आस मोहम्मद कैफ TwoCircles.net
तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधान सभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस सरकारों का गठन हो चुका है. सम्बंधित मुख्यमंत्री अपना कार्यभार संभाल चुके है. मंत्रिमंडल का गठन और कार्यभार का बंटवारा कर दिया गया है. कांग्रेस ने इन तीनों राज्यों में एक-एक मुसलमान को कैबिनेट मंत्री जरूर बनाया है इन तीन राज्यों में कांग्रेस के मुस्लिम विधायको की संख्या दस हैं.
राजस्थान
इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में बनी सरकार ने एक मुसलमान सालेह मोहम्मद को कैबिनेट मंत्री बनाया है. सालेह मोहम्मद को अल्पसंख्यक,वक्फ और जनाभियोग निराकरण मंत्रालय दिया गया हैं. सालेह दूसरी बार विधायक बने हैं.
वैसे ये कोई बड़ी बात नहीं हुई. पिछली भारतीय जनता पार्टी की वसुंधरा राजे सरकार में भी डीडवाना से जीतने वाले विधायक यूनुस खान को महत्वपूर्ण लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया था. यूनुस खान, कांग्रेस के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से टोंक विधान सभा में हार गए है.
राजस्थान में कुल 8 मुस्लिम विधायक चुनाव जीते है. इनमे से 7 कांग्रेस के है.
सालेह मोहम्मद ने भाजपा के संत प्रतापपुरी को पोखरण सीट से हराया हैं. इनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभा करी थी. इस समय सालेह मोहम्मद की खबरों में आने की वजह शिव मंदिर में उनके द्वारा पूजा किया जाना है. मंत्री बनने के बाद बुधवार को जैसलमेर पहुंचे सालेह मोहम्मद शिव मंदिर पहुंचे और सामाजिक समरसता का सन्देश दिया मंदिर में पहुंचने के बाद सवालों के घेरे में आने के बाद सालेह मोहम्मद कहते है, “बाहर से आएं कुछ नेताओं ने जैसलमेर की धरती को हिन्दू-मुस्लिम में बांटने की कोशिश की जबकि हम यहां मिल जुलकर रहते आए है, वो सरकार में अल्पसंख्यक मंत्री है तो जाहिर है वो अल्पसंख्यक हितों का ख्याल रखेंगे मगर एक इंसान और जिम्मेदार ओहदे के तौर पर उनके दरवाजे सबके लिए खुले है”.
सालेह मोहम्मद जैसलमेर के मशहूर मुस्लिम संत ग़ाजी फ़क़ीर के बेटे है और मुस्लिम कलन्दर समुदाय उन्हें अपना धर्मगुरु मानता है. जयपुर के राजनीतिक मामलों के जानकार सिराज मिर्ज़ा कहते है “अब ऐसी स्थिति में भी तीनों राज्यों की सरकारों ने केवल मुसलमान मंत्री बनाया बल्कि उनको बढ़िया पोर्टफोलियो भी दिया, बिना किसी नाराजगी से डरे हुए,यह बताता है कि नई सरकारें मुसलमानो को साथ लेकर चलना चाहती है मगर सवाल है ये मंत्रीगण लोगों की उम्मीद पर कितना खरा उतरते है!”.
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मध्यप्रदेश
इस राज्य में पिछले 15 साल से कोई मुसलमान मंत्री नही बनाया गया. इस बार उत्तर प्रदेश के कोशाम्बी जिले के मूल निवासी 67 साल के आरिफ अकील भोपाल नार्थ से पांचवी बार विधायक बने है. लगातार पांचवी बार विधायक बनने वाले आरिफ अकील को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. उनकी पहचान भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने की भी है. उन्हें अल्पसंख्यक कल्याण विभाग,पिछड़ा वर्ग कल्याण और सूक्ष्म लघु उधोग के अतिरिक्त भोपाल गैस त्रासदी पुनर्वास विभाग भी दिया गया है.
भोपाल के वसी मंसूरी कहते है “भाजपा सरकार में मुसलमानों के साथ निश्चित भेदभाव हुआ है उन्हें बिजली पानी की समस्याओं से भी जूझना पड़ा है साथ ही पुलिस ने उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया उम्मीद है आरिफ अकील साहब मुसलमानों के भीतर आई एहसास कमतरी की भावना को दूर करने की कोशिश करेंगे”. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दो मुसलमान विधायक हैं.
छत्तीसगढ़
यहाँ की कवर्धा विधानसभा सीट से जीतने वाले कांग्रेस के मोहम्मद अकबर सूबे में एकमात्र मुस्लिम विधायक है और काबीना मंत्री बनाये गए है. मोहम्मद अकबर ने भाजपा के अशोक साहू को 59 हजार वोटों से हराया वो चौथी बार विधायक बने हैं. उन्हें 1 लाख 32 हजार वोट मिले जबकि उनकी विधानसभा में मुसलमानों की आबादी बहुत अधिक नही है. भूपेश बघेल सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया है सरकार में उन्हें परिवहन विभाग के साथ आवास एवं पर्यावरण खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण विभाग भी दिया गया है.कई मुस्लिम संस्थाओं से जुड़े तारिक सिद्दीकी कहते है”मोहम्मद अकबर छत्तीसगढ़ में इससे पहले तीन बार विधायक रहें है जाहिर उनकी स्वीकार्यता और लोकप्रियता है इस बार उन्होंने रिकॉर्ड जीत हासिल की उनका मंत्री बनाये आश्चर्य नही है वो इसके योग्य है उन्होंने ऐसी जगह जीत हासिल की है जहां मुसलमानों की आबादी बहुत अधिक नही है इससे उनकी पसंद का अंदाजा लगाया जा सकता है.”
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मोहम्मद अकबर इससे पहले अजीत जोगी सरकार में भी मंत्री रहे चुके है उन्होंने रमन सिंह सरकार कब खिलाफ काफी संघर्ष किया, इससे खुश होकर कांग्रेस ने रमन सिंह सरकार के खिलाफ आरोपपत्र बनाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी और उन्हें समिति का संयोजक बनाया गया था.