय आपराधिक योजना में लिप्त है तो दावा तय नहीं है, पत्रावली बंद की जाती है”.
जाहिद की हत्या की जाँच कर रहे त्रिपुरा पुलिस के विवेचक जुगल किशोर के मुताबिक, “यह एक एकदम गलत बात है हमने जांच की है 2 लोग गिरफ्तार हुए है जाहिद यहाँ फेरी लगाने का काम करता था, उसके किसी अपराध में शामिल होने का कोई सबूत नही मिला है”.
जाहिद के परिजन ने अपने आप बीमा राशि के लिए आवेदन नहीं किया था. इस योजना में उनके परिवार ने आवदेन किया,स्थानीय तहसील से इसकी जांच हुई सम्भलहेड़ा लेखपाल अमित कुमार ने इसकी जांच की दावा सही पाए जाने पर तहसीलदार ने इसकी संस्तुति की और पत्रावली बीमा कम्पनी को भेज दी गई.
जाहिद की मौत चार महीने बाद जब उसकी बीवी की इद्दत के 15 दिन बचे हुए है तो यह चिट्ठी आई है,जाहिद की 68 साल की मां बानो कहती है “मेरे बेटे के खिलाफ सारे हिंदुस्तान के थाने में कोई रिपोर्ट हो तो मुझे फांसी पर चढ़ा दो,मदद नही करनी थी तो बता देते कलंक लगाने की क्या जरुरत थी”.
मुजफ़्फ़रनगर के एडवोकेट राव लईक कहते हैं”बीमा कम्पनी को इसका जवाब देना होगा,हम उसे अदालत में घसीट लेंगे इससे बड़ा दुस्साहस कैसे हो सकता है,यह निहायत ही शर्मनाक मामला है,तहसीलदार की जांच में वो किसान सिद्ध हुए है उनके पास 2 बीघा(1/3 एकड़) जमीन है,उनके खिलाफ कहीं कोई आपराधिक मामला दर्ज नही है.”
28 जून को त्रिपुरा के सिधाई मोहनपुर में फेरी लगाकर सामान बेचने वाले जाहिद अपने दो साथियों के बच्चा चोरी की अफवाह के भीड़ द्वारा घेरकर मार दिए गए थे, उनके दोनों साथी इसमें गंभीर घायल हुए थे, जाहिद को भीड़ ने थाने के अंदर घुसकर मारा था,बाद में सीआरपीएफ कमांडो ने आकर उनके साथियों को बचाया था,यह अफवाह व्हाट्सप से फैलाई गई थी इसके बाद जाहिद के गाँव सम्भलहेड़ा से सैकड़ो युवाओं ने बाहर जाकर फेरी करना छोड़ दिया.
जाहिद के भाई जावेद (28)कहते है सरकार को हमारी मदद नही करनी है तो हम समझते है मगर यह हमारे ज़ख्मो पर नमक क्यों छिड़क रहे हैं! एक मर चुके आदमी पर बोहतान (लांछन) क्यों लगा रहे हैं. जाहिद के गाँव के साबिर (56) कहते है कुछ नही है बस उसका मजहब मुसलमान है,यह सब इसलिए हो रहा है.
ओरिएंटल इंशोरियस कंपनी के लोग इस पर शांत है, वो जवाब देने से बच रहे है गाँव में आकर जांच करने वाले प्रेमचंद कहते है मैंने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी अब यह सब अधिकारियो ने किया है,मैं इसमें कुछ नही कह सकता,कम्पनी के अधिकारी नरेश टांक भी इसे टाल जाते है वो कहते है, “मुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है,कुछ मामले बहुत बड़े स्तर पर तय किए जाते है”.
ओरिएंटल इंशोरियस कंपनी किसानों को फसल बीमा भी देती है जिसके काम भी सरकार ने इन्हें ही सौंप रखा है, मुजफ़्फ़रनगर के जिस बीमा अधिकारी मूलचंद ने यह पत्र जारी किया है उनपर पहले ही साम्प्रदायिक भेदभाव के आरोप किसान लगाते रहे है. वो बात नहीं कर रहे हैं.
देहरादून स्थित मुख्य ब्रांच के प्रबंधक मिलापचंद के मुताबिक ओरिएंटल इंशोरियस कंपनी बेहद निष्पक्षता से अपना काम करती है,यह अत्यंत गंभीर प्रकृति की शिकायत है.बीमा कम्पनी जाँच पड़ताल तो करती है मगर बिना किसी आपराधिक इतिहास के वो किसी को अपराधी नही लिख सकती, हम इसकी जांच करेंगे कि ऐसा क्यों किया गया!