फ़हमीना हुसैन, TwoCircles.net
आज भी मुसलमानों का एक बड़ा तबका कब्रिस्तान का फर्क सहने को मज़बूर है। हालांकि समाज में जातीय भेदभाव को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं।
मुस्लिम समाज में भी पसमांदा मुसलमानों और दलित मुस्लिमों को लेकर भी ऐसे कई प्रक्रिया अभी भी मौजूद हैं लेकिन धार्मिक भावनाओं के आहात से ऐसे सवाल को कभी उठाया नहीं गया।
उत्तर प्रदेश, बिहार के कई ऐसे जिले हैं जहाँ मुसलमानों की ऊँची जाति के लोगों का कब्रिस्तान अलग और दलित-मुस्लिमों के लोगों का कब्रिस्तान अलग मौजूद है।
चुकि मुस्लिम समाज में इस फर्क को लेकर ज्यादा सवाल नहीं हुआ है इसलिए लोग अभी भी या तो इस पर बात नहीं करते या करना नहीं चाहते। क्यूंकि इस पूरी प्रक्रिया में धार्मिक भावनाएं जुडी हैं लेकिन कहीं न कहीं ये पूरी तरह भेदभाव का मामला है…
https://youtu.be/Fv7NrbRyKPs